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Surya Grahan प्रभाव (Effects) 2021: राजनीति हलचल और कोरोना महामारी पर कैसा पड़ेगा सूर्य ग्रहण का असर, जानिए..
Surya Grahan effect 2021 सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा का मिथुन राशि,मृगशीर्षा नक्षत्र और ग्रहों की युति का स्वास्थ्य-राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव (Surya Grahan effect)...
ज्येष्ठ की अमावस्या के दिन 10 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस दिन लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत सी वजहों से खास है। इस दिन के ग्रहण का प्रभाव लोगों पर शुभ पड़ने वाला है। सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य वृष राशि में और चंद्रमा का मिथुन राशि में साथ में मृगशीर्षा नक्षत्र ग्रहण के दौरान होने से देशकाल का स्वास्थ्य और राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ने वाला है।
सूर्य ग्रहण का राजनीति पर असर (Effect on politics)
सूर्य ग्रहण के फलस्वरुप ग्रहों की स्थिति का राजनीति जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ने वाला है। देश की राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। कई तरह से राजनीति उठा-पटक होंगे। इस क्षेत्र के किसी बड़े राजनेता की मौत से राजनीति जगत को क्षति पहुंच सकती है। कहीं-कहीं राजनीति हलचल और राजनेताओं का दल-बदल, सरकार की रणनीति पर असर डालेगा। कुछ राजनीतिज्ञ के छवि भी धुमिल हो सकती है।
स्वास्थ्य पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव (Effect on health)
आगामी सूर्य ग्रहण के परिणामस्वरुप कोरोना महामारी के शुभ संकेत मिल रहे है। कोरोना का जो विकराल रुप पिछले दिनों से देश -दुनिया में चल रहा है। उसका असर अब कम होने लगा है।
ज्योतिषर्विदों के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय राहु, मिथुन का चंद्र में और वृष का सूर्य में होना बहुत खास है। इससे लोगों का स्वास्थ्य सुधरेगा। वृषभ राशि में आकर सूर्य राहु से युति करेंगे और शुक्र और बुध भी गोचर करेंगे। तब मिथुन राशि में उस समय मंगल और चंद्रमा रहेंगे।इससे अच्छे संकेत भी मिलेंगे। इस कारण देश में कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी। मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। देश में फैला डर का माहौल खत्म होगा। लोगों में अनुकूलता और आरोग्यता भी बढ़ेगी।
सूर्य ग्रहण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (effect on economy)
देश की अर्थव्यवस्था के लिए सूर्य ग्रहण शुभ रहेगा। कीमती वस्तुओं की कीमतें घटेंगी। फिर से बाजार की रौनक लौटेगी। कारोबारियों के लिए समय अच्छा रहेगा। लेन-देन और निवेश में कई लोगों को फायदा मिल सकता है। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। आय और नौकरी के क्षेत्रों में वृद्धि होगी।