×

नहीं होगा कोई अवसाद, नहीं होगा नेत्र विकार, जब करेंगे नित्य ऐसे सूर्य नमस्कार

ॐ मित्राय नमः , ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः व ॐ श्री सवितृसूर्यनारायणाय नमः।

suman
Published on: 18 May 2023 12:10 PM GMT (Updated on: 18 May 2023 1:06 PM GMT)
नहीं होगा कोई अवसाद, नहीं होगा नेत्र विकार, जब करेंगे नित्य ऐसे सूर्य नमस्कार
X

जयपुर: सूर्य हमें अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने का काम करता है इसलिए हमें हर रोज सुबह सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। सूर्य भगवान की कृपा जिस जीव पर होती है, उसे जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती है। अगर सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं तो मनुष्य को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।सुबह सुबह सूर्य नमस्कार की परम्परा सदियों से चली आ रही है। यह परम्परा वैज्ञानिक दृष्टि से फलदायी है।

सूबह सूर्य को देखना नेत्र विकार को दूर करता है। प्रात:काल हर व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना चाहिए, इससे जीवन में शुभफल मिलता है। यश-कीर्ति में बढ़ती है। जीवन के संकट दूर होते हैं। मन में सात्विकता की प्रधानता होती है। इस युग में सूर्य ऐसे भगवान है, जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते हैं। हर दिन सूर्य नमस्कार करने से विचारशीलता बढती है और जीवन में सकारात्मकता का उदय होता है।

Weather Update: अचानक बदले तेवर से बढ़ी भारी बारिश की संभावना, यहां अलर्ट जारी

सूर्य नमस्कार के पीछे वैज्ञानिक तर्क है कि जल चढ़ाते समय पानी से आने वाली सूर्य की किरणें, जब आंखों हमारी में पहुंचती हैं तो आंखों की रोशनी अच्छी होती है। साथ ही सुबह की धूप भी त्वचा के लिए भी लाभकारी होती है।

शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य को जल चढ़ाने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। कुंडली में सूर्य के अशुभ फल समाप्त होते हैं।

नियम नित्य सुबह उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहन तांबे के बर्तन में जल व लाल चंदन मिलाकर दोनों हाथों को सीधा कर सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए। ध्यान रहे कि अर्ध्य देते समय पानी पैरों पर नहीं आएं। अर्ध्य के समय इस मंत्र का ऊॅँ घूणि सूर्याय नम: जाप करना चाहिए।

रविवार 22 SEPT को है जिवितपुत्रिका व्रत, निराहार रहकर करती है मांएं दीर्घायु संंतान की कामना

आंखों की रोशनी के लिए सूर्य को दिए जल जो भूमि पर पड़ा है उसे अपनी उंगलियों से आंखों पर लगाएं, कभी नेत्र विकार नहीं होगा। हमेशा ताम्बे का कड़ा पहने। नित्य प्रतिदिन इन मंत्रों से सूर्य को स्मरण करें-

ॐ मित्राय नमः , ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः व ॐ श्री सवितृसूर्यनारायणाय नमः।

suman

suman

Next Story