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पति-पत्नी के बीच तनाव या तलाक? तलाक से बचने के ज्योतिषीय उपाय | जानिए तलाक के मुख्य कारण

तलाक से बचने के उपाय: पति-पत्नी के बीच तनाव या तलाक (Pati-Patni ke bich Tanaav ya Talaak Kyu) ?: सातवें घर में पापी ग्रह हों व चंद्रमा व शुक्र पापी ग्रह से पीड़ित हो पति-पत्नी के तलाक लेने के योग बनते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 12 July 2021 4:19 PM IST
तलाक से बचने के उपाय
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तलाक से बचने के उपाय    सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

पति-पत्नी के बीच तनाव या तलाक (Pati-Patni ke bich Tanaav ya Talaak)?

एक गाड़ी के दो पहिये है पति-पत्नी । जैसे समय बदल रहा है, शादी को लेकर लोगों के विचार भी बदलते जा रहे हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए, शादी का मतलब और शादी के बारे में राय अलग-अलग हैं। आजकल लोग शादी को परेशानी समझते हैं लेकिन ऐसा क्यों है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विवाह भंग या तलाक का होना कई बातों पर निर्भर करता है। छोटी सी बात पर शुरू हुआ झगड़ा तलाक की दहलीज तक पहुंच जाता है। जिस जोड़े को आप कुछ समय पहले तक साथ देखते है वो

तलाक के मुख्य कारण, पति-पत्नी के बीच तलाक का क्या कारण होता है?

पति-पत्नी के बीच झगड़ा और तलाक कुंडली में पंचमेश, सप्तमेश, अष्टमेश, द्वादशेश द्वारा प्राप्त अंक, पंचवें, सातवें, आठवें व बारहवें भावों का बल, द्वितेश पंचमेश, सप्तमेश, अष्टमेश, द्वादशेश का इष्ट और फल पर भी निर्भर करता है। सर्वाधिक रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि सप्तम भाव और सप्तम भाव का स्वामी किस पापी और क्रूर ग्रह से सर्वाधिक रूप से प्रताडि़त है। सप्तम भाव में सूर्य, राहू शनि व मंगल की उपस्थिति या सप्तमेश का नीच या वेधा स्थान में बैठकर पापी व क्रूर ग्रह से पीड़ित होना तलाक या अलग होने के साथ झगड़े का कारण बनता है।

  • सातवें भाव में बैठे द्वादशेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है। बारहवें भाव में बैठें सप्तमेश से राहु की युति हो तो तलाक होता है। पंचम भाव में बैठे द्वादशेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है। पंचम भाव में बैठे सप्तमेश से राहू की युति हो तो तलाक होता है।
  • सातवें भाव का स्वामी और बाहरवें भाव का स्वामी अगर दसवें भाव में युति करता हो तो में तलाक होता है। सातवें घर में पापी ग्रह हों व चंद्रमा व शुक्र पापी ग्रह से पीड़ित हो पति-पत्नी के तलाक लेने के योग बनते हैं।
  • सप्तमेश व द्वादशेश छठे आठवें या बाहरवें भाव में हो और सातवें घर में पापी ग्रह हों तो तलाक के योग बनते है। सातवें घर में बैठे सूर्य पर शनि के साथ शत्रु की दृष्टि होने पर तलाक होता है।

तलाक से बचने के उपाय

ज्योतिष के अनुसार इन समस्याओं से मुक्ति पाने का सबसे आसान और सरल समाधान है एकादश रुद्रावतार हनुमान जी की आराधना। जैसे हनुमानजी ने भगवान राम और सीता माता का मिलन करवाया। उर्मिला व सीता के सुहाग की रक्षा की वैसे ही हनुमान जी की पूजा से जीवनसाथी से मनमुटाव नहीं होता है। ठीक उसी तरह शनि, मंगल, राहु और सूर्य की सप्तम भाव में युति के पश्चात् भी हनुमान जी की शरण जाकर दांपत्य जीवन सामान्यतः सुखद बनाया जा सकता है।

  • तलाक टालने हेतु सात मंगलवार 7 लौंग, 7 नींबू, 7 सुपारी, 7 जायफल, 7 मेलफल, 7 सीताफल 7 तांबे के त्रिकोण टुकड़े लाल कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
  • सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में गुड़ की रोटी व टमाटर के साग का भोग लगाकर किसी वृद्ध दंपति को खिलाएं।
  • शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार 7 जैतून, 7 अमरूद, 7 काले जामुन, 7 बेर, 7 बादाम, 7 नारियल, 7 काले द्राक्ष काले कपड़े में बांधकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
  • तलाक की स्थिति को शत प्रतिशत समाप्त करने के लिए एक-एक दाना 12मुखी + 11मुखी + 10मुखी + गौरीशंकर + 8मुखी +7मुखी + 6मुखी रुद्राक्ष प्राण प्रतिष्ठित करवाकर पहनें।
  • दक्षिमुखी हनुमान मंदिर से प्राप्त सिंदूर जीवनसाथी के चित्र पर लगाएं।
  • राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 7 नारियल चढ़ाएं।
  • राहू के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार शाम के समय दक्षिणमुखी हनुमान जी की उल्टी सात परिक्रमा लगाएं।
  • शनि के कारण तलाक की स्थिति में सात शनिवार हनुमान जी के चित्र पर गुड़ का भोग लगाकर काली गाय को खिलाएं।
  • सूर्य के कारण तलाक की स्थिति में सात रविवार दिन के समय पूर्वमुखी हनुमान मंदिर में 7 कंधारी आनर चढ़ाकर किसी नव दंपति को भेंट करें।
  • मंगल के कारण तलाक की स्थिति में सात मंगलवार तांबे के लोटे में गेहूं भरकर उस पर लाल चन्दन लगाकर लोटे समेत हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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