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इन मंत्रों को बनाए रक्षा कवच, आपके पास नहीं आएगी कोरोना महामारी

कोरोनावायरस के रूप में ये महामारी देश भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। वेद-पुराणों में बताए गए उपाय।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 20 April 2021 2:09 AM GMT
कोरोना से बचाव के लिए रोज करें मंत्र
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सांकेतिक तस्वीर, साभार-सोशल मीडिया

लखनऊ: इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ( Corona Virus ) की महामारी बीमारी से परेशान है। अगर कोरोना वायरस से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं तो कोरोना महामारी (Corona Mahamari) से रक्षा करें। इसी बीच कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने का एक चमत्कारी मंत्र। अगर इस मंत्र(Mantra) का जाप करते हैं तो आज से ही इस मंत्र का उच्चारण करना शुरू कर दीजिए।

कोरोनावायरस के रूप में ये महामारी देश भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। पर शक्ति उपासना के साथ और बाद में भी आप वेद-पुराणों में बताए गए उपायों को अपना सकते हैं।

महामारी विनाशक मंत्र

आज से सुबह शाम इस तांत्रिक महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) का जप अपने घर में शुरू कर दें। तंत्र शास्त्र के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का नियमित सुबह शाम 108 बार या फिर 27 बार जप किया जाए तो यह मंत्र गंभीर से गंभीर बीमारी से रक्षा करता है।

अगर वर्तमान में कोई व्यक्ति कोरोना वायरस ( Corona Virus ) जैसी प्राण घातक बीमारी से पीड़ित है तो उसे या उसके निमित्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से उसे कोरोना रोग से मुक्ति मिलने लगेगी। तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप संभव हो तो रुद्राक्ष की माला से ही करें। जप के बाद 108 बार गाय के घी से हवन करने से रोगी के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार होने लगेगा।भगवान शिव के बेहद कल्याणकारी और मृत्यु को टालने तक में सक्षम इस महामृत्युंजय मंत्र को जपें


सांकेतिक तस्वीर, साभार-सोशल मीडिया


।। ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌। स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।

अति प्रभावशाली संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है। कोरोना वायरस से मुक्त के लिए जप करते समय इतना ध्यान जरूर रखें। कोरोना वायरस से बचने का छोटा सा उपाय सुबह शाम केवल इतनी बार जप लें

तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें। मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया है उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें। मंत्र का उच्चारण ऐसे कंरे की पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। यदि अभ्यास न हो तो बहुत ही धीमे स्वर में जप करें ।

जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलते रहना चाहिए। रुद्राक्ष की माला से ही बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। के आसन पर बैठकर ही जप करें। जपकाल में आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें। जप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए। जप पूरा होने के बाद दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें। नियमों का पालन करते हुए संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र के जप के प्रभाव से रोगी को दो-तीन दिन में ही लाभ होने लगेगा।रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।


सांकेतिक तस्वीर, साभार-सोशल मीडिया


रोग नाश के लिए

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥

महामारी नाश के लिए

ऊँ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।


घर में सुबह और संध्या के समय में नीम की लकड़ी या पत्तों की धुनी जलाएं। घर का वातावरण साफ और पवित्र रखें। कपूर को खुली कटोरी में रखें। अपना वस्त्र, बिस्तर और अपनी तमाम चीजें किसी को छूने ना दें जैसे व्रत के समय में होता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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