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Vastu Shashtra : वास्तु के ये छोटे उपाय आपको दिला सकते हैं बड़े फायदें, आर्थिक मज़बूती के साथ जीवन बनेगा खुशहाल
Vastu Shashtra : वास्तु सिद्धांत के अनुरूप निर्मित भवन एवं उसमे वास्तुसम्मत दिशाओं मे सही स्थानों पर रखी गई वस्तुओं के फलस्वरूप उसमे रहने वाले लोगो का जीवन शांतिपूर्ण और सुखमय भी होता है।
Vastu Shashtra : वास्तु शास्त्र जिसका शाब्दिक अर्थ होता है निवासस्थान। बता दें कि वास्तु से जुड़े सिद्धांत वातावरण में जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश तत्वों के बीच एक सामंजस्य स्थापित करने में मददगार होते हैं। गौरतलब है कि जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश इन पाँचों तत्वों का हमारे कार्य प्रदर्शन, स्वभाव, भाग्य एवं जीवन के अन्य पहलुओं पर पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि वास्तु शास्त्र एवं ज्योतिष शास्त्र दोनो एक-दूसरे के पूरक माने जाते है क्योंकि दोनो एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। उदहारण के लिए जैसे शरीर का अपने विविध अंगों के साथ अटूट संबंध होता है। ठीक उसी प्रकार ज्योतिष शास्त्र का अपनी सभी शाखायें प्रश्न शास्त्र, अंक शास्त्र, वास्तु शास्त्र आदि के साथ भी अटूट संबंध है। इसके अलावा ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र के बीच निकटता का कारण यह है कि दोनों का उद्भव वैदिक संहितायों से ही हुआ है।
बता दें कि दोनों शास्त्रों का लक्ष्य मानव मात्र को प्रगति एवं उन्नति की राह पर अग्रसर कराने के साथ सुरक्षा देना भी है। वास्तु सिद्धांत के अनुरूप निर्मित भवन एवं उसमे वास्तुसम्मत दिशाओं मे सही स्थानों पर रखी गई वस्तुओं के फलस्वरूप उसमे रहने वाले लोगो का जीवन शांतिपूर्ण और सुखमय भी होता है। इसलिए उचित यह है कि भवन का निर्माण किसी वास्तुविद से परामर्श लेकर वास्तु सिद्धांतों के अनुरूप ही करवाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मनुष्य के जीवन मे वास्तु का महत्व बेहद अहम होता है।मान्यताओं के अनुसार वास्तु के अनुसार भवन निर्माण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जिसके फलस्वरूप उसमे रहने वालों का जीवन सुखमय होता है।
हालाँकि वास्तु से जुड़े कई उपाय लोगों के जीवन में सुख -समृद्धि का वास करती हैं। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट" के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय के अनुसार वास्तु के कुछ विशेष छोटे उपाय आवश्यक रूप से व्यक्ति को बड़े फायदे दिलाते है। वास्तु शास्त्र द्वारा घर में कुछ मामूली बदलाव कर आप घर एवं बाहर शांति का अनुभव कर सकते हैं।
तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही उपायों को जो आपके लिए सकारात्मक रूप से बेहद प्रभावशाली साबित होते हैं :
- जो बच्चे में पढ़ने में कमजोर हैं, उन्हें पूर्व की ओर मुख करके अध्ययन करने से अत्यंन्त लाभ प्राप्त होगा।
- घर में कभी-कभी नमक के पानी से पोंछा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
- घर से निकलते समय माता-पिता को विधिवत (झुक कर) प्रणाम करना चाहिए। इससे बृहस्पति और बुध ठीक होते हैं। इससे व्यक्ति के जटिल से जटिल काम बन जाते हैं।
- प्रवेश द्वार के आगे स्वस्तिक, ॐ, शुभ-लाभ जैसे मांगलिक चिह्नों को उपयोग अवश्य करें।
- प्रवेश द्वार पर कभी भी बिना सोचे-समझे गणेशजी न लगाएं। दक्षिण या उत्तरमुखी घर के द्वार पर ही गणेशजी लगाएं।
- घर में देवी-देवताओं की ज्यादा तस्वीरें न रखें और शयन कक्ष में तो बिलकुल भी नहीं।
-दफ्तर में काम करते समय उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके बैठें तो शुभ रहेगा,जब कि बॉस (कार्यालय प्रमुख) का केबिन नैऋत्य कोण में होना चाहिए ॥