Tulsi Ke Paudhe K Gun : तुलसी का पौधा लगाना नहीं है आसान,थोड़ी से लापरवाही, बिगाड़ देगी आपका काम, जानिए इससे जुड़ी ये सारी बातें

Tulsi Ke Paudhe K Gun : शास्त्रों में तुलसी की महिमा के बखान में कहा गया है कि भगवान विष्णु 56 भोग भी ग्रहित नहीं करते हैं, जब तक की उसमें तुलसी न हो, हर घर में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है. लेकिन इस किस दिशा में लगाएँ और कैसे रखें कि इसका सकारात्मक प्रभाव जीवन में पड़े इसके लिए जानते हैं....

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 17 Jan 2023 3:17 AM GMT
Tulsi Ke Paudhe K Gun : तुलसी का पौधा लगाना नहीं है आसान,थोड़ी से लापरवाही, बिगाड़ देगी आपका काम, जानिए इससे जुड़ी ये सारी बातें
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सांकेतिक तस्वीर ( सौ. से सोशल मीडिया)

Tulsi Ke Paudhe K Gun

तुलसी के पौधे के गुण

तुलसी को घर की शुभता का प्रतीक माना जाता है।, घर में तुलसी का पौधा होना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि तुलसी का पौधा हर विपत्ति से घर और उसमें रहने वाले लोगों की रक्षा करता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) का विशेष महत्व है। तुलसी को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

तुलसी के पौधे को घर में लगाना प्राचीन काल से ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में रोज सुबह तुलसी को जल चढ़ाया जाता है, वहां कभी पैसों की कमी नहीं होती है। साथ ही पॉजीटिव एनर्जी भी आती है। शास्त्रों में भी तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी तुल्य माना गया है, इसलिए घर में तुलसी लगाते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

तुलसी के पास हर शाम जलाएं दीपक

अगर घर में तुलसी का पौधा लगा है तो उसकी सुबह-शाम दोनों समय पूजा करना जरूरी है। शाम के वक्त तुलसी के पास दीपक भी जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक लगाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। साथ ही घर के वास्तु दोष भी दूर हो जाते हैं।

तुलसी के पत्ते कुछ खास दिन नहीं तोड़ने चाहिए

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ने चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना अशुभ माना जाता है। अगर तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल न हो, तो उन्हें कभी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने पर दोष लगता है।

तुलसी का इस्तेमाल नहीं होता इस पूजा में

शिवलिंग और गणेश पूजन में तुलसी का इस्तेमाल करना वर्जित है। इसके लिए पुराणों में दो कथा बताई गई हैं। पहली कथा के मुताबिक, भगवान शिव ने तुलसी के पति और दैत्यों के राजा शंखचूड़ का वध किया था, जिसके फलस्वरूप न तो शिव पूजन में तुलसी काम में लेते है और न ही शंख से शिवलिंग पर जल चढ़ाते है। वहीं, दूसरी कथा कहती है कि एक बार गणेशजी ने तुलसी का विवाह प्रस्ताव ये कह कर ठुकरा दिया था कि वो ब्रह्मचारी हैं। ये सुनकर तुलसी ने नाराज होकर उन्हें दो विवाह का श्राप दे दिया था। इसके बाद गणेश जी ने भी तुलसी को एक राक्षस से विवाह का श्राप दे दिया। इसलिए गणेश पूजन में भी तुलसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

तुलसी का सूखा पौधा हटाने के तुरंत बाद लगाएं दूसरा पौधा

एक पौधा सूख जाने के बाद तुरंत ही दूसरा तुलसी का पौधा लगा लेना चाहिए। सूखा हुआ तुलसी का पौधा घर में होने से धन की हानि होती है। इसी वजह से घर में हमेशा पूरी तरह स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाया जाना चाहिए।

तुलसी से नहीं लगती है बुरी नजर

तुलसी का पौधा घर में लगा होने से परिवार के किसी भी सदस्य को बुरी नजर नहीं लगती है। वहीं, अगर घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है।

तुलसी के पत्ते नहीं चबाने चाहिए

तुलसी के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को चबाने की बजाए निगल लेना चाहिए। इससे कई रोगों में भी फायदा होता है। इसके पत्तों में पारा धातु के तत्व भी मौजूद रहते हैं, जो चबाने के दौरान दांतों पर लग जाते हैं। ये तत्व दांतों के लिए काफी नुकसानदायक होता है।

तुलसी से जुड़ी खास बात

वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि की दिशा माना जाता है। इसलिए इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाना अच्छा नहीं होता है। तुलसी का पौधा आपके घर की सजावट के लिए अच्छा माना जाता है।जमीन में तुलसी का पौधा लगाना अच्छा नहीं होता है। सकारात्मक परिणाम के लिए इसे हमेशा गमले में लगाना चाहिए। तुलसी का पौधा लगाने के लिए पूर्व उत्तर सबसे अच्छी दिशा है।तुलसी के पौधे को घर के उत्तर-पूर्व में ऊंची खिड़की या बालकनी में रखें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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