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Tulsi Vivah 2022: कार्तिक के महीने में तुलसी के रोपण, दान और इसके पूजन से दूर हो जाते हैं जीवन के हर कष्ट

Tulsi Vivah 2022: धार्मिक शास्त्रों में रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय तुलसी को जल नहीं चढाने के साथ ही इस दिन तुलसी के पत्तों को भी तोड़ने से मना किया गया है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 4 Nov 2022 3:43 AM GMT
Tusli Vivah 2022
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Tusli Vivah 2022 (Image: Social Media)

Tulsi Vivah 2022: हिन्दू धर्म में तुलसी का विशेष महत्त्व माना गया गया है। ख़ास कर कार्तिक माह में तुलसी पूजन विशेषतः महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में तुलसी पूजन से इसमें कई तरह के सकारात्मक बदलाव आने के साथ जीवन में नई ऊर्जा का भी संचार होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान नारायण की प्रिय तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। जिस कारण इसे घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है।

मान्यताओं की मानें तो जिस घर में तुलसी का पौधे की पूजा-सेवा की जाती है, उस घर में लक्ष्मीजी की सदैव कृपा बनी रहती है। धार्मिक शास्त्रों में रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण के समय तुलसी को जल नहीं चढाने के साथ ही इस दिन तुलसी के पत्तों को भी तोड़ने से मना किया गया है।

तुलसीदल के बिना अधूरी मानी जाती है पूजा

मान्यताओं के मुताबिक़ भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा तुलसी दल के बिना पूरी ही नहीं मानी जाती है। ग्रंथों की माने तो हनुमान जी को भी भोग में तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है। पद्मपुराण के मुताबिक़ कलियुग में तुलसी का पूजन, कीर्तन, ध्यान,रोपण और धारण करने से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं और उन्हें स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। गौरतलब है कि मंजरी युक्त तुलसी पत्रों के द्वारा भगवान श्री विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को अनंत पुन्यफलों की प्राप्ति होती है।

रोजाना तुलसी की पूजा करने से घर में यमदूत नहीं करते प्रवेश

कहा जाता है कि जहां पर तुलसी लगी हुई होती है वहीं पर भगवान श्री कृष्ण की समीपता होने के साथ वहीं ब्रह्मा और लक्ष्मीजी भी सम्पूर्ण देवी -देवताओं के साथ विराजमान होते हैं। इतना ही नहीं तुलसीजी के निकट जो स्रोत्र -मंत्र आदि का जप किया जाता है,वह सब अनंत गुना फल देने वाला होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते और गंगाजल को बासी नहीं माना जाता।

गौरतलब है कि ये दोनों ही चीजें किसी भी परिस्थिति में बासी और अपवित्र नहीं मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक़ जिन घरों में रोजाना तुलसी की पूजा होती है वहां कभी यमदूत प्रवेश नहीं करते है । साथ ही उस घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पुराणों के अनुसार मृत्यु के समय गंगाजल संग तुलसी के पत्ते लेने से इंसान की आत्मा को शान्ति और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

सेहत के लिए भी है फायदेमंद तुलसी

तुलसी के पौधे में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण किसी भी संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जहां तुलसी का पौधा लगा हुआ होता है वहां के आस-पास की हवा शुद्ध हो जाती है। इतना ही नहीं तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होने के साथ व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है। संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तुलसी एक रामबाण उपाय है।

Preeti Mishra

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Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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