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इस दिन की एकादशी का व्रत है खास, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग होता है प्रशस्त

suman
Published on: 29 Nov 2018 3:01 PM IST
इस दिन की एकादशी का व्रत है खास, मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग होता है प्रशस्त
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जयपुर: विष्णु भगवान की विधिवत पूजा के लिए 3 दिसंबर 2018 को उत्पन्ना एकादशी है। हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। एकादशी व्रत का महत्व देखते हुए लोग इसे पूरे श्रद्धा भाव से रखते हैं। इसलिए मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत भी किया जाता है हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष दो एकादशियां आती हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, लेकिन इस बात को बहुत कम ही लोग जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। एकादशी मार्गशीर्ष मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थी जिसके कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी हुआ है। इसी दिन से ही एकादशी व्रत शुरु हुआ था जिसके फल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्‍प लें। इसके लिए शुद्ध जल से स्‍नान करना चाहिए। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की दशमी को किए गए रात्रि भोजन के बाद अच्छी तरह से दातौन करें यह मुख की संपूर्ण स्वच्छता से जुड़ा है।दातौन के पश्चात व्यक्ति के मुंह में अन्न का अंश नहीं रहना चाहिए। इसके बाद रात्रि में बिल्कुल भोजन न करें, फिर अगले दिन उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। उत्पन्ना एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और देवी एकादशी की विधिवत पूजा करें।

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इसके बाद भगवान विष्‍णु की संपूर्ण सामग्री से पूजा करें, व्रती व्यक्ति इस दिन तम मन से पूरा दिन भजन-कीर्तन में ही बिताए। संध्‍या में दीपदान करने के पश्‍चात फलाहार ग्रहण करना चाहिए। उसके बाद अगले दिन सुबह भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।उत्पन्ना एकादशी व्रत में विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखें कि व्रत करने वाले जातक को किसी बुरी संगत के संपर्क में नहीं जाना है। वह क्लेश, अपशब्द बोलेने वाले, शराबी और किसी की निंदा करने से दूर ही रहें, इस दिन जातक सात्विक जीवन जिएं।

व्रती अपने पापों के लिए भगवान विष्णु से क्षमायाचना करें। फिर अगली सुबह पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत समापन करना चाहिए। भोजन के बाद ब्राह्मण को क्षमतानुसार दान दे दें। उत्‍पन्‍ना एकादशी का व्रत जो मनुष्‍य पूरे विधि विधान के साथ करता है उसे सभी तीर्थों का फल प्राप्‍त होता है। जो भक्त एकादशी का व्रत रखेगा वह पापों से मुक्त हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी के व्रत से मोक्ष प्राप्ति होती है।



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