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Vaishakha ka Mahina Kab Aata Hai 2023 : वैशाख महीना कब आता है 2023,कौन सा त्यौहार मनाया जाता है, जानिए इसकी महिमा

Vaishakha ka Mahina Kab Aata Hai 2023 : अप्रैल माह 2023 की शुरुआत शनिवार और वैशाख मास की शुरूआत 7 अप्रैल से हो रही है। इस माह का हिंदू धर्म में खास महत्व है।

Suman Mishra। Astrologer
Published on: 27 March 2023 4:41 PM IST (Updated on: 7 April 2023 1:37 PM IST)
Vaishakha ka Mahina Kab Aata Hai 2023 : वैशाख महीना कब आता है 2023,कौन सा त्यौहार मनाया जाता है, जानिए इसकी महिमा
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सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Vaishakha ka Mahina Kab Aata Hai 2023 : वैशाख महीना कब आता है 2023

हिंदू पंचांग का दूसरा मास वैशाख 7अप्रैल 2023 से शुरू हो रहा है। और 4 मई तक समाप्त हो जायेगा। यह मास श्री विष्णु(Lord Vishnu) को अतिप्रिय है। इसलिए इस माह को सबसे शुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र से संबंध होने की वजह से इसे वैशाख महीना कहा जाता है। इस माह में खास तौर पर गंगा स्नान करने की खास अहमियत होती है। यह अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार चौथे और हिंदू पंचांग के अनुसार दुसरा माह होता है।

हिंदू धर्म में हर मास को भगवान से जोड़कर देखा गया है और उसी के अनुसार काम किए जाते हैं। इसकी के अनुसार अभी चल रहे वैशाख में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। इन दिनों में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान और पूजा की जाती है।

वैशाख के बारे में क्या कहते हैं धर्मग्रंथ

इस महीने के बारे में धर्म ग्रंथों में लिखा है कि-

न माधवसमो मासों न कृतेन युगं समम्।

न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।

(स्कंदपुराण, वै. वै. मा. 2/1)

अर्थात वैशाख के समान कोई महीना नहीं है, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। स्वयं ब्रह्माजी ने वैशाख को सब मासों से सर्वोत्तम है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला इसके समान दूसरा कोई मास नहीं है। जो भी इस मास में सूर्योदय से पहले स्नान करता है, उसपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है। सभी दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल मिलता है, उसी को मनुष्य वैशाख मास में केवल जलदान करके प्राप्त कर लेता है। अगर कोई इस मास में जलदान नहीं कर सकता। यदि वह दूसरों को जलदान का महत्व समझाए, तो भी उसे श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है। जो मनुष्य इस मास में प्याऊ लगाता है, वह स्वर्ग को जाता है।

स्कंद पुराण में वैशाख मास को सभी महीनों में उत्तम बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति इस महीने में सूर्योदय से पहले स्नान करता है और व्रत रखता है। वो कभी दरिद्र नहीं होता। उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है और उसे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। क्योंकि इस महीने के देवता भगवान विष्णु ही है। वैशाख महीने में जल दान का विशेष महत्व है।

April 2023 Festival List: अप्रैल 2023 के त्योहार की लिस्ट:

अप्रैल 2023 में अक्षय तृतीया,, एकादशी हनुमान जयंती चैत में कब होंगे

  • 1 अप्रैल शनिवार कामदा एकादशी
  • 3 अप्रैल सोमवार प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 6 अप्रैल गुरुवार हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
  • 9 अप्रैल रविवार संकष्टी चतुर्थी
  • 14 अप्रैल शुक्रवार मेष संक्रांति
  • 16 अप्रैल रविवार वरुथिनी एकादशी
  • 17 अप्रैल सोमवार प्रदोष व्रत (कृष्ण)
  • 18 अप्रैल मंगलवार मासिक शिवरात्रि
  • 20 अप्रैल गुरुवार वैशाख अमावस्या
  • 22 अप्रैल शनिवार अक्षय तृतीया

वैशाख मास के नियम और मंत्र

प्रातः उठकर स्नान करना चाहिए। इसके पश्चात् जल में थोड़ा तिल मिलाकर प्रभु श्री विष्णु की उपासना करें। जल का दान करें। माह की दोनों एकादशियों का पालन करें। कहा जाता है कि इस महीने में राहगीरों को पानी पिलाने से सभी धर्म तथा तीर्थ यात्रा करने का पुण्य प्राप्त होता है। इन सभी उपायों को अपनाकर हम पुण्य के साथ-साथ मानसिक संतुष्टि भी पा सकते है।

एक साल में 12 महीने होते हैं। प्रत्येक महीने के स्वामी एक विशेष देवता माने गए हैं। उनके पूजन की विधि भी अलग बताई गई है। उसके अनुसार वैशाख मास के स्वामी भगवान मधुसूदन हैं। धर्मानुसार सूर्यदेव के मेष राशि में आने पर भगवान मधुसूदन को प्रसन्न करने के लिए वैशाख मास में स्नान का व्रत लेना चाहिए। स्नान के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करना चाहिए। इसके बाद भगवान मधुसूदन से इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए-

मधुसूदन देवेश वैशाखे मेषगे रवौ।

प्रात:स्नानं करिष्यामि निर्विघ्नं कुरु माधव।।

वैशाखे मेषगे भानौ प्रात:स्नानपरायण:।

अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।



Suman Mishra। Astrologer

Suman Mishra। Astrologer

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