Ved-Gyan Kya Hai: मनुष्य जीवन को सार्थक बनाते हैं वेद, इसमें लिखी बातों को जानिए जरूर तो होगा कल्याण

Ved-Gyan Kya Hai: सृष्टि का सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद, इसमें ज्ञान का अथाह सागर है। धर्म-कर्म और विज्ञान समेत संसार के सारे विषय इन वेदों में कलमबद्ध है। महर्षि वेद व्यास जी द्वारा रचित वेदों की संख्या 4 है। जानते हैं इसमें क्या है.....

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 6 May 2022 4:15 AM GMT (Updated on: 6 May 2022 4:16 AM GMT)
Vedas-Gyan
X

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Ved-Gyan Kya Hai

वेद-ज्ञान क्या है-

वेद( Ved) को ईश्वर ( God) की आवाज और वाणी कहते हैं, जो स्वयं सृष्टि के रचियेता ब्रह्मा जी के द्वारा पुरातन काल में ऋषि मुनियों को सुनाया गया था और धर्म और ईश्वर की प्राप्ति की सीख दी गई थी। इसलिए तो वेद को श्रुति (Listen) भी कहते हैं।

वेद हिन्दुओं (Hindus) का प्राचीन धर्मग्रन्थ हैं। इसे ईश्वर की वाणी मानते हैं। जिसे सृष्टि के कल्याण के लिए रचा गया था। जो वेद वैदिक-संस्कृति ( vedik culture) का मूलाधार हैं। वेद का अर्थ है ज्ञान। क्योंकि इसमें ज्ञान विज्ञान समेत हर शास्त्र का अथाह भंडार है।हर समस्या का समाधान है।

महर्षि व्यास ने वेद लिखा और उसे सरल करने के लिए चार भागों में विभाजित किया है - ऋग्वेद, साम वेद, अथर्ववेद और यजुर्वेद। वेदों के संबंध में कहा जाता है कि इसका रचना काल 2500 ईसवी से भी पहले की है। जो संस्कृत भाषा में है।

वेद को लेकर आपके मन में कुछ प्रश्न उठते हैं तो उसका संक्षेप में उत्तर यहां है जिससे जानकर आप अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।

प्रश्न- वेद किसे कहते है ?

उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते हैं।

प्रश्न- वेद-ज्ञान किसने दिया ?

उत्तर- ईश्वर यानि परब्रह्म ब्रह्मा जी ने । वेदों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के द्वारा हुई, क्योंकि वेदों का ज्ञान देवो के देव महादेव ने ब्रह्माजी को दिया था और ब्रह्माजी ने यह ज्ञान चार ऋषि को दिया था जिन्होंने वेदों की रचना की। ये ऋषि ब्रह्माजी का ही अंश उनके पुत्र थे इनका नाम अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा था

प्रश्न- ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?

उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया।यानि 2500 इसवी पूर्व से 1200 ईसवी पूर्व के बीच में।

प्रश्न- ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?

उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए।

प्रश्न- वेद कितने है ?

उत्तर- वेद चार है ।

ऋग्वेद

यजुर्वेद

सामवेद

अथर्ववेद

प्रश्न- 4 वेदों के ब्राह्मण ।

वेद ब्राह्मण

ऋग्वेद - ऐतरेय

यजुर्वेद - शतपथ

सामवेद - तांड्य

अथर्ववेद - गोपथ

प्रश्न- वेदों के उपवेद कितने है।

उत्तर - चार।

वेद उपवेद

ऋग्वेद - आयुर्वेद

यजुर्वेद - धनुर्वेद

सामवेद - गंधर्ववेद

अथर्ववेद - अर्थवेद

प्रश्न- वेदों के अंग हैं ।

उत्तर - छः ।

शिक्षा

कल्प

निरूक्त

व्याकरण

छंद

ज्योतिष

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

प्रश्न- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने किन-किन ऋषियो को दिया ?

उत्तर- चार ऋषियों को दिया था।उनके नाम है-

वेद ऋषि

ऋग्वेद - अग्नि

यजुर्वेद - वायु

सामवेद - आदित्य

अथर्ववेद - अंगिरा

प्रश्न- वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?

उत्तर- समाधि की अवस्था में।

प्रश्न- वेदों में कैसे ज्ञान है ?

उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।

प्रश्न- वेदों के विषय कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- चार ।

ऋषि विषय

1- ऋग्वेद - (ज्ञान) यह सबसे पहला वेद है, इसमें सृष्टि के पदार्थो का ज्ञान है । इस वेद में 1028 ऋचाएँ (मंत्र) और 10 मंडल (अध्याय) हैं ।

2- यजुर्वेद -( कर्म) यजुर्वेद में मुख्यतया कर्मकांड का वर्णन है ।इस वेद की दो शाखाएँ हैं शुक्ल और कृष्ण । 40 अध्यायों में 1975 मंत्र हैं ।

3- सामवेद - (उपासना)सामवेद में ईश्वर-स्तुति, वंदना-उपासना और आध्यात्मिक उन्नति के उपायों का वर्णन है ।इसमें 1875 मंत्र हैं ।

4- अथर्ववेद -( विज्ञान )अथर्ववेद में विज्ञान और तकनीकी ज्ञान का समावेश है ।यह वेद सबसे बड़ा है, इसमें 20 अध्यायों में 5687 मंत्र हैं ।

प्रश्न- 4 वेदों में क्या है।

ऋग्वेद में।

1- मंडल - 10

2 - अष्टक - 08

3 - सूक्त - 1028

4 - अनुवाक - 85

5 - ऋचाएं - 10589

यजुर्वेद में।

1- अध्याय - 40

2- मंत्र - 1975

सामवेद में।

1- आरचिक - 06

2 - अध्याय - 06

3- ऋचाएं - 1875

अथर्ववेद में।

1- कांड - 20

2- सूक्त - 731

3 - मंत्र - 5977

प्रश्न- वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ?

उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है।

प्रश्न- क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?

उत्तर- बिलकुल भी नहीं।

प्रश्न- क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?

उत्तर- नहीं।

प्रश्न- सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?

उत्तर- ऋग्वेद।

प्रश्न- वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?

उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व ।

प्रश्न- वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?

उत्तर-

न्याय दर्शन - गौतम मुनि।

वैशेषिक दर्शन - कणाद मुनि।

योगदर्शन - पतंजलि मुनि।

मीमांसा दर्शन - जैमिनी मुनि।

5- सांख्य दर्शन - कपिल मुनि।

6- वेदांत दर्शन - व्यास मुनि।

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

प्रश्न- शास्त्रों के विषय क्या है ?

उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि।

प्रश्न- प्रामाणिक उपनिषदे कितनी है ?

उत्तर- केवल ग्यारह।

प्रश्न- उपनिषदों के नाम बतावे ?

उत्तर-

-ईश ( ईशावास्य )

-केन

-कठ

-प्रश्न

-मुंडक

-मांडू

-ऐतरेय

-तैत्तिरीय

-छांदोग्य

-वृहदारण्यक

-श्वेताश्वतर ।

प्रश्न- उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?

उत्तर- वेदों से।

प्रश्न- धर्मानुसार चार वर्ण कौन से है?

उत्तर- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र

प्रश्न- चार युग।

सतयुग - 17,28000 वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।

त्रेतायुग- 12,96000 वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।

द्वापरयुग- 8,64000 वर्षों का नाम है।

कलयुग- 4,32000 वर्षों का नाम है।

कलयुग के 5122 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।

4,27024 वर्षों का भोग होना है।

प्रश्न- पंच महायज्ञ क्या है

ब्रह्मयज्ञ

देवयज्ञ

पितृयज्ञ

बलिवैश्वदेवयज्ञ

अतिथियज्ञ

स्वर्ग - जहाँ सुख है।

नरक - जहाँ दुःख है।.

धर्म और सृष्टि के कल्याण के पथ पर चलते हुए प्रत्येक मनुष्य को जो सनातन परंपरा से जुड़ा है। उसे वेद , उपनिषद् से जुड़े धार्मिक बिंदुओं का संक्षेप में ज्ञान रखना चाहिए। ताकि अपनी परंपरा और नियमों से अवगत हो हम सत्य और अच्छाई का मार्ग अपनाएं।

दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story