TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Vishwakarma Puja 2022 Date: भगवान विश्वकर्मा की पूजा का विशेष है महत्व, जरूर पढ़ें ये चालीसा और मंत्र

Vishwakarma Puja 2022 Date: पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ विश्वकर्मा को भगवान माना जाता है क्योंकि विश्वकर्मा ने ही सृष्टि के निर्माण करने में ब्रह्मा जी की मदद की थी।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 10 Sept 2022 8:00 PM IST
vishwakarma puja
X

vishwakarma puja 2022 (Image credit: social media)

Vishwakarma Puja 2022: विश्वकर्मा भगवान् को दुनिया का सबसे बड़ा वास्तुकार और इंजीनियर माना जाता है क्योकि मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) ने ही इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्ग लोक, लंका आदि का निर्माण किया था। धार्मिक पुराणों के अनुसार भगवान् विश्वकर्मा वास्तुदेव के पुत्र थे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ भगवान् विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापारियों को बहुत ही लाभ की प्राप्ति होती है। इस दिन हथियारों, औज़ारों ,वाहनों और घर के सामानो की भी पूजा की जाती है। प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ विश्वकर्मा को भगवान माना जाता है क्योंकि विश्वकर्मा ने ही सृष्टि के निर्माण करने में ब्रह्मा जी की मदद की थी। बता दें कि विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) कुछ राज्यों में बहुत ही धूम -धाम से मनाई जाती है जिसमें असम, त्रिपुरा, वेस्ट बंगाल, ओड़िशा, बिहार और झारखंड शामिल है।

जानें विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में भगवान् विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है। उल्लेखनीय है कि विश्वकर्मा पूजा बंगाली भाद्र माह (Bangali Bhadra Month) के अंतिम दिन मनाई जाती है। ऐसे में इसे 'भद्रा संक्रांति' (Bhadra Sankranti) या 'कन्या संक्रांति' (Kanya Sankranti) के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि विश्वकर्मा जयंती प्रत्येक साल 17 सितम्बर को ही मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि शनिवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इसी दिन विश्वकर्मा का जन्म भी हुआ था। विश्वकर्मा जयंती पर सृष्टि के सबसे बड़े वास्तुकार माने- जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की जाती है।

शुभ मुहूर्त

विश्वकर्मा पूजा का दिन 17 सितम्बर 2022 दिन शनिवार

पूजन का शुभ समय सुबह के सात बजकर छत्तीस मिनट पर (07:36 AM)

विश्वकर्मा पूजा की पूजन विधि (Vishwakarma Puja Vidhi)

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यापारियों के घर और कारोबार में सुख और समृद्धि बढ़ती है। इसलिए विश्वकर्मा जयंती के दिन इंजीनियर, शिल्पकार, बुनकर आदि को पूरे विधि-विधान से विश्वकर्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करके औजारों, मशीन आदि की सफाई करनी करके फिर भगवान की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए और पुष्प, फल, प्रसाद आदि अर्पित करना चाहिए। पूजन के साथ ही इस मंत्र "ऊं विश्वकर्मणे नमः" का उच्चारण अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही श्री विश्वकर्मा चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। पुरे विधि -विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में अवश्य वृद्धि होती है।

विश्वकर्मा पूजा का विशेष है महत्व (Importance of Vishwakarma Puja)

व्यापार में विश्वकर्मा पूजा का बहुत महत्त्व माना गया है।किसी भी प्रकार का नया उद्यम शुरू करने के लिए भी विश्वकर्मा जयंती को बेहद शुभ माना जाता है।मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती पर नया व्यवसाय शुरू करने पर सफलता की प्राप्ति अवश्य होगी, खासकर अगर वह एक यांत्रिक फर्म हो तो। इसके अलावा करियर में सफलता पाने के लिए, घर या ऑफिस खरीदने के लिए, चल संपत्ति से संबंधित मनोकामना पूर्ण करने के लिए भी भगवान् विश्वकर्मा की पूजा अति महत्वपूर्ण मानी जाती है। पौराणिक

विश्वकर्मा भगवान के महान वास्तुकार होने के कारण जो लोग मशीनों और निर्माण के कार्यों में होते हैं उनके लिये विश्वकर्मा की पूजा का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। गौरतलब है कि विश्वकर्मा की पूजा से उन लोगों को अपने काम में समृद्धि -बढ़ोत्तरी मिलती है।

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

॥ दोहा ॥

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान ।

श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ॥

॥ चौपाई ॥

जय श्री विश्वकर्म भगवाना ।

जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥

शिल्पाचार्य परम उपकारी ।

भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥

अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर।

शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥

अद्‍भुत सकल सृष्टि के कर्ता ।

सत्य ज्ञान श्रुति जग हित धर्ता ॥

अतुल तेज तुम्हतो जग माहीं ।

कोई विश्व मंह जानत नाही ॥

विश्व सृष्टि-कर्ता विश्वेशा ।

अद्‍भुत वरण विराज सुवेशा ॥

एकानन पंचानन राजे ।

द्विभुज चतुर्भुज दशभुज साजे ॥

चक्र सुदर्शन धारण कीन्हे ।

वारि कमण्डल वर कर लीन्हे ॥

शिल्पशास्त्र अरु शंख अनूपा ।

सोहत सूत्र माप अनुरूपा ॥

धनुष बाण अरु त्रिशूल सोहे ।

नौवें हाथ कमल मन मोहे ॥

दसवां हस्त बरद जग हेतु ।

अति भव सिंधु मांहि वर सेतु ॥

सूरज तेज हरण तुम कियऊ ।

अस्त्र शस्त्र जिससे निरमयऊ ॥

चक्र शक्ति अरू त्रिशूल एका ।

दण्ड पालकी शस्त्र अनेका ॥

विष्णुहिं चक्र शूल शंकरहीं ।

अजहिं शक्ति दण्ड यमराजहीं ॥

इंद्रहिं वज्र व वरूणहिं पाशा ।

तुम सबकी पूरण की आशा ॥

भांति-भांति के अस्त्र रचाए ।

सतपथ को प्रभु सदा बचाए ॥

अमृत घट के तुम निर्माता ।

साधु संत भक्तन सुर त्राता ॥

लौह काष्ट ताम्र पाषाणा ।

स्वर्ण शिल्प के परम सजाना ॥

विद्युत अग्नि पवन भू वारी ।

इनसे अद्भुत काज सवारी ॥

खान-पान हित भाजन नाना ।

भवन विभिषत विविध विधाना ॥

विविध व्सत हित यत्रं अपारा ।

विरचेहु तुम समस्त संसारा ॥

द्रव्य सुगंधित सुमन अनेका ।

विविध महा औषधि सविवेका ॥

शंभु विरंचि विष्णु सुरपाला ।

वरुण कुबेर अग्नि यमकाला ॥

तुम्हरे ढिग सब मिलकर गयऊ ।

करि प्रमाण पुनि अस्तुति ठयऊ ॥

भे आतुर प्रभु लखि सुर-शोका ।

कियउ काज सब भये अशोका ॥

अद्भुत रचे यान मनहारी ।

जल-थल-गगन मांहि-समचारी ॥

शिव अरु विश्वकर्म प्रभु मांही ।

विज्ञान कह अंतर नाही ॥

बरनै कौन स्वरूप तुम्हारा ।

सकल सृष्टि है तव विस्तारा ॥

रचेत विश्व हित त्रिविध शरीरा ।

तुम बिन हरै कौन भव हारी ॥

मंगल-मूल भगत भय हारी ।

शोक रहित त्रैलोक विहारी ॥

चारो युग परताप तुम्हारा ।

अहै प्रसिद्ध विश्व उजियारा ॥

ऋद्धि सिद्धि के तुम वर दाता ।

वर विज्ञान वेद के ज्ञाता ॥

मनु मय त्वष्टा शिल्पी तक्षा ।

सबकी नित करतें हैं रक्षा ॥

पंच पुत्र नित जग हित धर्मा ।

हवै निष्काम करै निज कर्मा ॥

प्रभु तुम सम कृपाल नहिं कोई ।

विपदा हरै जगत मंह जोई ॥

जै जै जै भौवन विश्वकर्मा ।

करहु कृपा गुरुदेव सुधर्मा ॥

इक सौ आठ जाप कर जोई ।

छीजै विपत्ति महासुख होई ॥

पढाहि जो विश्वकर्म-चालीसा ।

होय सिद्ध साक्षी गौरीशा ॥

विश्व विश्वकर्मा प्रभु मेरे ।

हो प्रसन्न हम बालक तेरे ॥

मैं हूं सदा उमापति चेरा ।

सदा करो प्रभु मन मंह डेरा ॥

॥ दोहा ॥

करहु कृपा शंकर सरिस, विश्वकर्मा शिवरूप ।

श्री शुभदा रचना सहित,ह्रदय बसहु सूर भूप ॥



\
Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

Next Story