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Vrat Katha In Hindi Mangalwar:कल्याणकारी और चमत्कारी है मंगलवार व्रत, इस दिन कथा के रसपान से मिलेगा बजरंगबली का आशीर्वाद
Vrat Katha In Hindi Mangalwar: मंगलवार का दिन हनुमान जी और मंगल देव को समर्पित है। इस दिन व्रत करने और कथा सुनने से अनगिनत फायदे होते है।
Vrat Katha In Hindi Mangalwar: मंगलवार बजरंगबली का दिन है और हनुमान जी संकट मोचन कहे जाते हैं। ये सभी देवतओं में जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। हनमान जी का नाम मात्र लेने से बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं और बड़ी से बड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं। हनुमान जी इतने शक्तिशाली देवता मानें जाते हैं कि इनके सामने कोई भी नकारात्मक शक्ति टिक नहीं पाती है, इसलिए बजरंगबली के भक्त उन्हें प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए मगंलवार का व्रत रखते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं मंगलवार व्रत के फायदे, पूजा विधि और व्रत कथा
मंगलवार व्रत के फायदे
- मंगलवार व्रत से हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। ये व्रत सम्मान, बल और साहस को बढ़ाता है।
- होनहार और भाग्यशाली संतान प्राप्ति के लिए भी मंगलवार का व्रत बहुत लाभकारी माना जाता है।
- इस व्रत के प्रभाव से भूत-प्रेत और काली शक्तियों से बचा जा सकता है।
- इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में मंगल कमजोर है और शुभ फल नहीं दे रहा है, तो मंगलवार के दिन जरूर व्रत करना चाहिए।
- जिन लोगों पर मंगल की महादशा चल रही हो उन्हें इस व्रत से लाभ मिलता है।
मंगलवार व्रत की विधि
21 मंगलवार तक विधि पूर्वक व्रत रखने के बाद हनुमान जी का पूजन करके उन्हें चोला चढ़ाएं। फिर 21 ब्राह्मणों को बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें। साथ ही व्रत के दौरान हुई भूल चूक के लिए माफी मांगें।
मंगलवार व्रत की कथा हिंदी में
एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।
एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।
बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।
घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।
ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।