TRENDING TAGS :
Winter Solstice 2022: इस दिन है साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात, जानें क्यों है ये खास
Winter Solstice 2022: साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात जल्द ही आने वाली है। जिसे विंटर सोल्सटिस कहते हैं। 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी।
Winter Solstice 2022: साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात जल्द ही आने वाली है। ऐसा हर साल देखने को मिलता है और इसे विंटर सोल्सटिस के नाम से जाना जाता है, इसका मतलब ये है कि इस साल 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि विंटर सोल्सटिस के दिन उत्तरी गोलार्द्ध यानी नॉर्थेर्न हेमिस्फीयर में सर्दियों के मौसम की शुरुआत होती है और यह 20 मार्च तक चलती है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी हुई कुछ खास और इंटरेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में विस्तार से:
क्या है Winter Solstice
विंटर सोल्सटिस का मतलब है इस दिन पर मकर रेखा यानी ट्रॉपिक आफ कैप्रीकॉर्न पृथ्वी के सबसे पास होती है और पृथ्वी अपने एक्सिस ऑफ रोटेशन पर करीब 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है। दरअसल यह एक खगोलीय घटना है, 22 दिसंबर को घटित होती है। बता दें 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती है। फिर ये किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर भूमध्य रेखा से होकर पहुंचती है जो एक बार 22 दिसंबर में और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है। आपको बता दें कि 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचने वाली हैं। वहीं मौसम वैज्ञानिक और शास्त्रों के मुताबिक अब शिशिर ऋतु प्रारंभ हो गई है और सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा पर चमकेगा। इसे ही Winter Solstice कहते हैं।
उत्तरी गोलार्ध क्या है
बता दें उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का ही आधा हिस्सा है। दरअसल भूमध्य रेखा से ऊपर के हिस्से को उत्तरी गोलार्ध कहा जाता है जबकि भूमध्य रेखा से नीचे के हिस्से को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है और उत्तरी गोलार्ध में जमीन अधिक है और जलवायु में भी काफी विविधता है।
शीतकालीन संक्रांति क्या है
22 दिसंबर को ही शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है। साइंस के मुताबिक इसे दक्षिणायन भी कहा जाता है। इसमें रात लगभग 16 घंटे की होती है जबकि दिन करीब 8 घंटे ही रहता है। तब इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है जबकि दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य चमकता रहता है।
क्यों हैं ये दिन खास
दरअसल इस दिन ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान और अर्मेनिया में विंटर सोल्स्टिस को यालदा या शब ए याल्दा के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही यहूदी लोगों के द्वारा विंटर सोल्स्टिस को तेकूफात तेवेत के नाम से जाना जाता है और इसे सर्दी की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है। इसके अलावा इस दिन चीन में एक भोज का आयोजन भी होता है जिसमें कई परिवार साथ में भोजन करते हैं।