क्या करें जब कोई काम न बन रहा हो

raghvendra
Published on: 25 Aug 2018 8:35 AM GMT
क्या करें जब कोई काम न बन रहा हो
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जब कोई काम न बन रहा हो, सब काम विफल हो जाते हों तो बहुत निराशाजनक हालात पैदा हो जाते हैं। ऐसे में धीरज न खोते हुए कुछ आसान से उपाय करके सफलता पायी जा सकती है।

  • सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।
  • कोई काम न बन रहा हो तो 19 शनिवार तक आप पीपल के पेड़ में धागा लपेटें और तिल के तेल का ही दीया जलाएं। इस दीये में 11 दाने काले उड़द जरूर रखें।
  • रविवार को छोडक़र हर दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और सूर्य भगवान को अध्र्य देकर ही काम के लिए बाहर निकलें, सारे काम बनेंगे।
  • किसी कार्य की सिद्धि के लिए जाते समय घर से निकलने से पूर्व ही अपने हाथ में रोटी ले लें। जहां भी कौए दिखलाई दें, वहां उस रोटी के टुकड़े कर के डाल दें और आगे बढ़ जाएं। इससे सफलता प्राप्त होती है।
  • एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोड़ा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जाएं और सुबह उस जल को तुलसी के पौधे पर चढ़ा दें।
  • अमावस्या के दिन पीले कपड़े का त्रिकोना झंडा बना कर विष्णु भगवान के मंदिर के ऊपर लगवा दें, कार्य सिद्ध होगा।
  • किसी शनिवार को, किसी भी शुभ योग/शुभ चौघडिय़ा में शाम के वक्त अपनी लंबाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रूपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
  • कार्य के प्रारम्भ होते ही उसमें विघ्र आ जाते हैं और वह असफल हो जाते हैं तो सुबह कच्चा सूत लेकर सूर्य के सामने मुंह करके खड़े हो जाएं। फिर सूर्य देव को नमस्कार करके ‘ऊं हीं घ्रणि सूर्य आदित्य श्रीम’ मंत्र बोलते हुए सूर्य देव को जल चढ़ाएं। जल में रोली, चावल, चीनी तथा लाल पुष्प दाल लें। इसके पश्चात कच्चे सूत को सूर्य देव की तरफ करते हुए गणेशजी का स्मरण करते हुए सात गाँठ लगाएं। इस सूत को किसी खोल में रखकर अपनी कमीज की जेब में रख लें, आपके बिगड़े कार्य बनाने लगेंगे।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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