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Yamuna Chhath 2024: क्यों मनाई जाती है यमुना छठ, जानिए इसका महत्त्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Yamuna Chhath 2024 : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर यमुना छठ मनाया जाता है इस दिन माँ यमुना की पूजा का विधान है। आइये जानते है इसका महत्त्व , शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shweta Srivastava
Published on: 14 April 2024 5:30 AM GMT (Updated on: 14 April 2024 5:30 AM GMT)
Yamuna Chhath 2024
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Yamuna Chhath 2024 (Image Credit-Social Media)

Yamuna Chhath 2024 : कार्तिक छठ के दौरान माता पार्वती की पूजा का विधान है जबकि चैती छठ में माता सीता की पूजा की जाती है। इसे हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है। इसे मां यमुना के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आइये जानते हैं कि इस साल यमुना छठ के पर्व डेट, पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व क्या है।

यमुना छठ का महत्त्व (Yamuna Chhath 2024)

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार छठ पूजन साल में दो बार मनाया जाता है। जहाँ चैत्र माह में पड़ने वाली छठ को चैती छठ और कार्तिक माह में पड़ने वाली छठ को कार्तिकी छठ कहा जाता है। चैत्र माह की छठ को यमुना छठ भी कहा जाता है। इसे चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है जो इस साल 14 अप्रैल को है। भारत में नदियों की पूजा की जाती है ऐसे में यमुना नदी भी हिन्दू धर्म में काफी पवित्र और पूजनीय माना जाता है। वहीँ यमुना छठ को उत्तर भारत के कई शहरों में मनाया जाता है, आइये चैत्र माह की छठ के बारे में विस्तार से जानते हैं।

यमुना छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल यमुना छठ चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगी, वहीं, इस तिथि का समापन 14 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यमुना छठ 14 अप्रैल 2024 रविवार को मनाई जाएगी।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ही देवी यमुना पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। यही वजह है कि इस दिन को यमुना छठ या यमुना जयंती के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि गोलोक में जब भगवान विष्णु ने यमुना जी को पृथ्वी पर जाने का आदेश दिया तब यमुना जी पृथ्वी पर जाने को अवतरित हुई थीं।

धार्मिक मान्यता है कि यमुना छठ के दिन जो व्यक्ति पवित्र यमुना जी में स्नान-दान करता है साथ ही इसे पूरे विधि-विधान से करता है तो उसे भविष्य में यम और शनि का भय नहीं रहता और इससे मुक्ति मिल जाती है। आइये जानते हैं इसकी पूजन विधि क्या है।

  • यमुना छठ के दिन व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, साथ ही अगर संभव हो तो आप यमुना में डुबकी लगाएं और व्रत लेने का संकल्प करें।
  • इस दिन भगवान् श्री कृष्ण की पूजा का विधान है।
  • शाम को जब आप पूजा करें तो यमुना अष्टक का पाठ अवश्य करें।
  • माँ यमुना की आरती करें और कथा कहें साथ ही उन्हें भोग लगाएं।
  • आप अपनी समर्थ के अनुसार दान पुण्य का भी कार्य कर सकते हैं साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

नोट: इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। न्यूज़ट्रैक इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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