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Yogini Ekadashi 2021: समस्त पापों का नाशक व्रत योगिनी एकादशी, जानिए किस दिन है सही मुहूर्त

योगिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 May 2021 2:47 PM IST (Updated on: 25 April 2022 1:04 PM IST)
5 जुलाई योगिनी एकादशी
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सांकेतिक तस्वीर( सौ. से सोशल मीडिया)

योगिनी एकादशी 2021: एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु का सान्निध्य प्राप्त होता है। हर माह के दो पक्षों की एकादशी की पूजा और उपासना करने से मुक्ति का मार्ग खुलता है। 24 एकादशियों में आषाढ़ की योगिनी एकादशी का अपना महत्व है। इस साल योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई को है। इस दिन श्रीविष्णु की पूजा विधि-विधान से करने से घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।

पुराणों में आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा गया है। इस बार योगिनी एकादशी 5 जूलाई सोमवार के दिन मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्रीहरि की पूजा-उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के पुण्य-प्रताप से पापकर्मों के पाश से मुक्ति मिलती है। साथ ही भौतिक जीवन में सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं।

योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

इस बार योगिनी एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः काल है। इसके बाद चौघड़िया तिथि देखकर पूजा आराधना कर सकते हैं। योगिनी एकादशी की तिथि

  • योगिनी एकादशी का आरंभ: 4 जुलाई 07.55 PM से 5 जुलाई 10.30 PM
  • योगिनी एकादशी का समापन: 5 जुलाई 10.30 PM से 7 जुलाई 01.02 AM
  • ब्रह्म मुहूर्त : 04:14 AM – 05:02 AM
  • अमृत काल : 06:47 AM – 08:35 AM
  • अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM – 12:58 PM
  • पारना: 06:47 AM से 08:35 AM से 09.11 AM से 10.51 AM तक

योगिनी एकादशी महत्व

  • योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ की पूजा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए वस्त्र ,चन्दन ,जनेऊ ,गंध, अक्षत ,पुष्प , धूप-दीप नैवेध,पान-सुपारी चढ़ाकर करनी चाहिए। इससे श्रीहरि की कृपा बरसती है।
  • विष्णु पुराण,पद्म पुराण व भागवद् के अनुसार योगिनी एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली संसार के मोह माया में डूबे हुए प्राणियों को पार लगाने वाली नाव के समान है।
  • भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में एकादशी के महत्व को बताया है। इस व्रत को करने से गौदान और 88 हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। इसका उल्लेख तीनों लोकों में है।





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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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