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Electric Vehicle: रास नहीं आ रही इलेक्ट्रिक कारें,सर्वे में हुआ हुआ खुलासा बेहतर हैं पेट्रोल-डीजल कारें
Electric Vehicle: इलेक्ट्रिक कार मालिक दूसरी गाड़ी खरीदते समय इलेक्ट्रिक की बजाय पेट्रोल-डीजल से चलने वाली आंतरिक दहन इंजन कार को कहीं ज्यादा बेहतर विकल्प मानते हैं।
Electric Vehicle: भारत सरकार लगातार पर्यावरण संरक्षण में सुधार के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। जिसके लिए फेम 2 और EMPS जैसी योजनाएं भी पेश गई हैं इस लिस्ट में फेम 3 योजना भी जल्द ही सामने आने वाली है। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर पब्लिक ओपिनियन कुछ और ही कहानी कहता है। असल में हाल ही में इस विषय पर एक सर्वे रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है जिसमें चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसमे ये बात पब्लिक व्यू प्लेटफार्म पर निकल कर सामने आई है कि पार्क+ की ओर से 500 इलेक्ट्रिक कार मालिकों के साथ किए सर्वे में 51 ने कहा है कि वे वापस ICE कार खरीदना चाहते हैं। यानीइलेक्ट्रिक कार मालिक दूसरी गाड़ी खरीदते समय इलेक्ट्रिक की बजाय पेट्रोल-डीजल से चलने वाली आंतरिक दहन इंजन कार को कहीं ज्यादा बेहतर विकल्प मानते हैं।
इलेक्ट्रिक कार मालिकों को इन समस्याओं का करना पड़ रहा है सामना
इलेक्ट्रिक कार मालिकों का इनसे मोह भंग होने के पीछे कै वजहें निकल कर सामने आईं हैं। इस मुद्दे पर सर्वे फर्म द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक73 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कार मालिकों ने बताया कि उन्हें इलेक्ट्रिक गाड़ी के मेंटीनेंस के बारे में तनिक भी जानकारी नहीं है। जिससे अचानक समस्या आने पर उसे मौके पर समझ पाना मुश्किल होता है साथ ही हर जगह EV कार रिपेयरिंग के लिए मिस्त्री भी मौजूद नहीं मिलते।ऐसे में मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक कंपोनेंट की मरम्मत कराना एक टेढ़ी खीर जैसा साबित होता है ।इसके अलावा बैटरी बदलवाने की ज्यादा लागत भी इसके पीछे बहुत बड़ी वजह है। यानी इलेक्ट्रिक वाहनों की मरम्मत में खर्च होने वाली बड़ी रकम EV कार मालिकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।
इलेक्ट्रिक कारों में अगली सबसे बड़ी चुनौती इनकी चार्जिंग की समस्या की है। ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म पार्क+ के सर्वेक्षण के मुताबिक इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए सुरक्षित और सुलभ EV चार्जिंग स्टेशन की अभी भारी कमी है।इलेक्ट्रिक कारों की बजाय ICE मॉडल चुनने के लिए 88 प्रतिशत कार मालिकों ने चार्जिंग समस्या को बड़ा कारण बताया है, जिन्हें हमेशा रेंज की चिंता लगी रहती है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए भारत में अभी तक 20,000 से अधिक EV चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं, लेकिन वाहनों की संख्या की तुलना में ये यह संख्या अभी भी कम है।