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Electric Vehicle Review: ई-व्हीकल्स लेने का प्लान बना रहे, तो अलर्ट हो जाएं, सरकार कर रही सब्सिडी बंद करने की तैयारी

Electric Vehicle Review: इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की योजना बना रहे लोगों को अब पूरा खर्च वहन करना होगा क्योंकि सरकार इन वाहनों पर सब्सिडी खत्म करने की तैयारी कर रही है। यह कदम इसलिए आया है क्योंकि सरकार का लक्ष्य अपने खर्च को कम करना और धन को अन्य प्राथमिकताओं की ओर ले जाना है।

Jyotsna Singh
Published on: 2 May 2023 10:39 PM IST
Electric Vehicle Review: ई-व्हीकल्स लेने का प्लान बना रहे, तो अलर्ट हो जाएं, सरकार कर रही सब्सिडी बंद करने की तैयारी
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Electric Vehicle Review (Newstrack)

Electric Vehicle Review: ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बड़े बदलाव के तहत पर्यावरण प्रदूषण जैसी विकट समस्या से निपटने के लिए BS6 जैसे नॉर्म्स को लागू करने के साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने का काम एक वृहद स्तर पर किया गया। जिसके लिए FAME स्कीम को धरातल पर लाया गया था। सरकार को इस स्कीम के जरिए देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढ़ावा देने में निश्चित ही एक बड़ी सफलता को हासिल किया है। जिसमें फेम स्कीम का काफी बड़ा योगदान है। इलेक्ट्रिक वाहनों की जबरदस्त मांग के परिणाम स्वरूप सरकार ने Fame स्कीम की सफलता को देखते हुए बिना देर किए ही इस स्कीम का दूसरा फेज यानी FAME II स्कीम को भी लॉन्च कर दिया। हालांकि सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑन रोड लाने का लक्ष्य अब पूरा होने को है। इस वित्त वर्ष के बाद इस स्कीम का लाभ मिलना बंद हो सकता है। क्या इसकी वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, इसका जवाब अभी स्कीम के पूरी तरह से बंद होने के बाद ही दिया जा सकता है।

FAME-II सब्सिडी क्या है?

FAME -IIसरकार ने 2019 में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडॉप्शन ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME) योजना पर बड़े पैमाने के साथ कदम बढ़ाया था । FAME-II सब्सिडी योजना के अंतर्गत आरंभ में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी प्रति kWh पर 10000 रुपये की सब्सिडी दी जाती थी। बाद में जून 2021 में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए यह सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया।

FAME-II सब्सिडी का इस तरह मिलता है फायदा

आइए आपको उदाहरण के साथ समझाने का प्रयास करते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार फेम-2 सब्सिडी का लाभ किस प्रकार दे रही है... जैसे कि मान लीजिए आप कोई इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदते हैं, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 1.5 लाख रुपये है और जिसमें 3kmh का बैटरी पैक है तो इस पर भारत सरकार आपको 15,000 रुपये प्रति kWh की दर से छूट देती है, जिसके बाद आपको इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत पर 45000 रुपये की छूट प्राप्त होगी। मतलब यह आपको सिर्फ एक लाख पांच हजार रुपये में मिल जाएगा. इसलिए, फेम-2 सब्सिडी बहुत ही लाभदायक है। इसलिए भारत सरकार फेम-2 सब्सिडी का लाभ दे रही है। यह सब्सिडी उपभोक्ताओं को खरीदारी के समय मिलेगी। केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले इन बेनेफिट्स के अलावा, अलग-अलग राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों पर अलग-अलग ऑफ़र दे रहीं हैं।

1.50 लाख रुपये सस्ते ई-स्कूटर पर ही मिलेगी सब्सिडी में छूट

सब्सिडी का फायदा देने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की एक निश्चित कीमत तय की है। जिन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमत 1.50 लाख रुपये (एक्स-फैक्ट्री) से ज्यादा होगी तो उन व्हीकल पर सरकार द्वारा दी जा रही इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा।

कुछ कंपनियां कर रहीं लंबा खेल

सब्सिडी लाभ लेने के लिए इंडियन फर्म से 50 फीसदी कंपोनेंट्स और पार्ट्स लेना जरूरी है। वहीं, कुछ कंपनियां छूट पाने के लिए चार्जर और सॉफ्टवेयर को स्कूटर से अलग करके बेच रहीं हैं यानी चार्जर और सॉफ्टवेयर की कीमत स्कूटर की कीमत में नहीं जोड़ी गई, जिससे स्कूटर की कीमत 1.50 लाख रुपये से कम हो जाए। इन सभी गड़बड़ियों की वजह से सरकार ने कई कंपनियों की सब्सिडी को रोक दिया है। फेज 2 के तहत सरकार ने 12 कंपनियों ने गड़बड़ी की वजह से लगभग 1,100 करोड़ की सब्सिडी रोक दी है। इसकी वजह इलेक्ट्रिक स्कूटर के दाम बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। अब सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी का पैसा रिकवर करने का प्लान बनाया है। दरअसल, पिछले साल से ही सरकार ने फेम 2 सब्सिडी की स्क्रूटनी पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। कई कंपनियों ने गलत तरीके से विदेशों से कंपोनेंट इंपोर्ट किए, जबकि इन्हें भारत में बने कंपोनेंट्स के तौर पर दर्शाया गया। ज्यादातर कंपनियां चीन से इंपोर्ट किए सामान पर निर्भर रहीं। वहीं मीडिया रिपोर्ट द्वारा ऐसी भी जानकारी सामने आ रही है कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियों ने अपने स्कूटर की कीमत को जानबूझकर कम किया, ताकि सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके।



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