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EV Subsidy : इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के ऊपर गहराया ईवी सब्सिडी खत्म होने का खतरा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान से EV मार्केट में मची हलचल

EV Subsidy : भारत सरकार ने 2015 में FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) योजना की शुरुआत की। यह योजना ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी।

Jyotsna Singh
Published on: 5 Sept 2024 8:58 PM IST
EV Subsidy : इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के ऊपर गहराया ईवी सब्सिडी खत्म होने का खतरा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान से EV मार्केट में मची हलचल
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सांकेतिक तस्वीर (Pic - Social Media)

EV Subsidy : भारत सरकार ने 2015 में FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) योजना की शुरुआत की। यह योजना ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी। FAME-II योजना के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रत्यक्ष सब्सिडी प्रदान करती है।अभी तक ऑटोमेकर कंपनियां FAME 2 योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बिक्री के लिए उतार रहीं थीं। इस साल 2024 की शुरुआत में भारी उद्योग मंत्रालय ने FAME-2 योजना के तहत सब्सिडी को 31 मार्च को बंद करने की घोषणा की थी। इसके स्थान पर सरकार ने 31 जुलाई तक के लिए एक नई इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 पेश की, जिसे बाद में 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इसके तहत दोपहिया वाहन पर 10,000 रुपये, छोटे तिपहिया वाहनों पर 25,000 रुपये और बड़े तिपहिया वाहनों पर 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता का लाभ मिल रहा है।

इसके साथ ही अब भारत सरकार FAME के तीसरे चरण को 1-2 महीने में मंजूरी देने की तैयारी कर रही है।हालांकि अभी तक निश्चित तारीख का खुलासा नहीं हुआ है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाल ही में जारी एक बयान ने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में हलचल मचा दी है। जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सब्सिडी देने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि उपभोक्ता अब खुद ही ईवी या सीएनजी वाहन का चुनाव अपनी पसंद से कर रहे हैं। जिसे इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी को खत्म किए जाने का संकेत माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी समूह FAME 3 योजना के लिए मिले इनपुट पर काम कर रहा है जिसमे हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन (FAME) योजना के पहले दो चरणों में मुद्दों को हल करने की कोशिश की जा रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण लागत में आई कमी

बीएनईएफ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि, "उपभोक्ता अब खुद ही इलेक्ट्रिक और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) वाहनों की खरीद की ओर आकर्षित हो रहे हैं ऐसे में मुझे नहीं लगता कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ज्यादा सब्सिडी देने की कोई आवश्यकता है। जबकि EV सेगमेंट को शामिल करने के साथ शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की लागत भी मौजूदा समय की तुलना में काफी अधिक थी। वहीं समय के साथ इनकी डिमांड में तेजी आने के साथ ही इनकी, उत्पादन लागत कम होती चली गई। जिसके उपरांत अब आगे सब्सिडी की जरूरत नहीं महसूस की जा रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर कम है जीएसटी लागत

परिवहन मंत्री ने अपने संविधान में ये भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाली जीएसटी की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, " इन सारे बिंदुओं पर गौर करते हुए मेरे विचार से, इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अब सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने की कोई जरूरत ही नहीं रह गई है। EV वाहन निर्माताओं द्वारा सब्सिडी की मांग अब कटाई उचित नहीं रह गई है।"

इस बयान के आने बाद से अब इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है, जिसके साथ ही अब सब्सिडी के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में छूट मिलने की राहत अब ग्राहकों के लिए भी समाप्त होने के आसार नजर आ रहें हैं।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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