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Luxury Cars Price: महंगे लग्जरी वाहनों की मांग में आया उछाल दूसरे देशों में मुकाबले सस्ते हैं अपने देश में वाहन
Luxury Cars Price:भारत में वाहनों की कीमत अन्य देशों के मुकाबले में कम है, आयरलैंड उन देशों में शामिल है जहां कार मेंटेन करना काफी महंगा पड़ता है।
Luxury Cars Price: देश में बेहतरीन और आकर्षक गाड़ियों की डिमांड देश में लगातार बढ़ती जा रही है। गाड़ियों की बढ़ती मांग से घरेलू वाहन उद्योग का आकार और मूल्य बढ़ता ही जा रहा है। यात्री वाहनों की डिमांड में आई तेजी के साथ ये आंकड़ा तुलनात्मक दृष्टि से वर्ष 2023 से 24 में अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ता हुआ 19 फीसदी से बढ़कर 10.22 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है।वहीं कम कीमत वाली गाड़ियों की कमजोर मांग से महंगें यात्री वाहन की डिमांड में वृद्धि हुई है। इसमें पीवी श्रेणी में मात्रा के लिहाज से 9 फीसदी और मूल्य के हिसाब से चार फीसदी गिरावट आई है। दोपहिया वाहन श्रेणी में मात्रा में 10 फीसदी और मूल्य में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है। तिपहिया वाहनों में क्रमशः 16 फीसदी व 24 की तेजी देखी जा रही है। चीन के बाद वाहनों के पंजीकरण में भारत तीसरे स्थान पर रहा है।
दूसरे देशों के मुकाबले भारत में सस्ते हैं वाहन
भारत में वाहनों की कीमत अन्य देशों के मुकाबले में कम है। आयरलैंड उन देशों में शामिल है जहां कार मेंटेन करना काफी महंगा पड़ता है। यदि आप इस देश में कार खरीदते हैं तो सालाना आपको 5,41,543 रुपये का खर्च आ जाता है। कनाडा में भी कार मेंटेन करना काफी मंहगा पड़ता है। इस देश में कार मेंटेनेंस पर लोग हर साल 5,10,626 रुपये तक खर्च कर देते हैं।
भारत में बढ़ी महंगे वाहनों की डिमांड
एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) के मजबूत प्रदर्शन से वाहन उद्योग में उछाल आया है। इन दोनों श्रेणी में बीते वित्त वर्ष के दौरान मात्रा में 23 फीसदी और कीमत में 16 फीसदी की वृद्धि रही, जिससे कुल मूल्य 39 फीसदी बढ़ गया। प्राइमस पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक अनुराग सिंह ने कहा, भारतीय कम कीमत वाले उत्पादों को दरकिनार कर खूबियों से लैस ऊंची कीमत वाले वाहन पसंद कर रहे हैं।
वाणिज्यिक वाहन एक जुलाई से हो जाएंगे दो फीसदी तक महंगे
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन एक जुलाई से दो फीसदी तक महंगे हो जाएंगे। इनमें बस से लेकर ट्रक तक शामिल हैं। कंपनी ने कहा है कि इनपुट लागत बढ़ने के कारण दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। कीमतों में वृद्धि वाणिज्यिक वाहनों के सभी मॉडल पर लागू होगी। कंपनी ने इससे पहले उत्पादन लागत में वृद्धि के कारण अप्रैल में भी कीमतों में दो फीसदी की बढ़ोतरी की थी।