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FASTag: फास्ट टैग अब हुआ और जरूरी, नगद में देनी होगी दूनी राशि

FASTag: राजमार्गो पर लोगों को वाहन के विंडस्क्रीन पर जानबूझकर फास्टैग न लगाने से रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कई दिशानिर्देश जारी किए हैं।

Jyotsna Singh
Published on: 19 July 2024 3:35 PM IST
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FASTag: देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर गुजरने वाले वाहनों की विंडस्क्रीन पर नियम की अनदेखी करते हुए जानबूझकर फास्टैग न लगाने पर तत्काल रोक लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कड़े कदम उठाने जा रहा है। केंद्रीय परिवहन विभाग का मानना है कि फास्ट टैग की सुविधा होते हुए भी लोग टोल बूथों पर नगद लेनदेन करते हैं। जिसमें काफी समय की बरबादी होती है। इसलिए सभी वाहन चालकों और वहां मालिकों को अपने वाहनों पर फास्ट टैग लगवाना अति आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो बूथों पर उनसे दूना टोल टैक्स वसूला जाएगा।राजमार्गो पर लोगों को वाहन के विंडस्क्रीन पर जानबूझकर फास्टैग न लगाने से रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कई दिशानिर्देश जारी किए हैं।

एनएचएआई ने ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूलने के लिए जारी किए दिशानिर्देश

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एनएचएआई ने ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ऐसे वाहन जिनमें अंदर से सामने की विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगा होगा, और वे टोल लेन में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें दोगुना टोल देना होगा। एनएचएआई ने कहा कि विंडस्क्रीन पर जानबूझकर फास्टैग न लगाने से टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी होती है, जिससे अन्य वाहनों को असुविधा होती है।


सभी टोल प्लाजा पर भी प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी ये सूचना

एनएचएआई के बयान के अनुसार, यह सूचना सभी टोल प्लाजा पर भी प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें लोगों को विंडशील्ड पर फास्टैग लगाए बिना टोल लेन में प्रवेश करने पर लगने वाले जुर्माने के बारे में जानकारी दी जाएगी।


वाहन पंजीकरण संख्या के साथ सीसीटीवी फुटेज गैर-फास्टैग मामलों में होगी दर्ज

बयान में कहा गया है कि टोल प्लाजा पर वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) के साथ सीसीटीवी फुटेज को गैर-फास्टैग मामलों में दर्ज किया जाएगा। इससे शुल्क वसूले जाने और टोल लेन में वाहन की मौजूदगी के बारे में उचित रिकॉर्ड बनाए रखने में मदद मिलेगी।


मानक अनुरूप न होने पर ब्लैक लिस्टेड होगा वाहन

बयान में कहा गया है कि कोई भी फास्टैग जो मानक प्रक्रिया के अनुसार निर्दिष्ट वाहन पर नहीं लगाया गया है, वह शुल्क प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) लेनदेन करने का हकदार नहीं है और उसे दोगुना टोल शुल्क देना होगा और साथ ही उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है।


बैंको को मिली जिम्मेदारी

एनएसएआई ने कहा कि जारीकर्ता बैंकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि फास्टैग जारी करते समय इसे विंड़शील्ड़ पर लगाने की जिम्मेदारी निभाएं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का गठन 1988 में संसद के एक अधिनियम द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत किया गया था। भारत सरकार द्वारा इन्हें सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए एनएचएआई को एक केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में स्थापित किया गया है।



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Shalini singh

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