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Fastag System Changes: अब हाईवे पर टोल वसूली के लिए फास्टैग सिस्टम में होगा बदलाव, परिवहन मंत्री ने दिए संकेत
Fastag System Changes: टोल प्लाजा चार्ज करने के लिए लांच हुए नए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को पहले से ही कुछ राजमार्गों पर पायलट आधार पर लागू भी किया जा चुका है।
Fastag System Changes: देशभर में हाईवे पर यात्रियों से वसूले जाने वाले टोल टैक्स के नियम कानूनों में अब एक बार फिर फेरबदल किए जाने की संभावना नजर आ रही है। इस बदलाव की ओर सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टोल टैक्स सिस्टम में और अधिक पादर्शिता और सुविधाजनक बनाने के लिए नए सिस्टम को लागू करने के संकेत दिए हैं। इस सिस्टम को फ्रेम में लाने के लिए केंद्र सरकार ने नए टोल टैक्स सिस्टम के लिए शुरुवाती दौर में एक सलाहकार भी नियुक्त कर दिया है। इस नियम में बदलाव के अंतर्गत देश के हाईवे पर टोल चार्ज के लिए फास्टैग की जगह ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह सिस्टम को अप्रैल से लागू किए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी इस बारे में पूरी तरह से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गईं है।
फास्टैग की तुलना में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) में क्या कुछ होगा खास
अभी तक हाईवे पर यात्रियों से वसूले जा रहे टोल टैक्स के लिए मौजूदा फास्टैग सिस्टम की जगह एक नई तकनीक से लैस सिस्टम को लाने की तैयारी की जा रही है। लागू फास्ट टैग में टोल प्लाजा पर RFID को सपोर्ट करने वाला बैरियर ट्रैक से गुजरने वाले वाहनों पर लगी फास्टैग ID को स्कैन कर टोल टैक्स को चार्ज किया जाता था। इस दौरान सामने आने वाली दुश्वारियों में जो अव्यवस्था सामने आ रही थी वो है वाहन मालिकों को टोल चार्ज होने तक लंबा इंतजार करना। यही वजह है कि ट्रोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की लंबी कतार लग जाती थी। इन सारी समस्याओं से निजात पाने के लिए लागू किए जाने वाले अगामी नए सिस्टम ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के तहत हाईवे पर स्थापित कैमरों के माध्यम से ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान कर टोल टैक्स चार्ज किया जाएगा। जिसमें वाहनों को रुककर अपनी बारी का इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नया सिस्टम पहले से ही कुछ राजमार्गों पर पायलट आधार पर है लागू
टोल प्लाजा चार्ज करने के लिए लांच हुए नए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को पहले से ही कुछ राजमार्गों पर पायलट आधार पर लागू भी किया जा चुका है। इस सिस्टम के सफल परीक्षण के बाद इसे धीरे-धीरे देश के अन्य हाईवे पर भी लागू कर दिया जाएगा। मौजूदा फास्टैग सिस्टम को राजमार्गों पर टोल भुगतान करने के लिए तीन वर्ष पहले 2021 से लागू किया गया था। अब शामिल होने जा रहा GPS-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को शुरू करने के लिए फास्टैग सिस्टम को देश के सभी हाइवे पर चरण बद्ध तरीके से समाप्त किए जाने की जानकारियां सामने आ रहीं हैं। टोल सिस्टम में नई प्रणाली के शामिल होने के साथ ही टोल प्लाजा की भी आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।