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G20 Summit 2023: जी20 सैटेलाइट मिशन' और 'ग्रीन क्रेडिट पहल पर' रखे गए प्रस्ताव

G20 Summit:प्रधान मंत्री मोदी ने बायो फ्यूल के चलन को प्रभावी बनाने के लिए जोर देते हुए कहा कि, "आज समय की मांग है कि सभी देश ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में मिलकर काम करें।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 12 Sept 2023 12:15 PM IST
PM Modi g20 summit
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PM Modi g20 summit  (PHOTO: social media )

G20 Summit: ‘वन अर्थ' पर जी20 शिखर सम्मेलन सत्र में बोलते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पर्यावरण और जलवायु अवलोकन के लिए जी20 सैटेलाइट मिशन' शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा और नेताओं से 'ग्रीन क्रेडिट पहल' पर काम शुरू करने का आग्रह किया।

इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल

प्रधान मंत्री मोदी ने बायो फ्यूल के चलन को प्रभावी बनाने के लिए जोर देते हुए कहा कि, "आज समय की मांग है कि सभी देश ईंधन मिश्रण के क्षेत्र में मिलकर काम करें। हमारा प्रस्ताव पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है।

ऊर्जा परिवर्तन 21वीं सदी की दुनिया की एक महत्वपूर्ण जरूरत

प्रधानमंत्री ने सत्र के दौरान पर्यावरण को संरक्षित करने और ईंधन के नए विकल्पों की खोज पर अपने विचार प्रगट करते हुए कहा कि 21वीं सदी की दुनिया के हित के लिए जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए ऊर्जा परिवर्तन एक महत्वपूर्ण जरूरत बन चुका है।उन्होंने कहा कि समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए खरबों डॉलर की आवश्यकता है और विकसित देश इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वैश्विक भलाई के लिए एक और मिश्रण विकसित करने पर काम करने की जरूरत

" बैठक के दौरान पीएम मोदी ने सत्र में कहा, "वैकल्पिक रूप से, हम व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एक और मिश्रण विकसित करने पर काम कर सकते हैं, जो स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ जलवायु सुरक्षा में भी योगदान देता है।" इस सत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।

क्लाइमेट फाइनेंस के लिए 100 बिलियन अमरीकी डॉलर की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की पहल

पीएम ने इस दौरान यह भी कहा कि, "भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के सभी देश इस बात से खुश हैं कि विकसित देशों ने इस साल 2023 में सकारात्मक पहल की है। विकसित देशों ने पहली बार क्लाइमेट फाइनेंस के लिए 100 बिलियन अमरीकी डॉलर की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने की इच्छा जाहिर की है।"

हालांकि 2009 में कोपेनहेगन संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में, विकसित देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने के लिए 2020 तक प्रति वर्ष 100 बिलियन अमरीकी डॉलर प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई थी।लेकिन धनी राष्ट्र इस प्रतिबद्धता को पूरा करने में बार-बार नाकाम रहे।

वैश्विक टिकाऊ जैव ईंधन उत्पादन को 2030 तक तीन गुना करने की जरूरत

इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) का अनुमान है कि 2050 तक दुनिया की ऊर्जा प्रणाली को शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में लाने के लिए वैश्विक टिकाऊ जैव ईंधन उत्पादन को 2030 तक तीन गुना करने की जरूरत होगी। जिसके अंतर्गत लिक्विड बायोफ्यूल ने 2022 में कुल परिवहन ऊर्जा आपूर्ति का 4 प्रतिशत से ज्यादा प्रदान किया।

वैश्विक गठबंधन ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन के समर्थन में स्थायी जैव ईंधन को बढ़ावा देने में बनेगा मददगार

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि जी 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह के सदस्यों के बीच जैव ईंधन पर वैश्विक गठबंधन के लिए भारत का प्रस्ताव ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिश के समर्थन में स्थायी जैव ईंधन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा था, "इस तरह के गठबंधनों का मकसद विकासशील देशों के लिए अपने ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए विकल्प तैयार करना है।" इस तरह की पहल का उद्देश्य भारत को वैकल्पिक ईंधन को अपनाने में मदद करना और उसके आयात बिल में कटौती करना है, क्योंकि वह 2070 तक अपने शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करना चाहता है। दूसरी ओर, आईएसए का लक्ष्य सौर ऊर्जा की व्यापक तैनाती के लिए 2030 तक आवश्यक 1,000 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश जुटाना है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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