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Car AC Tips: कार में AC चालू करते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान
Car AC Tips: आइए जानते हैं कार में AC का किस प्रकार ध्यान रखना होता है
Car AC Tips: गर्मी का पारा बढ़ते ही कारों में एसी की जरूरत भी बढ़ जाती है। कार में मौजूद एयर कंडीशन के इस्तेमाल को लेकर भी कुछ खास सावधानियों का खयाल रखना बेहद जरूरी होता है। इस तरह से आप किसी बड़े नुकसान से खुद को बचा सकते हैं। वहीं इस तरह की भी गलतफहमियां अक्सर लोगों के बीच देखी जाती हैं कि, कार को स्टार्ट करते समय कार के AC को ऑफ रखना चाहिए। ऐसा मानना है कि इससे गाड़ी के इंजन पर लोड बढ़ता है। जिससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है। बता, जबकि हकीकत में AC चलाने के तरीके कूलिंग और माइलेज को प्रभावित करते हैं।आइए जानते हैं कार में AC का किस प्रकार ध्यान रखना होता है।
AC की सीधी हवा कर सकती है नुकसान
अपनी कार के एयर कंडीशनिंग सिस्टम को बहुत ठंडा न करें और हवा के प्रवाह को सीधे अपने चेहरे पर न आने दें। क्योंकि इस तरह डायरेक्ट ठंडी हवा के संपर्क में आने से आसानी से सर्दी लग सकती है। देखा जाए तो AC का आदर्श तापमान 22 से 25 डिग्री के बीच है। ऊर्जा मंत्रालय के एक्सपर्ट के मुताबिक, AC को हमेशा 26 डिग्री या उससे ऊपर के टेंप्रेचर पर सेट करके चलाना चाहिए।
क्लाइमेट कंट्रोल एसी से मिलती है ये सुविधा
अक्सर आपकी कार के भीतर ज्यादा ठंडा या गर्म टेंप्रेचर होने पर आपको बार बार AC ऑन ओर ऑफ करना पड़ता है। लेकिन वहीं आपकी कार में क्लाइमेट कंट्रोल एसी मौजूद है तो आपको कार का एसी बंद करने की जरूरत नहीं होती। इस तकनीक के शामिल होने से इन दोनों ही समस्याओं से आसानी से बचा जा सकता है। यदि आपकी कार में क्लाइमेट कंट्रोल एसी है तो उसका टेंप्रैचर हमेशा 24 डिग्री के आसपास सेट करें। ऐसा करने पर AC का कंप्रैशर बीच बीच में बंद होता रहेगा। जिस वजह से गाड़ी के इंजन को कुछ सेकेंड के लिए आराम मिलेगा। इस तरह से इंजन पर से लोड कम होगा। वहीं यदि आपकी कार में क्लाइमेट कंट्रोल एसी की जगह मैनुअल एसी है। तो उसका टेंप्रेचर हमेशा ब्लू लाइन के बीच में रखना चाहिए। ऐसा करने से बीच बीच में कंप्रैशर बंद होगा। जिससे गाड़ी के इंजन पर ज्यादा लोड नहीं पड़ेगा।
कार स्टार्ट करते समय अब AC नहीं करना पड़ता है ऑफ
वर्तमान समय में एडवांस तकनीक से लैस गाड़ियों में अब इंजन फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के साथ आते हैं। जिन्हें ज्यादा गर्म करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए अब कार को स्टार्ट करते समय AC को बंद रखा जाए ये जरूरी नहीं होता। जबकि कार में AC चालू करने से कार में थोड़ा वाइब्रेशन हो सकता है। साथ ही ईधन की खपत पर जरूर इसका प्रभाव पड़ता है। अब से पहले कारें कार्बोरेटर के साथ आती थीं। तब इंजन स्टार्ट करने के लिए पहले कार के सभी सहायक उपकरण बंद रखने पड़ते थे। कार्बोरेटर वाली कारों को स्टार्ट करते समय AC चालू करने से इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ता था। कार का इंजन जल्दी ही हीटअप हो जाता था। खास कर गर्मी के मौसम में इस तरह की समस्या ज्यादा आती थी।
AC चलाने से होता है ज्यादा वाइब्रेशन हो सकती है बड़ी समस्या
अगर आपकी कार पुरानी हो चुकी है और AC चालू करने के बाद गाड़ी में ज्यादा वाइब्रेशन हो रहा है। तो ऑफ करके कुछ देर बाद ही इसे चालू करना सही रहता है। लेकिन यदि ज्यादा वाइब्रेशन के साथ हीएयर कंडीशनर से किसी तरह की आवाजें भी आ रही हैं। तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। इस तरह की ध्वनि एसी फैन की बेल्ट, कंप्रेसर, पुली और कंप्रेसर क्लच के जरूरत से ज्यादा घिसने और खराब होने का संकेत होता है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए सर्विस सेंटर पर AC को चैक कराना सही रहता है।