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Cyber Attack On Vehicle: कहीं आपकी गाड़ी भी न हो जाए साइबर हमले की शिकार, इन खास बातों का खयाल
Cyber Attack On Vehicle: असल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के शामिल होने से साइबर हमले का खतरा बढ़ता हुआ नजर आने लगा है। ऐसे में कुछ खास सावधानियों के चलते आप अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी को साइबर हमले से बचाने में कामयाब साबित हो सकते हैं।
Cyber Attack On Vehicle: पलक झपकते ही आपके मोबाइल फोन से लाखों का ट्रांजेक्शन लेकर साइबर चोर फुर्र हो जाता हैं वहीं आपके लैपटॉप पर सेव बेहद जरूरी जानकारियां खुद ब खुद कहीं और लीक हो जाती हैं। बड़ी बड़ी संस्थाओं के सारे के सारे डेटा हैक हो जाते हैं। साइबर क्राइम अब दिनों दिन नए कलेवर के साथ अपनी रंगत दिखा रहा है। हर कोई इस खतरे की गिरफ्त में है। साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी अपने पूरे नेटवर्क के साथ काम करते हैं। दुनियां के चप्पे चप्पे तक इनकी पहुंच है।
इसी दिशा में देश में लगातार बढ़ रहे साइबर हमलों को देखते हुए मौजूदा सरकार अब आधुनिक तकनीक से लैस वाहनों को भी इन हमलों से सुरक्षित करने की योजना की दिशा में जल्द ही प्रस्ताव पारित करने वाली है, इस योजना की ओर तेज़ी से कदम भी बढ़ा रही है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.....
इलेक्ट्रिक कारों को है साइबर अटैक का सबसे ज्यादा खतरा
प्रदूषण जैसी चुनौती से निपटने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़े बदलाव के तौर पर इलेक्ट्रिक कारों का विस्तार किया गया। जिनको चलन में लाने के लिए सरकार कई तरह की तमाम कवायदों के बीच आज भी जूझ रही है। वहीं अब एक और समस्या इस बीच अपना मूह बाय खड़ी है। वो हैं साइबर खतरे का। असल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के शामिल होने से साइबर हमले का खतरा बढ़ता हुआ नजर आने लगा है। ऐसे में कुछ खास सावधानियों के चलते आप अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी को साइबर हमले से बचाने में कामयाब साबित हो सकते हैं। जिसके लिए प्रमुखता से आप अपनी कार में लगे इंफोटेनमेंट सिस्टम को किसी भी अनोन वाईफाई नेटवर्क के साथ पेयर न करें। अपनी इलेक्ट्रिक कार को सार्वजनिक चार्जर से चार्ज करने से बचें वहीं कुछ पैसे बचाने के लिए लोग कंपनी के बजाए लोकल दुकानों से इंफोटेनमेंट सिस्टम लगवाना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में इंफोटेनमेंट सिस्टम के जरिए भी आपके फोन से डाटा चोरी होने की पूरी संभावनाएं रहती हैं।
इस दिशा में कड़ी सुरक्षा प्रदान करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पैसेंजर और कमर्शियल वाहन के लिए समान साइबर सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम लाने पर विचार कर रही है। जिसके लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। इस प्रस्ताव की मदद से इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के डाटा को चोरी से बचाने में सहायक बनेगा।
अलग-अलग वाहनों के हिसाब से तैयार होगा CSMS
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने साइबर हैकिंग की बढ़ती समस्या पर साइबर सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि वाहन निर्माताओं या उनके मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि को अलग-अलग वाहनों के प्रकार के हिसाब से इस सिस्टम के लिए आवेदन करना होगा। वाहनों के लिए साइबर सुरक्षा के तहत सड़क पर वाहनों और उनके कार्यों को साइबर खतरों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स तक को साइबर हैकिंग से उनकी रक्षा करना है।
गाड़ियों पर किस तरह हमला बोलता है साइबर हैकर
हैकर साइबर हमले की मदद से कार की स्टेयरिंग, ब्रेकिंग और इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ-साथ घरेलू टीवी चार्जिंग पर भी अपना निशाना साध सकते हैं। खासतौर से जब आप EV को चार्ज करने के लिए पब्लिक प्लेस पर उपलब्ध चार्जिंग स्टेशन के चार्जर से कनेक्ट करते है। उस वक्त भी आपके कार के इंफोनमेंट से जरूरी जानकारियों के चोरी होने का खतरा रहता है।
आधुनिक वाहनों में साइबर अपराध का खतरा खासकर सॉफ्टवेयर कोड की संख्या बढ़ने से और ज्यादा खतरनाक हो जाता है। साइबर हमले में न केवल वाहन के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, बल्कि बैकएंड और थर्ड-पार्टी सर्वर तक इनकी एंट्री का खतरा बना रहता है।
साइबर हमले से बचाव के सॉलिड तरीके
वाहनों को साइबर अपराध से बचाने के लिए कार निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन का इलेक्ट्रॉनिक्स सुरक्षा ढांचा यानी उसका कवच बेहद मजबूत है। मिली कई जानकारियों के बावजूद कार कंपनियां को साइबर-थ्रेट मैनेजमेंट लागू करना चाहिए।
इसके अलावा इस चुनौती से निपटने के लिए कार कंपनियां, सरकारी संस्थाओं और निजी सॉफ्टवेयर कंपनियों के बीच सहयोग करने साथ ही साथ साथ ही साइबर सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठा जाएं।
गाड़ियों में लिए CSMS के लिए AIS तैयार करेगी सरकार
CSMS वाहनों को साइबर खतरों से बचाने के लिए प्रक्रियाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है।रिपोर्ट के मसौदे में कहा गया, "इसी साल 14 जुलाई को आयोजित ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड कमेटी (AISC) की 66वीं बैठक में वाहनों के लिए CSMS के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड तैयार करने पर सहमति बनी है।" इसमें कहा गया, "AIS का उद्देश्य M और N श्रेणी के वाहनों में लगे CSMS के लिए समान प्रावधान स्थापित करना है।