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New Auto Fuel in 2023: ऑटो की दुनिया में नए ईंधन का आगाज
New Auto Fuel in 2023: नितीन गडकरी के पहल से फ्यूल की दुनिया में बहुत से बदलाव होने जा रहे हैं। भारत देश में नए ईंधन के तीन प्रकार के विकल्पों का मार्ग खुल रहा है।
New Auto Fuel in 2023: वर्तमान आधुनिक भारत में ऑटोमोबाइल (Automobiles) के क्षेत्र में नए ईंधन युग का आरम्भ हो रहा है। भारत सरकार के परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी (Nitin Gadkari) के पहल से फ्यूल की दुनिया में बहुत से बदलाव होने जा रहे हैं। भारत देश में नए ईंधन के तीन प्रकार के विकल्पों का मार्ग खुल रहा है।
ये हैं तीन तरह के ईंधन
पहला- इलेक्ट्रिक (Electric), दूसरा- फ्लैक्स फ्यूल (Flexi-fuel), तीसरा- हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen fuel)। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा स्वस्थ जीवन, शून्य प्रदूषण, पर्यावरण की रक्षा, आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य की रक्षा होगी। कैंसर, फेफड़ों के बीमारी से छुटकारा मिलेगा। गडकरी के अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज भारत देश में सभी प्रमुख कंपनियां अलग-अलग इर्धंन (फ्यूल) पावर के विकल्प के तकनीकों पर तेज़ी से काम कर रही हैं।
फ्यूल तकनीक का बदलाव दो पहिया वाहनों में, चार पहिया वाहनों में यहाँ तक की कारों के साथ-साथ बस, ट्रकों में भी फ्यूल के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन हो रहा है। आने वाला युग इलेक्ट्रिक पावर , फ्लैक्स फ्यूल पावर , हाइड्रोजन फ्यूल पावर का होगा। इससे शून्य प्रदूषण तो होगा ही इसी के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी युवाओं को मिलेंगे।
हाल ही में 11 अक्टूबर को गडकरी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारत देश की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार टोयोटा की कोरोला अल्टीस पेश की है। यह कार सेल्फ चार्जिंग के साथ फ्लैक्सी फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रीड इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीक पर आधारित है। (FFV - SHEV) यह कार सौ प्रतिशत पेट्रोल और एथेनॉल व इलेक्ट्रिक पावर तीनों विकल्प पर चलेगी। अभी फ्लेक्सी फ्यूल व्हीकल की तकनीक भारत देश में प्रारम्भिक चरण में है। फ्लेक्सी फ्यूल तकनीक के वाहन फिलहाल अमेरिका, ब्राज़ील, और कनाडा देशों में चल रही है ।
क्या होता है फ्लेक्स-फ्यूल?
फ्लेक्स फ्यूल: - गैसोलीन ( पेट्रोल) और मेथेनॉल ( एथेनॉल- अल्कोहल ) के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है । इस तरह के इंजन एक से अधिक प्रकार के ईंधन ( फ्यूल ) विकल्प पर कार्य करते है । यह वैकल्पिक ईंधन बायो- फ्यूल ) इथेनॉल आर्गेनिक वेस्ट सामग्री मक्का, गन्ने की चीनी, पराली से बनेंगे । अभी वर्तमान में E10 इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा है। इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य 2030 तक E20 का रक्खा गया है। क्योंकि इथेनॉल में 35 प्रतिशत आक्सीजन के कन्टेन्ट जाते हैं। वहीं पेट्रोल में मात्र एक प्रतिशत ऑक्सीजन के कन्टेन्ट पाये जाते हैं । भविष्य में E85 मानक के इथेनॉल का लक्ष्य रखा जाएगा। यह बायो-फ्यूल 60 से 65 रुपये में प्रति लीटर मिलेगा । वही पेट्रोल के 100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से 35 से 40 रुपये तक की बचत भविष्य में होगी। फ्लैक्स-फ्यूल विकल्प के साथ एक और फ्यूल का विकल्प आ रहा है । इस भविष्य के फ्यूल का नाम है हाइड्रोजन पावर फ्यूल | पायलट प्रोजेक्ट के तहत नितिन गडकरी ने टोयोटा की मीराई कार को जनता के समक्ष पेश किया है। यह मीराई कार पूर्णतः हाइड्रोजन पावर फ्यूल सेल इलेक्ट्रीक व्हीकल (FCEV) तकनीक पर आधारित है। इस हाइड्रोजन फ्यूल कार का
दो रूपये प्रति किलोमीटर खर्चा आयेगा। मीराई अर्थ होता है , भविष्य वाकई यह कार भविष्य के तकनीक पर आधारित है। क्योंकी मीराई में 5.65 KGS की हाइड्रोजन फ्यूल टैंक कैपसटी है। हाइड्रोजन में टोयोटा की मीराई 600 किमी की दूरी तय करेगी। यानी की दो रुपये प्रति कि.मी. के हिसाब से खर्चा आयेगा। हाइड्रोजन प्रति के.जी. 100 रुपये से 150 प्रति के.जी. मूल्य की आने की सम्भावना है। हाइड्रोजन ईंधन तीन प्रकार के आते हैं।
पहला ब्रॉउन हाइड्रोजन जो कि पेट्रोलीयम से बना होता है। दूसरा ब्लैक हाइड्रोजन जो कि कोयला (कोल) से बना होता है। तीसरा ग्रीन हाइड्रोजन यह वाटर व आर्गेनीक वेस्ट सामग्री से बनेगा। जैसे कि -वाटर ,ग्लास, कचरा, मेटल, प्लास्टिक इत्यादि से बनेगा। भारत में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल को प्राथमिकता दी गई है। इससे पर्यावरण की भी रक्षा होगी व सस्ता ईंधन भी प्राप्त होगा। वह भी पूर्णतः प्रदूषण मुक्त।
तीसरा विकल्प इलेक्ट्रिक पावर का है- जिस पर पहले ही इलेक्ट्रिक साइकिल, दोपहिया वाहन स्कूटर व मोटरसाइकिल आ रही है। इसी के साथ ही चार पहिया वाहनों में भी आ रही है। दो पहिया वाहनों में हीरो इलेक्ट्रिक, अथर, हिरो मोटो कॉर्प, ओला, रिवोल्ट, बजाज चेतक, टी.वी.एस. क्यूब, ओकीनावा, बाउस इन्फीनीटी, एम्पीयर, आदि कम्पनीयों के कई मॉडल भारतीय बाजार में उपलब्ध है। कहने का तात्पर्य है कि पेट्रोल ईंधन का विकल्प तैयार है। चार पहिया में मर्सिडिज बेंज कम्पनी की ई.क्यू.एस. इलेक्ट्रिक व्हीकल, टाटा कम्पनी की नेक्सॉन, टिगोर, टियागो,, एम.जी. कम्पनी की जेड.एस.एस.यू.वी., ह्यूण्डई की कोना, महिंद्रा की ई-वरीटो जैसी कारें भारतीय सड़कों पर दौड़ रहीं है। लगभग डेढ़ लाख इलेक्ट्रिक बसें भारतीय सड़कों पर दौड
रही है। इलेक्ट्रिक ट्रकों का भी निर्माण हो रहा है। यानी की आने वाले दिनों में आटोमोबाइल क्षेत्र की दुनिया में एक नये युग का आरम्भ हो रहा है। ईंधन के क्षेत्र में कई ईंधन विकल्प के रूप में उपलब्ध होंगे। एक नये युग का आगाज हो चुका है। इससे हमें ईंधन सस्ते तो मिलेंगे ही साथ ही साथ स्वास्थ्य, पर्यावरण, आधुनिक तकनीक तो मिलेगा ही साथ में युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
(लेखक आटोमोबाइल विशेषज्ञ हैं)