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Ola-Uber Driver: बड़ी खुशखबरी ओला-उबर के ड्राइवर के लिए, इससे मिलेगी राहत
Ola-Uber Driver: सर्विस की शुरुआत नम्मा यात्री और रैपिडो कैब प्रोवाइडर कंपनियां पहले ही कर चुकी हैं।आइए जानते हैं डिटेल
Ola-Uber Driver: कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला और उबर अब अपने टैक्सी चालकों के लिए एक नई पेमेंट सर्विस की शुरुआत करने जा रही है। इस नई सर्विस के तहत कंपनी ने टैक्सी चालकों से हर राइड पर कमीशन लेने के बजाय चालकों के लिए सब्सक्रिप्शन आधारित स्कीम की पेशकश की है। इस पहल से ऑटो चालकों को फायदा मिलेगा। इस तरह की सर्विस की शुरुआत नम्मा यात्री और रैपिडो कैब प्रोवाइडर कंपनियां पहले ही कर चुकी हैं।आइए जानते हैं डिटेल
ओला -उबर ने इन जगहों पर शुरू की सब्सक्रिप्शन सेवाएं
कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ओला और उबर ने भारत के कई शहरी क्षेत्रों में सब्सक्रिप्शन आधारित स्कीम की शुरुआत कर दी है। जिसके अंतर्गत उबर ने चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम को मिलाकर कुल छह शहरों में सब्सक्रिप्शन आधारित स्कीम को लागू कर दिया है। जबकि ओला ने दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद आमेट कई विकसित शहरों में सब्सक्रिप्शन स्कीम की शुरुआत कर दी है। इस फैसले से ओला और उबर को सर्विस पर लगने वाली 5 फीसदी GST में फायदा मिल सकता है।
सब्सक्रिप्शन स्कीम में ऑनलाइन पेमेंट का नहीं है विकल्प
ओला -उबर द्वारा पेश की गई सब्सक्रिप्शन स्कीम के तहत यूजर को ओला और उबर को ऑनलाइन भुगतान नहीं देना होगा। वे इन राइड्स के लिए कीमत भी निर्धारित नहीं करती हैं। बल्कि इस स्कीम के तहत यूजर को डायरेक्ट टैक्सी चालकों को तय कीमत के मुताबिक भुगतान करना होगा।जबकि अभी तक ओला और उबर कई शहरों में कमीशन-आधारित मॉडल पर सर्विस प्रदान कर रही हैं।इसके अंतर्गत प्रत्येक पैसेंजर के लिए निर्धारित किराए का एक भाग कमीशन या बुकिंग शुल्क के रूप में कंपनी अपने खाते में लेती है और बाकी बचा हुआ भाग बाकी ड्राइवर लेता है। कमीशन बेस्ड पेमेंट सर्विस में राइडिंग की कीमत और ऑनलाइन भुगतान का जिम्मा कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का होता है जबकिसब्सक्रिप्शन मॉडल में टैक्सी चालक को एडवांस पेमेंट कम्पनी को करना होता है।
ड्राइवर को प्रति दिन या प्रति सप्ताह देना होगा निर्धारित शुल्क
इस सर्विस के आरंभ होने से टैक्सी ड्राइवर द्वारा अपनी जेब से कैब प्रोवाइडर कंपनियों को प्लेटफॉर्म फीस ही देनी होगी। इस स्कीम के तहत बुक कराए गए ऑटो का पूरा किराया सीधा ड्राइवर की जेब में जाएगा, जिसमे किसी भी तरह की कोई कमीशनचालक को नहीं देनी होगी।इस नए मॉडल के तहत अब दोनों ऑटो सर्विस कंपनियां ऑटो ड्राइवर से राइड पर कमशीन लेने की बजाय प्रति दिन या सप्ताह के अनुसार एक निर्धारित शुल्क चार्ज करेंगी।