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Electric Vehicle: FAME जुर्माना अदा करने वाले के लिए खुला दुबारा सब्सिडी हासिल करने का विकल्प,जानिए डिटेल
Electric Vehicle : निर्माता कंपनियों ने हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फेम योजना का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान कर दिया है। वे भी इस सब्सिडी को हासिल कर सकती हैं।
Electric Vehicle :इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपये की फेम-3 योजना को अब सरकार जल्द ही लाने की प्लानिंग कर रही है। इस योजना का उद्देश्य लागत कम करके ईवी की मांग में तेजी लाने के साथ ही प्रमुख घटकों के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना होगा। साथ एक क्षेत्र से जुड़े चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए भी प्रयासों में तेजी लाई जा रही हैं।इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रमोट करने के लिए भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को सब्सिडी दोबारा देने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इसी के साथ भारत में जिन वाहन निर्माता कंपनियों ने हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फेम योजना का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान कर दिया है। वे भी इस सब्सिडी को हासिल कर सकती हैं।
बताते चलें की 2024 बजट में सरकार ने 2 लाख वाहनों को सब्सिडी देने के लक्ष्य के साथ दोपहिया वाहनों के लिए 100 करोड़ रुपये अलग रखे हैं, जबकि 4-पहिया वाहनों के लिए इसका बजट 250 करोड़ रुपये है। इस योजना में निजी इलेक्ट्रिक बसों के लिए 20 लाख रुपये और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के लिए 12,000 रुपये प्रति वाहन की सब्सिडी भी दी जाएगी।
सब्सिडी का दावा करने वाली ये हैं कंपनिया
पहली FAME योजना 2015 में ₹895 करोड़ के बजट के साथ आरंभ की गई थी, जबकि इसका अगला संस्करण, FAME II, 2019 में ₹10,000 करोड़ के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। वहीं 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए 1 अप्रैल से अब तक 1.01 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए ईएमपीएस के तहत 147.32 करोड़ रुपये के दावे किए जा चुके हैं। जिसमें हीरो मोटोकॉर्प , बजाज , टीवीएस, एथर और ओला सहित ईवी निर्माताओं को पहले ही दोपहिया वाहन बेचने और ईएमपीएस सब्सिडी का दावा करने की मंजूरी हासिल हो चुकी है। रिवोल्ट मोटर्स ने ईएमपीएस के तहत सब्सिडी पात्रता की घोषणा कीजुलाई में, रिवोल्ट मोटर्स ने घोषणा की थी कि उसके वाहन ईएमपीएस के तहत प्रति इकाई 10,000 रुपये तक की सब्सिडी के लिए पात्र होंगे।
इस योजना को शुरू करने के पीछे ये है वजह
भारत में जिन फेम योजना का उल्लंघन करने के लिस्टेड हुईं छह इलेक्ट्रिक वाहन विक्रेताओं को FAME नियमों के अनुसार दोषी पाए जाने पर ₹469 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया गया था। इनमें जिन छह कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया था, उनमें रिवोल्ट, एमो मोबिलिटी और ग्रीव्स ने लगभग 170 करोड़ रुपये चुका दिए हैं।जबकि, हीरो इलेक्ट्रिक , ओकिनावा ऑटोटेक और बेनलिंग इंडिया ने इन आरोपों को अदालत में चुनौती दी है।मई 2024 में, यह बताया गया कि सरकार उन फर्मों को वित्तीय सहायता बहाल कर सकती है, जिन्होंने अनुचित तरीके से दावा की गई FAME सब्सिडी को दंड ब्याज के साथ वापस कर दिया है।इन कंपनियों ने हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फेम योजना का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान कर दिया है। उन्हें भी सब्सिडी दिए जाने का विकल्प अब खुल चुका है। इस योजना को लागू करने के पीछे की मुख्य वजह रिवोल्ट मोटर्स और ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी द्वारा चल रही इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन करना माना जा रहा है।
नियमों का पालन करने की स्वीकार की प्रतिबद्धता
फेम योजना का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने वाली EV वाहन निर्माता कंपनियां रिवोल्ट मोटर्स और ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी दोनों ने ईएमपीएस के तहत अधिक कड़े स्थानीयकरण नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता स्वीकार की है। यही वजह है कि अब इन कम्पनियों को EV बिक्री पर सब्सिडी के लिए मंजूरी की सहमति मिल सकती है, जिससे संभवतः इन कंपनियों को अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को बिक्री के लिए बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच महंगे वाहनों की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। कहीं न कहीं इन कंपनियों के EV वाहनों की बिक्री में बाधा आने से सरकार द्वार एक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी ने ईटी से पुष्टि की है।इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों को सब्सिडी देने के लिए 778 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटनभारी उद्योग मंत्रालय ने मार्च 2024 में 3.72 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपये के प्रारंभिक आवंटन के साथ ईएमपीएस को जारी किया गया है। जबकि जुलाई में इस बजट में वृद्धि के साथ 778 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 5.61 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में बढ़ावा देने के लिए बल प्रदान किया गया है।