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Tata's Hydrogen-powered Truck: भारत के व्यापक हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होता है टाटा का हाइड्रोजन-संचालित ट्रक, ट्रकों का परीक्षण शुरू
Tata Motors Truck Trials: टाटा का हाइड्रोजन-संचालित ट्रक मजबूत कड़ी के रूप में बाजार में उपलब्ध होने के लिए तैयार है। भारत में इन ट्रकों का परीक्षण शुरू कर दिया गया है।
Tata's Hydrogen-powered Truck (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Tata Motors Hydrogen-powered Truck Details: पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए टाटा मोटर्स लगातार अपने वाहनों को अपडेट कर रही है। 2030 तक अपने वाहनों को पूरी तरह से ग्रीन गैस एनर्जी ईंधन के इस्तेमाल के साथ संचालित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसी कड़ी में इस कंपनी ने भारत में हाइड्रोजन से चलने वाले भारी ट्रकों का परीक्षण शुरू किया है, जो स्वच्छ ऊर्जा और स्थायी परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लोडर वाहन सबसे ज्यादा कॉर्बन उत्सर्जित करते हैं। इसलिए वाहन निर्माता कंपनियां इन्हें इलेक्ट्रिक या दूसरे हरित ईंधन के विकल्पों के साथ पेश करने की तैयारी में जुटी हुईं हैं। इनमें से एक टाटा का हाइड्रोजन-संचालित ट्रक मजबूत कड़ी के रूप में बाजार में उपलब्ध होने के लिए तैयार है। आइए जानते टाटा कंपनी के हाइड्रोजन-संचालित ट्रक से जुड़े डिटेल्स के बारे में-
परीक्षण का उद्देश्य
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य लंबी दूरी के माल परिवहन में हाइड्रोजन-संचालित ट्रकों की व्यावसायिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करना है। यह पहल राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है।
परीक्षण की विशेषताएं
अवधि: परीक्षण चरण 24 महीने तक चलेगा।
वाहन संख्या: इसमें विभिन्न कॉन्फ़िगरेशन और पेलोड क्षमताओं वाले 16 हाइड्रोजन-संचालित ट्रक शामिल होंगे।
परीक्षण मार्ग: मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर जैसे प्रमुख मालवाहक मार्गों पर इन ट्रकों का परीक्षण किया जाएगा।
तकनीकी विवरण
परीक्षण में हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (H2-ICE) और हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन (H2-FCEV) तकनीकों का मूल्यांकन किया जाएगा। इन ट्रकों की परिचालन रेंज 300 से 500 किलोमीटर के बीच होने का अनुमान है, जो लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है।
सरकारी दृष्टिकोण
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, जो उत्सर्जन को कम करके और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ाकर भारत के परिवहन क्षेत्र को बदलने की अपार क्षमता रखता है। उन्होंने टाटा मोटर्स को इस महत्वपूर्ण कदम में नेतृत्व करने के लिए बधाई दी।
इस परीक्षण को लेकर इस बात की उम्मीद की जा रही है कि, यदि यह परीक्षण सफल रहता है, तो भारत में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगा, कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और ऊर्जा के लिए आयात पर निर्भरता को घटाएगा। यह पहल भारत के व्यापक हरित ऊर्जा लक्ष्यों के साथ मेल खाती है और स्थायी परिवहन समाधानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।