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Nitin Gadkari: सड़क निर्माण में नगर निगम के कचरे का होगा इस्तेमाल, केंद्र सरकार इस योजना पर लगाने जा रही मुहर, क्या कहते हैं नितिन गडकरी
Municipal waste in Road Construction: सड़क निर्माण में नगरपालिका कचरे के इस्तेमाल के लिए एक नीति को अंतिम रूप दे रहा है। तहत जिसके सड़क मंत्रालय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत कर रहा है।
Municipal waste in Road Construction: अभी तक नगर निगम के लिए कचरे का निस्तारण करना एक मुसीबत साबित होता था वही अब ये कचरा बेहद उपयोगी साबित होने जा रहा है। केंद्र सरकार की एक पहल के तहत अब ऐसा संभव होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रालय सड़क निर्माण में नगरपालिका कचरे के इस्तेमाल के लिए एक नीति को अंतिम रूप दे रहा है। तहत जिसके सड़क मंत्रालय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत कर रहा है। आइए जानते है इस विषय पर विस्तार से....
कम करनी होगी जीवाश्म ईंधन पर लागत और निर्भरता
गडकरी ने कहा कि उनके पास मंत्रालय द्वारा एक मसौदा नीति तैयार की जा चुकी है जिसके अंतर्गत जीवाश्म ईंधन पर लागत और निर्भरता के प्रतिशत की धीरे-धीरे कम करने के लिए निर्माण उपकरणों में वैकल्पिक ईंधन के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल को बढ़ावा देगी।मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय से बातचीत भी चल रही है, ताकी इसे जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके।
मंत्री ने कहा कि, " रियायतग्राही या ठेकेदार जीवाश्म ईंधन के बजाय वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले निर्माण उपकरणों में निवेश कर सकें। जिसके लिए ब्याज अनुदान योजना जैसे प्रोत्साहनों पर काम किया जा सकता है"
निर्माण उपकरण निर्माताओं को बढ़ावा देने की दिशा में बन रही योजना
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि सरकार जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए निर्माण उपकरण निर्माताओं को बढ़ावा देने की दिशा में योजना बना रही है। उन्होंने कहा, "हम सड़क निर्माण में नगर निगम के कचरे का उपयोग करने की नीति को अंतिम रूप दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य के लिए ईंधन है और सबसे महत्वपूर्ण तरीका है जिसके जरिए भारत ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बन सकता है।
देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के लिए कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा
देश में वैकल्पिक जैव ईंधन के लिए कृषि विकास को 6 प्रतिशत तक बढ़ावा दिया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि वह इथेनॉल है अर्थव्यवस्था बनाने के प्रबल समर्थक रहे हैं और कृषि विकास में बढ़ावा देने के लिए इथेनॉल के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक, भारत में इसे 5 प्रतिशत मिश्रण तक बढ़ाने की संभावित योजनाओं के साथ 1 प्रतिशत टिकाऊ विमानन ईंधन का इस्तेमाल करने का आदेश दिया जाएगा। गडकरी ने कहा कि वह आने वाले समय में जेनसेट इंडस्ट्री को सिर्फ इथेनॉल आधारित जनरेटर पर काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
13,000 स्थानों पर पर स्वच्छता ही सेवा' पखवाड़े का संचालन है
गडकरी ने यह भी कहा कि चल रहे 'स्वच्छता ही सेवा' पखवाड़े में, 13,000 स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों, सड़क के किनारे सुविधाओं, ढाबों, टोल प्लाजा पर स्वच्छता अभियान सहित कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है जिसके तहत लोगों को विभिन्न योजनाओं से परिचित कराने के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा। जिसमे से लगभग अब तक लगभग 7,000 स्थानों पर काम पूरा हो चुका है।
सरकार दिल्ली और जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक राजमार्ग विकसित करने पर कर रही काम
गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि उनके मंत्रालय ने पर्यावरण में सुधार की दिशा में परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहें है। जिसके अंतर्गत सरकार दिल्ली और जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक राजमार्ग विकसित करने पर भी काम कर रही है। इलेक्ट्रिक हाईवे वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन को उसी तरह से पूरा करते हैं जैसे रेलवे के लिए किया जाता है।फिलहाल मंत्रालय विभिन्न टेक्नोलॉजी का मूल्यांकन जो की स्वीडन और नॉर्वे जैसे देशों में प्रचलित टेक्नोलॉजी पर आधारित है, इन पर काम कर रहा है। इसमें बिजली केबलों का प्रावधान शामिल है, जिसका इस्तेमाल ऐसे वाहन द्वारा किया जा सकता है जो इस तरह की टेक्नोलॉजी को अपनाते हैं। वाहन अपने ट्रैक्शन के लिए इस केबल से बिजली का इस्तेमाल करेगा।