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Anti Drunk Driving Technology: अब शराब पीकर गाड़ी चलाना नहीं मुमकिन, गाड़ियों में आवश्यक होगी ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक
Anti Drunk Driving Technology: अकसर लोग ड्रंक होकर गाड़ी चलाते हैं, जिसकी वजह से सड़क हादसे होते हैं। ऐसे हादसों के कारण हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
Anti Drunk Driving Technology: शराब के नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाना कानूनी अपराध है लेकिन इस नियम के प्रति बेरुखी के चलते लोग आराम से शराब पीकर कार चलाने में इस नियम को नज़रंदाज़ कर देते हैं। यही वजह है कि सड़कों पर होने वाले दर्दनाक हादसों के पीछे की मुख्य वजह शराब पीकर गाड़ी ड्राइव करना ही निकलती है। फिलहाल अमेरिका ने शराब के चलते लगातार बढ़ रहे हादसों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ऐसी कई तकनीक को इजाद किया गया है जिनकी मदद से वाहन चालक के लिए नशे में गाड़ी को ड्राइव करना संभव नहीं हो सकेगा। इसी के साथ सरकार द्वारा इस देश में गाड़ियों में शामिल की जाने वाली नई ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक लगाने पर सख्ती बरती जा रही है।
अकसर लोग ड्रंक होकर गाड़ी चलाते हैं, जिसकी वजह से सड़क हादसे होते हैं। ऐसे हादसों के कारण हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इस तकनीक के कारों में शामिल होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है की इन हादसों में भारी कमी दर्ज की जा सकेगी। आइए जानते हैं नई ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक से जुड़े डिटेल्स के बारे में.....
क्या है नई ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक
नई ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक की खूबियों की बात करें तो नशे में लोगों को वाहन स्टार्ट करने से रोक लगाने के लिए मौजूदा समय में ऐसी कई तकनीके इजाद हो चुकीं हैं, जो नशे में धुत्त वाहन चालक को कार ड्राइव करने से मना करती हैं। इस तकनीक की खूबी है कि वाहन चालक ने शराब पी है इस बात का पता लगाने के लिए उसकी सांस के साथ ही टच-आधारित सेंसर और उसकी आंखों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए खास कैमरों और सेंसर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है इसी के साथऔर भी कई तरह की तकनीक पर काम किया जा रहा है। जिनमें राइडशेयरिंग और स्मार्टफ़ोन ऐप्स भी मददगार साबित हो सकते हैं। अगर वाहन चालक इन्हें अपने डिवाइस में इंस्टाल कर ले तो नशे में गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं से खुद की सुरक्षा कर सकता है।
ड्रिंक एंड ड्राइव पर रोकथाम के लिए ये तकनीक भी हैं कारगर
1- इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस (IID) तकनीक भी बेहद मददगार :
शराब पीकर गाड़ी चलाने और फिर किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार बनने से सुरक्षा देने के लिए गाड़ियों में इग्निशन इंटरलॉक डिवाइस (IID) तकनीक काफी मददगार साबित होती है। IID सिस्टम के कार में लगने के बाद वाहन चालक को कार स्टार्ट करने से पहले ब्रेथलाइज़र का उपयोग करना आवश्यक होता है। इस तकनीक द्वारा वाहन चालक यदि नशे में पाया जाता है तो उसकी गाड़ी लाख कोशिशों के बावजूद भी स्टार्ट ही नहीं होगी। IID men शामिल सैंसर गाड़ी को आगे बढ़ने से रोकने का काम करते हैं।
DADSS तकनीक कुछ इस तरह लगाती है ड्रिंक एंड ड्राइव पर पाबंदी
शराब पीकर गाड़ी चलाना आज कल लोगों के बीच एक फैशन बन चुका है। जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान पर खेलकर चुकाना पड़ता है। ऐसे में सड़कों पर चल रहे बेकसूर लोगों को भी जान का खतरा बराबर बना रहता है। ड्राइवर अल्कोहल डिटेक्शन सिस्टम फॉर सेफ्टी (DADSS) तकनीक इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी लाने में सहायक साबित होती है। नशे में ड्राइविंग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए DADSS इग्निशन इंटरलॉक सिस्टम की तरह ही काम करता है। इस तकनीक के आप की कार में शामिल होने के बाद नशे में धुत वाहन चालक अपनी कार स्टार्ट को एक इंच भी आगे नहीं बढ़ा सकता है। DADSS तकनीक ब्रेथलाइज़र और टच-सेंसर की सहायता बड़ी आसानी से इस बात का पता लगाने में सक्षम होती है कि वाहन चालक नैन शराब पी रखी है या नहीं।
क्या कहती हैं अमेरिका और भारत की ड्रिंक एन ड्राइव केस में जारी हुई रिपोर्टें
ड्रिंक एंड ड्राइव केस में जारी रिपिर्टो में आंकड़े चौकाने वाले हैं। जिनमें विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.5 लाख लोगों की जान जाती है। पूरी दुनिया में सड़क हादसों में भारत में लोग सबसे ज्यादा जान गवांते हैं। ये आंकड़ा तब है जबकि भारत में पूरी दुनियां से अगर तुलना की जाए तो सिर्फ एक प्रतिशत वाहन है।
वहीं अमेरिका में सड़क दुर्घटनाओं पर सामने आई रिपोर्ट की बात करें तो राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (NHTSA) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार NHTSA द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि साल 2021 में अमेरिका में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के कारण में लगभग 13,400 लोग मारे गए थे।
वहीं ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक की मदद से शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने सड़क हादसों को रोकने में भारी कमी लाई जा सकती है।
नई तकनीक अनिवार्य करने का निर्देश
2021 में कांग्रेस ने NHTSA को सालाना 10,000 से अधिक सड़क मौतों को रोकने के लिए नई तकनीक अनिवार्य करने का। निर्देश दिया था। यदि नई तकनीक तैयार है तो इसे नवंबर, 2024 तक नए सेफ्टी स्टैंडर्ड में शामिल किया जाएगा।अमेरिका में अभी ड्रंक ड्राइवर डिटेक्शन तकनीक के बेहतर विकल्प को शामिल किए जाने पर गहरी जांच परख चल रही है। जिसके जरिए शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का सटीक रूप से पता लगाया जा सके। जिस पर तेज़ी से काम किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस तकनीक को अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद वाहन चालकों को नई तकनीक को अपनाने के लिए पूरे तीन वर्ष का समय दिया जाएगा।