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What is IDV Value: कार खरीद रहे हैं तो जान लें आपकी कार की IDV वैल्यू क्या है, क्यों यह जानना जरूरी है, आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ
How to IDV: IDV को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि बीमा पॉलिसी में कार की कीमत का निर्धारण कैसे होता है और इसमें कौन-कौन सी बातें शामिल होती हैं।
What is IDV Value (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
What is IDV Value: आईडीवी (Insured Declared Value) किसी कार की वह अधिकतम राशि है, जिसे बीमा कंपनी पॉलिसी धारक को कार की नुकसान या चोरी की स्थिति में भुगतान करती है। इसे "बीमित घोषित मूल्य" भी कहा जाता है। IDV को समझने के लिए, यह जानना जरूरी है कि बीमा पॉलिसी में कार की कीमत का निर्धारण कैसे होता है और इसमें कौन-कौन सी बातें शामिल होती हैं।
आईडीवी कैसे तय होती है?
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
IDV का निर्धारण कुछ मुख्य बिंदुओं पर आधारित होता है:
कार की मौजूदा बाजार कीमत: कार का IDV सबसे पहले उसकी मौजूदा बाजार कीमत पर आधारित होता है। इसका मतलब यह है कि जब बीमा पॉलिसी खरीदी जाती है, तो बीमा कंपनी कार की वर्तमान कीमत का मूल्यांकन करती है। इस मूल्य का निर्धारण कार के ब्रांड, मॉडल, संस्करण (variant), और इसके फिटमेंट (जैसे इंजन, डिजाइन) पर आधारित होता है।
नई कार की कीमत: जब आप नई कार का बीमा कराते हैं, तो उसकी IDV नई कार की कीमत के करीब होती है, यानी उस समय कार की बाजार कीमत। जैसे-जैसे कार पुरानी होती जाती है, उसका IDV घटता जाता है, क्योंकि समय के साथ कार की कीमत घटती है।
गति और उपयोग के आधार पर मूल्यांकन: कार के उपयोग की आवृत्ति, उसकी दूरी और उसकी स्थिति का भी मूल्यांकन IDV निर्धारित करते समय ध्यान में रखा जाता है। अगर आपकी कार अधिक इस्तेमाल की जाती है और उसकी स्थिति खराब है, तो बीमा पॉलिसी में उसका IDV कम होगा।
डिप्रिसिएशन (मूल्य घटाव): हर साल कार का मूल्य घटता है। बीमा कंपनी कार की उम्र के हिसाब से डिप्रिसिएशन को ध्यान में रखते हुए IDV का निर्धारण करती है। सामान्यत: कार की उम्र बढ़ने के साथ-साथ IDV घटता है। उदाहरण के लिए:
0-6 महीने पुरानी कार पर कोई डिप्रिसिएशन नहीं होता।
6 महीने से 1 साल पुरानी कार पर 5% डिप्रिसिएशन होता है।
1-2 साल पुरानी कार पर 15% डिप्रिसिएशन होता है।
और इस तरह से, कार की उम्र के साथ डिप्रिसिएशन बढ़ता है।
कस्टमाइजेशन और एक्सेसरीज: अगर कार में कुछ कस्टम एक्सेसरीज या मोडिफिकेशन्स की गई हैं, जैसे नए अलॉय व्हील्स, साउंड सिस्टम, या किसी अन्य अतिरिक्त उपकरण का इंस्टालेशन, तो बीमा कंपनी इन बदलावों का मूल्यांकन कर सकती है और IDV में इसे जोड़ सकती है। हालांकि, ये एक्सेसरीज और कस्टमाइजेशन सिर्फ कार के मूल IDV के अतिरिक्त होंगे, न कि पूरी कार की कीमत का हिस्सा।
आईडीवी का महत्व (IDV Importance)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
चोरी या नुकसान की स्थिति में भुगतान: यदि आपकी कार चोरी हो जाती है या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो बीमा कंपनी आपकी कार का IDV भुगतान करती है। इसका मतलब है कि आपको उस मूल्य तक का भुगतान मिलेगा जो बीमा पॉलिसी में तय किया गया है।
कम IDV पर प्रीमियम कम: अगर आपकी कार का IDV कम है, तो आपकी बीमा प्रीमियम भी कम होगी। हालांकि, इस स्थिति में आपको भविष्य में कम राशि का दावा मिलेगा। इसलिए, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि बहुत कम IDV तय करने से नुकसान हो सकता है।
रिपेयर की स्थिति में: अगर आपकी कार का कोई हिस्सा नुकसान में होता है, तो बीमा कंपनी उस हिस्से की रिपेयर या रिप्लेसमेंट करने के लिए उस हिस्से का मूल्य आपके IDV के आधार पर तय करती है।
IDV से जुड़ी कुछ बातें
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
IDV और बीमा प्रीमियम: IDV जितना अधिक होता है, बीमा प्रीमियम भी उतना ही अधिक होता है। यानी, यदि आप अपनी कार का IDV उच्च रखते हैं, तो आपके प्रीमियम का खर्च बढ़ सकता है। लेकिन इस बढ़ी हुई प्रीमियम की कीमत तब सही होती है जब आपको अधिक सुरक्षा चाहिए।
IDV का चयन: कार मालिक अपनी कार के IDV का चयन बीमा पॉलिसी लेते समय कर सकता है, लेकिन यह बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित कुछ सीमाओं के भीतर होना चाहिए। कार की वास्तविक बाजार मूल्य से ज्यादा IDV रखना संभव नहीं होता।
कार की घटती कीमत: जैसे-जैसे कार की उम्र बढ़ती जाती है, IDV घटता जाता है। यही कारण है कि बीमा पॉलिसी की शुरुआत में जब कार नई होती है, तो IDV अधिक होता है, और जैसे-जैसे कार पुरानी होती जाती है, इसका मूल्य कम हो जाता है।
IDV आपकी कार का वह मूल्य है, जिसे बीमा कंपनी दुर्घटना, चोरी या नुकसान के मामले में आपको प्रदान करेगी। यह मूल्य कार के प्रकार, उम्र, कंडीशन और अन्य कारकों पर आधारित होता है। IDV का निर्धारण सही तरीके से करना महत्वपूर्ण है, ताकि जब भी किसी अप्रत्याशित स्थिति का सामना हो, तो आपको आपकी कार के असली मूल्य का भुगतान किया जा सके।