Wheelless Bicycle: न पंचर का डर, न हवा भरने का झंझट, अब बिना पहिए वाली साइकिल से उठाइए साइकिलिंग का लुत्फ

Wheelless Bicycle: सालों साल से साइकिल हमारे जीवन शैली का हिस्सा रही है। आपको बिना किसी फ्यूल खर्च के आपके गंतव्य तक पहुंचाने वाली साइकिल शारीरिक फिटनेस मेंटेन करने में भी अपना अहम योगदान देती है।

Jyotsna Singh
Published on: 7 July 2023 7:49 AM GMT
Wheelless Bicycle: न पंचर का डर, न हवा भरने का झंझट, अब बिना पहिए वाली साइकिल से उठाइए साइकिलिंग का लुत्फ
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Wheelless Bicycle (social media)

Wheelless Bicycle : सालों साल से साइकिल हमारे जीवन शैली का हिस्सा रही है। आपको बिना किसी फ्यूल खर्च के आपके गंतव्य तक पहुंचाने वाली साइकिल शारीरिक फिटनेस मेंटेन करने में भी अपना अहम योगदान देती है। साथ ही इसका रख रखाव में आने वाला खर्च भी बेहद कम होता है। आज के दौर में बढ़ता प्रदूषण भी इसी वजह से ज्यादा है क्यूंकि वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होती जा रही है। जितने ज्यादा वाहन उतना ज्यादा प्रदूषण, जिसके पर्याय के तौर पर अब इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में लाया जा रहा है। उनको भी चार्ज करने का झंझट। वहीं साइकिल की बात करें तो बस टायर में एक बार हवा भरने की जरूरत है, फिर सरपट गली, चौराहा, खाहीं खंदक, खेत खलिहान सभी तरह के रास्तों पर बड़े ही आराम से भागती है साइकिल साथ में बहुत बड़ी पर्यावरण मित्र भी है। सामान्य तौर पर हर घर में बच्चे से लेकर बड़ों ने साइकिलिंग का लुत्फ तो जरूर उठाया ही होता है। आइए जानते हैं साइकिल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों के बारे में...

कब और किसने बनाई थी दुनिया की पहली साइकिल

अब साइकिल की बात चल रही है तो ये भी जिक्र करना बेहद जरूरी है कि दुनिया की इस पहली साइकिल का अविष्कार आज से लगभग 200 साल पहले यानी 1817 में हुआ था। साइकल का आविष्कार जर्मनी के वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस ने किया था, उन्होंने बिना पेडल की साइकल का निर्माण किया था।कार्ल वॉन द्वारा निर्मित ये साइकल पूरी तरह से लकड़ी से बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन लगभग 23 किलो था। पेडल न होने की वजह से इस साइकिल को धक्का देकर आगे बढ़ाया जाता था। इस अनोखी साइकिल की स्पीड की बात करें तो यह साइकल एक घंटे में लगभग 7 किमी की दूरी तय करने में सक्षम थी।

इसके बाद दुनिया की पहली पैडल वाली साइकल साल 1863 में फ्रांस के एक मैकेनिक पियरे लेलेमेंट द्वारा बनाई गई थी जिसे अगले पेज में इन्होने बनाया गया था।भारत में साइकिल का आविष्कार 1942 में एक हिन्द साइकिल नाम की कंपनी द्वारा शुरू किया गया था। इसी क्रम में अभी हाल ही में साइकिल का एक नया और अनोखा रूप सामने आया है। क्या आपने कभी ऐसी साइकिल की कल्पना भी की है जो भागती तो हो लेकिन बिना पहिए के। है न हैरान कर देने वाली बात।भला बिना पहियों की साइकिल कैसी होगी? लेकिन कार्ल वॉन और पियरे लेलेमेंट जैसे साईकिल के अविष्कारकों के बाद कई ऐसे हुनरमंदो ने अपने बुद्धि कौशल से साईकिल के रूप को परिष्कृत किया और उसकी गुणवत्ता में लगातार कुछ न कुछ सुधार किया। इसी कड़ी में साइकिल के साथ एक और अनोखा प्रयोग आज कल चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ऐसी साइकिल का अविष्कार किया गया है जिसने साइकिल की मूलभूत संरचना को ही बदल डाला है, इस अनोखे बदलाव में एक ऐसी साइकिल का निर्माण किया है जिसमें पहिए ही नहीं हैं। आमतौर पर किसी भी साइकिल में दो पहिए, एक सीट, पैडल और हैंडल, ब्रेक जैसे साधारण पार्ट्स लगे होते हैं। आज कल चर्चित साइकिल तो बिना पहिए के ही सरपट भाग सकती है। पेशे से इंजीनियर और यूट्यूबर सर्गी गोर्डियेव ने व्हीललेस साइकिल को तैयार किया है।

इससे पहले भी इन्होंने चौकोर और तिकोने पहियों वाली साइकिल को इजाद कर काफी नाम कमाया था। इस बार उन्होनें बिना पहियों वाली साइकिल निर्माण का प्रारूप इनकी पिछली बार बनाए चौकोर व्हील वाले साइकिल पर ही आधारित है। ये साइकिल रबर बेल्ट के सहारे आगे की ओर बढ़ती है। सर्गी गोर्डियेव अपनी रोचक सोच के आधार पर साइकिल पर नित नए प्रयोग करते रहते हैं और इन साइकिलों को मूर्त रूप देने तक की अपनी एक- एक प्रक्रिया हो यूट्यूब पर अपने फॉलोअर्स के लिए पोस्ट करते हैं।

कैसे चलती है बिना पहियों वाली साइकिल

सर्गी गोर्डियेव द्वारा अपनी रोचक सोच के आधार पर तैयार की गई व्हील लैस साइकिल में देखा जाए तो रेगुलर साइकिल के चेन पर टायर के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर लगाए हैं, जो सामान्यतौर पर आर्मी टैंक्स में इस्तेमाल किए जानेवाले व्हील बेल्ट के पैटर्न पर तैयार की गई है वहीं इस साइकिल की चेन-रबर बेल्ट को एक गियर लगे हुए मैटल फ्रेम पर लगाया गया है। इसमें व्हील बेल्ट के दो सेट का इस्तेमाल किया गया है। इस तरह ये व्हील लैस साइकिल घूमने वाले कल पुर्जों पर निर्भर है जो इसे आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। साइकिल में पैडल मारने पर जैसे-जैसे गियर्स घूमते हैं, ये रबर-बेल्ट भी घूमता है और इस तरह साइकिल आगे की ओर बढ़ती जाती है। लेकिन इस व्हील लैस साइकिल की गति आम साइकिल से थोड़ा धीमी है। लेकिन. इस साइकिल की हैंडलिंग किसी आम साइकिल की ही तरह ही है, जिसे बिना किसी खास दिक्कत के आराम से चला सकते हैं।

Jyotsna Singh

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