Gyanvapi Case: अदालतों में चल रही सुनवाई, लगाए गए कोर्ट फैसले के विरोध में पोस्टर, मची प्रशासन में खलबली

Gyanvapi Case: पीलीभीत के चिड़ियादाह गांव में गुरुवार को पुलिस को ज्ञानवापी मस्जिद के समर्थन में पोस्टर लगे होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही जिला पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। तुरंत गांव में पहुंचकर पोस्टर हटा दिए।

Viren Singh
Published on: 8 Feb 2024 10:08 AM GMT (Updated on: 8 Feb 2024 10:11 AM GMT)
Gyanvapi Case: अदालतों में चल रही सुनवाई, लगाए गए कोर्ट फैसले के विरोध में पोस्टर, मची प्रशासन में खलबली
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Gyanvapi Case: भारत में इस वक्त ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का मुद्दा काफी छाया हुआ है। देश की अलग-अलग ज्ञानवापी केस के मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले हिन्दू और मुस्लिम पक्ष दोंनों ने वाराणसी जिला अदालत से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिस पर सुनवाई का दौर जारी है। इस मामले में अभी तक की नजर डालें तो अधिकांश सुनवाई का फैसला हिन्दू पक्ष के हक में आया है, जबकि 31 जनवरी को वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला दिया है, जिससे हिन्द पक्ष में खुशी की लहर दौड़ पडी, तो वहीं गुरुवार को ज्ञानवापी के मामले पर एक ऐसी चीज दिखाई दी। इससे पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। सूचना मिलते ही आनन-फानन घटनास्थल पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी।

अधिकारियों ने की पोस्टर लगाने वाली पूछताछ

इस मामले की सुनवाई के बीच, यूपी के पीलीभीत जनपद के एक गांव में ज्ञानवापी मस्जिद के समर्थन में मकानों की दीवारों पर पोस्टर लगाए दिखाई दिए हैं। इसी सूचना मिलते ही जिला पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। तुरंत सुनगढ़ी थाना पुलिस फोर्स के साथ आला अधिकारी गांव पहुंच गए और दिवारों पर चपके पोस्टरों को हटाना शुरू कर दिया। इस मामले पर पुलिस अधिकारियों ने गांवों से पूछताछ भी की है, लेकिन अधिकारियों को यह पता नहीं चल पाया कि गांव में किसने ज्ञानवापी मस्जिद के समर्थन में पोस्टर लगाए।

चिड़ियादाह गांव में लगे ज्ञानवापी के समर्थन में पोस्टर

पीलीभीत के चिड़ियादाह गांव में गुरुवार को पुलिस को ज्ञानवापी मस्जिद के समर्थन में पोस्टर लगे होने की सूचना प्राप्त हुई। इस पोस्टर पर इंग्लिश शब्दों में लिखा है कि सेव ज्ञानवापी यानी ज्ञानवापी को बचाओ। उसके बाद नीचे हिंदी में लिखा है कि हम कोर्ट के एकतरफा फैसले का विरोध करते हैं। फिर इंग्लिश में लिखा है कि 09 फरवरी, ऑन ट्वीटर टाइम 9 पीएम। हालांकि ट्विटर जिसको अब एक्स कहा जाता है, में ऑन ट्वीटर टाइम 9 पीएम में ऐसा क्या होगा, इसके बारे में ठोस जानकारी सामने नहीं आई है और न ही कोई जिला प्रशासन की ओर आधिकारिक बयान सामने आया है।

पुलिस ने हटाए पोस्टर

गांव में मस्जिद समर्थन में लगे पोस्टर की जानकारी मिलते ही जिला के अपर पुलिस अधीक्षक विक्रम दहिया, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी के साथ सुनगढ़ी थाने के इंस्पेक्टर संजीव कुमार शुक्ला फोर्स के साथ घटनास्थल पहुंचे गए। तत्काल प्रभाव से गांव में लगे पोस्टर हटाने का काम शुरू कर दिया गया। पूरे गांव का दौरा करते हुए अधिकारियों ने लगे पोस्टर की गांव वालों से पूछताछ की, लेकिन कोई गांव वाला अधिकारियों को यह जानकारी नहीं दे पाया कि इस गांव में ज्ञानवापी मस्जिद के समर्थन में पोस्टर कब और किसने लगाए। फिलहाल, पुलिस को पोस्टर के लगी की जानकारी नहीं मिल पाई हो, लेकिन आला अधिकारी अभी भी गांव में मौजूद हैं और इसके हकीकत के पड़ताल में लगे हुए हैं।

हिन्दूओं को मिली व्यास तहखाने में पूजा की इजाजत

बता दें कि ज्ञानवापी मामले में 31 जनवरी को अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। इस मामले पर सुनवाई करते हुए वाराणसी जिला अदालत ने मस्जिद में स्थित व्यास तहखाने में हिन्दूओं को पूजा की इजाजत दी, जोकि हिन्दू पक्षकारों की इस मामले में एक बड़ी जीत है। व्यासजी का तहखाना वर्ष 1993 से बंद था। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में 1 फरवरी को पूजा शुरू कर दी गई। अब हिन्दू वहां दर्शन कर रहे हैं। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। इस रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर की संरचना मिली है। हालांकि पूरा फैसला आना अभी बाकी है।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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