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West Bengal Election: तीखा हुआ हमलों का दौर, BJP-TMC दोनों ने ताकत झोंकी
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सीधी जंग दिख रही है। वाममोर्चा और कांग्रेस गठबंधन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार को पश्चिम बंगाल पहुंचने के साथ ही राज्य में चुनाव प्रचार आक्रामक दौर में पहुंच गया है। पीएम मोदी ने गुरुवार को पुरुलिया की जनसभा में ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधा। बांग्ला भाषा में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने टीएमसी की नई परिभाषा गढ़ी। उन्होंने कहा कि टीएमसी का मतलब ट्रांसफर माई कमीशन है। दीदी के खेला होबे के नारे पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि दीदी बोले खेला होबे, भाजपा बोले सोनार बांग्ला होबे। चंडी पाठ पर दीदी को घेरते हुए उन्होंने कहा कि दीदी का हृदय नहीं बदला है बल्कि वे हार के डर से ऐसा कर रही हैं।
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घायल शेरनी ज्यादा खतरनाक
दूसरी और ममता बनर्जी भी अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले मेदिनीपुर में खूब गरजीं। उन्होंने भाजपा को सतर्क करते हुए कहा कि घायल शेरनी ज्यादा खतरनाक होती है। भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि उसे मेरी आवाज दबाने में कभी कामयाबी नहीं मिलेगी।
mamata-banerjee (PC: social media)
दोनों दलों में तीखे आरोप-प्रत्यारोप
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सीधी जंग दिख रही है। वाममोर्चा और कांग्रेस गठबंधन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। हालांकि अभी तक गठबंधन को इस काम में कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।
भाजपा नेता भी अपनी सभाओं में कांग्रेस और वाम से ज्यादा ममता बनर्जी और टीएमसी को ही निशाना बना रहे हैं। दूसरी और ममता बनर्जी भी अपनी सभाओं में कांग्रेस और वामदलों की जगह भाजपा पर ही निशाना साधने में जुटी हुई हैं। दोनों पक्षों की ओर से तीखे आरोप-प्रत्यारोप के चलते अब चुनाव प्रचार काफी आक्रामक हो चुका है।
पिछड़ों, दलितों व आदिवासियों का कार्ड
पीएम मोदी ने गुरुवार को पुरुलिया की जनसभा में राज्य में भाजपा को मौका देने की अपील की ताकि डबल इंजन की सरकार के जरिए बंगाल का विकास किया जा सके। उन्होंने लोगों की दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का वादा भी किया।
पीएम मोदी ने कहा कि मां, माटी और मानुष की बात करने वाली दीदी के मन में अगर पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के लिए तनिक भी प्यार होता तो वे इन सभी का विकास करतीं मगर अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने यहां माओवादी माफिया की फौज तैयार कर दी। उन्होंने ममता पर माओवादियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि दीदी के इस रवैये से यहां के लोगों के तकलीफें बढ़ी हैं।
अब नहीं चलेगा माफियाराज
टीएमसी को तोलाबाजों की पार्टी बताते हुए पीएम ने कहा कि इस बार बंगाल के चुनाव में तोलाबाजों की पराजय निश्चित है। ममता दीदी को भी पता चल गया है कि अब टीएमसी के दिन गिनती के ही रह गए हैं। उन्होंने कहा कि दीदी खेला होबे, खेला होबे के नारे लगा रही हैं मगर जब जनता की सेवा करने का संकल्प मन में हो तब खेला नहीं खेला जाता। उन्होंने कहा कि अब पश्चिम बंगाल में अत्याचार और माफियाराज नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाने आया हूं कि हर अत्याचारी पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी और माफिया जेल के हवाले किए जाएंगे।
किसी के सामने नहीं झुकेगा सिर
उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के गढ़ माने जाने वाले मेदिनीपुर में भाजपा को जमकर ललकारा। उन्होंने खुद को शेरनी बताते हुए कहा कि घायल शेरनी और ज्यादा खतरनाक हो जाती है। मैं अपना सिर किसी भी पार्टी के सामने नहीं चुकाने वाली। मेरा सिर सिर्फ जनता के सामने झुकता है।
उन्होंने कहा कि दलितों और महिलाओं पर अत्याचार करने वाली भाजपा का मैं किसी भी सूरत में समर्थन नहीं कर सकती। उन्होंने भाजपा पर पैसे के बल पर चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले माकपा उन पर हमले किया करती थी और अब भाजपा भी वही काम करने में जुटी है।
भाजपा नहीं दबा सकती मेरी आवाज
ममता ने कहा कि नंदीग्राम में मेरे खिलाफ साजिश रचने वाली भाजपा मुझे घर में कैद करना चाहती थी, लेकिन मुझे कभी घर में कैद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कोई भी मेरी आवाज नहीं दबा सकता और हम भाजपा को हराने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कांग्रेस और माकपा दोनों दलों को भाजपा का ही साथी बताते हुए कहा कि मतदाताओं को इन दोनों दलों से भी सावधान रहना चाहिए और टीएमसी को समर्थन देना चाहिए। उन्होंने टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को देशद्रोही तक बता डाला।
BJP-TMC (PC: social media)
दोनों दलों का आक्रामक रवैया
सियासी जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में मतदान की तिथियां नजदीक आने के साथ ही अब भाजपा और तृणमूल दोनों दलों ने आक्रामक रवैया अपना लिया है। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर काफी तेज हो चुका है।
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दोनों दल एक-दूसरे की कमियां दिखाकर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। तृणमूल की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अब भाजपा ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं और आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार और आक्रामक रुख अख्तियार करेगा।
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