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Baba Ramdev पर एक्शन: अब IMA की बंगाल टीम ने कराई FIR दर्ज, बाबा के छूटे पसीने

Baba Ramdev: डॉक्टर और ऐलोपैथी विवाद को लेकर आईएमए (IMA) की बंगाल टीम ने बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

Chitra Singh
Published By Chitra Singh / Chitra SinghNewstrack Network
Published on: 28 May 2021 11:55 AM GMT (Updated on: 28 May 2021 11:59 AM GMT)
FIR lodged against Baba Ramdev
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बाबा रामदेव (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

Baba Ramdev: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। डॉक्टर और ऐलोपैथी विवाद को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की बंगाल टीम ने बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है। यह एफआईआर सिंथी थाने में दर्ज कराया गया है। इससे पहले आईएसए की दिल्ली टीम ने बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था।

आपको बता दें कि कोरोना के इलाज और वैक्सीन को लेकर बाबा रामदेव और आईएमए (IMA) के बीच खींचतान जारी है। इस खींचतान के बीच आईएमए (IMA) की बंगाल टीम के सदस्य डॉ. शांतनु सेन (Dr. Shantanu Sen) ने सिंथी थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। जानकारी के मुताबिक, यह एफआईआर उस मुद्दे को लेकर किया है, जिसमें बाबा रामदेव ने कहा था कि 'एलोपैथी और मार्डन मेडिसिन कोरोना संक्रमण का इलाज नहीं कर सकते हैं।' वहीं एफआईआर में यह भी कहा गया है कि बाबा रामदेव कोरोना संक्रमण के इलाज और आधुनिक चिकित्सा को हतोत्साहित कर रहा है।

आईएमए (IMA) के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के सांसद डॉ. शांतनु सेन (Dr. Shantanu Sen) ने कहा है कि बाबा रामदेव के ऐसे बयानों को लेकर जल्द ही दूसरे राज्यों एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बता दें कि आईएमए (IMA) ने बाबा रामदेव के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है।

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बाबा रामदेव को उत्तराखंड की आईएमए (IMA) टीम ने 1000 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में बाबा रामदेव को लिखित माफी और अपने दिए गए बयान का खंडन का विडियो देने को कहा गया है। इसके लिए बाबा रामदेव को 15 दिन की मौहलत दी गई है। यदि बाबा रामदेव ऐसे करने से इनकार करते है तो उन्हें मानहानि के रूप में 1000 करोड़ रुपए देना होगा। इसके अलावा दिल्ली की आईएमए (IMA) टीम ने भी बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

बात दें कि कुछ दिन पहले बाबा रामदेव ने एक बयान दिया था कि 'एलोपैथिक दवाएं खाने लोखों लोगों की मृत्यु हुई है। यह एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है।' हालांकि विवाद को बढ़ते देख योग गुरू ने अपने शब्द वापस ले लिए थे। लेकिन मामला यही नहीं थमा। उन्होंने 24 मई को एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर कई सवाल खड़े करते हुए पतंजलि के लेटरपैड पर आईएमए से 25 सवालों एक पत्र जारी किया, जिस पर उनके हस्ताक्षर भी थे। बाबा रामदेव के ऐसी हरकतों को देखते हुए आईएमए ने अपनी ओर से एक्शन लेने लगा है।

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