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बंगाल में ममता के झटकों से भाजपा बेहाल, अभी कुछ और विधायक थाम सकते हैं टीएमसी का दामन
Bengal BJP Crisis: ममता बनर्जी ने पिछले एक महीने के दौरान भगवा खेमे (BJP) के चार विधायकों को टीएमसी (TMC) में शामिल करके भाजपा को जबर्दस्त चोट दी है। इन लगातार झटकों से भाजपा बेहाल हो गई है।
Bengal BJP Crisis: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के लगातार झटकों से भाजपा बेहाल हो गई है। ममता बनर्जी ने पिछले एक महीने के दौरान भगवा खेमे (BJP) के चार विधायकों को टीएमसी (TMC) में शामिल करके भाजपा को जबर्दस्त चोट दी है। विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में ममता के हाथों बुरी तरह हारने के बाद भी भाजपा का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। शनिवार को भाजपा के एक और विधायक ने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) का दामन थाम लिया।
टीएमसी (TMC) से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भाजपा (BJP) को और झटके लग सकते हैं। भाजपा के कुछ और विधायक भी टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में बताए जा रहे हैं। ममता बनर्जी की ओर से मुहर लगाए जाने के बाद इन विधायकों के भी टीएमसी में शामिल होने की चर्चाएं हैं। पाला बदल करने वाले भाजपा विधायकों की सदस्यता खत्म कराने के लिए भी पार्टी सक्रिय है मगर फिर भी दलबदल का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है।
एक हफ्ते में तीन विधायकों ने पाला बदला
भाजपा के टिकट पर कालियागंज विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सौमेन रॉय (Soumen Roy) ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। टीएमसी के वरिष्ठ नेता और ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की मौजूदगी में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। सौमेन रॉय पहले टीएमसी में ही थे मगर विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भगवा दल की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। कालियागंज सीट से उन्हें जीत हासिल करने में कामयाबी भी मिली थी मगर फिर उनका मान भाजपा से टूट गया और उन्होंने टीएमसी की सदस्यता ले ली।
पिछले एक सप्ताह के दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा को भारी झटका दिया है। भाजपा के तीन विधायकों ने पाला बदलकर के टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की है। 30 अगस्त को विष्णुपुर से विधायक तन्मय घोष (Tanmoy Ghosh) ने टीएमसी का दामन थामा था। घोष भी पहले टीएमसी में थे। इसी कारण घोष (Karan Ghosh) ने टीएमसी में शामिल होने को अपनी घर वापसी बताया था।
अगले ही दिन नॉर्थ 24 परगना जिले के बागड़ा क्षेत्र के भाजपा विधायक विश्वजीत दास ने पार्टी को झटका देते हुए ममता के नेतृत्व में आस्था जताई थी और टीएमसी में शामिल हो गए थे। पिछले एक महीने के दौरान भाजपा के चार विधायक पाला बदलकर टीएमसी की सदस्यता ले चुके हैं। सौमेन रॉय के इस्तीफे के बाद भाजपा विधायकों की संख्या घटकर 71 हो गई है।
अभी खत्म नहीं हुआ है सिलसिला
सियासी जानकारों का कहना है कि अभी भाजपा विधायकों के पाला बदलने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है। पार्टी के कुछ और विधायक भी टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। इन विधायकों को टीएमसी में शामिल कराने के लिए ममता की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही इन विधायकों के लिए पाला बदलने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से टीएमसी में की गई तोड़फोड़ का भरपूर बदला ले रही हैं। हालांकि वे काफी ठोक बजाकर भाजपा विधायकों को पार्टी में शामिल करने की मंजूरी दे रही हैं। वैसे ममता के तेवर को देखकर यह तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा को और झटके लग सकते हैं।
विधायकी खत्म कराने को भाजपा प्रयासरत
विधायकों को अपने खेमे में बनाए रखने के लिए भाजपा ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दलबदल करने वाले विधायकों की सदस्यता खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि टीएमसी की सदस्यता लेने वाले भाजपा विधायकों को कानूनी नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि मुकुल रॉय, तन्मय तन्मय घोष और विश्वजीत दास जैसे नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता तो ग्रहण कर ली है मगर अभी तक विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि हम इन विधायकों की सदस्यता खत्म कराने के लिए प्रयासरत हैं। मुकुल रॉय की सदस्यता समाप्त कराने के लिए पार्टी की ओर से हाईकोर्ट का भी रुख किया गया है। भाजपा मुकुल रॉय को लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से भी नाराज है। पार्टी का कहना है कि दलबदल करने वाले विधायक को लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाकर ममता ने गलत परंपरा की शुरुआत की है।
गरमाने लगा राज्य का सियासी माहौल
चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा के बाद राज्य का सियासी माहौल गरमाने लगा है। आयोग की ओर से जिन तीन सीटों पर चुनाव कराने की घोषणा की गई है, उनमें भवानीपुर सीट भी शामिल है जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। भवानीपुर सीट से चुनाव जीतने वाले टीएमसी नेता शोभन देव भट्टाचार्य ने इस्तीफा दे दिया है।
माना जा रहा है कि उन्होंने ममता बनर्जी के लिए ही यह सीट खाली की है। भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी की मजबूत पकड़ मानी जाती है और वे इस सीट से दो बार विधानसभा पहुंच चुकी हैं। ममता बनर्जी को नवंबर के पहले हफ्ते तक विधानसभा का सदस्य बनना है। आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद उनके मुख्यमंत्री पद पर छाया संकट भी दूर हो गया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा विधायकों के दलबदल और राज्य में उपचुनाव की घोषणा के बाद आने वाले दिनों में सियासी माहौल और गरमाएगा। भाजपा ने ममता बनर्जी पर पहले ही हमले शुरू कर दिए हैं और चुनावी माहौल गरमाने के साथ इन हमलों में और तेजी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर टीएमसी भी भाजपा को जवाब देने में जुट गई है।
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