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बंगाल में नया गुल खिलाने की तैयारी में बाबुल सुप्रियो, टीएमसी को फॉलो करने से भाजपा छोड़ने के कयास

Babul Supriyo: पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से सांसद हैं। पिछले दिनों मोदी कैबिनेट के फेरबदल के दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे भी इस्तीफा ले लिया था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 14 July 2021 4:07 AM GMT
Babul Supriyo
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बाबुल सुप्रीयो (Photo Social Media)

Babul Supriyo : हाल में मोदी कैबिनेट से बाहर की किए गए बाबुल सुप्रियो कोई नया सियासी गुल खिलाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इन दिनों बाबुल सुप्रियो को लेकर नई सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। एक ओर उनके राजनीति से स॔न्यास लेने की चर्चाएं सुनी जा रही हैं तो दूसरी ओर मुकुल रॉय (Mukul Roy) और टीएमसी को ट्विटर (TMC Twitter Account) पर फॉलो करने के बाद उनके टीएमसी के संपर्क में होने की बात भी कही जा रही है।

बाबुल सुप्रियो ने अभी तक अपने भावी सियासी कदम को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं मगर मोदी सरकार से हटाए जाने के बाद उन्होंने जिस तरह हटाने के तरीके पर सवाल खड़े किए थे, उससे माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यदि वे टीएमसी का दामन थाम लेते हैं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। मोदी सरकार से हटाए जाने के बाद उनकी फेसबुक पोस्ट भी चर्चा का विषय बनी थी और इसे लेकर राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी नाराजगी जताई थी।

फेसबुक पोस्ट में बयां किया था दर्द

पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से सांसद हैं। पिछले दिनों मोदी कैबिनेट के फेरबदल के दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे भी इस्तीफा ले लिया था। पीएम मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त की थीं।
उनका कहना था कि मुझे केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया। निर्देश मिला तो मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया मगर जिस तरह से इस्तीफा देने के लिए कहा गया, वह तरीका ठीक नहीं है।

बाबुल सुप्रियो की फेसबुक पोस्ट के बाद ही उनके भावी सियासी कदमों को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया था। हालांकि उनके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अच्छे रिश्ते नहीं रहे हैं मगर मुकुल रॉय और टीएमसी को फॉलो करने के बाद उन्हें लेकर नई सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं।

विधानसभा चुनाव भी हार गए थे बाबुल

गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो 2019 का लोकसभा चुनाव तो जीतने में जरूर कामयाब हुए थे मगर पिछले विधानसभा चुनाव में वे अपनी लोकप्रियता नहीं साबित कर सके। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद भाजपा ने उन्हें टॉलीगंज विधानसभा सीट से टिकट दिया था मगर उन्हें विधानसभा चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा। पूरी ताकत लगाने के बावजूद उन्हें टीएमसी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी।
इसके बाद दूसरा झटका उन्हें मोदी कैबिनेट से बाहर किए जाने पर लगा है। सियासी जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंत्री पद छिनना सुप्रियो के लिए दोहरा झटका है। इसके बाद सुप्रियो की फेसबुक पोस्ट ने नई सियासी अटकलों को जन्म दिया है।

चुनाव के बाद कई नेताओं ने छोड़ी भाजपा

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मुकुल रॉय समेत पार्टी के कई नेता भाजपा से इस्तीफा देकर टीएमसी का दामन थाम चुके हैं। अभी भी कई भाजपा नेताओं के टीएमसी में जाने की संभावना बनी हुई है। जानकारों के मुताबिक भाजपा के कई नेता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से भी नाराज बताए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों बाबुल सुप्रीयो और देबोश्री चौधरी को हटाकर चार नए चेहरों को मौका जरूर दिया है मगर मंत्री न बन पाने वाले कई सांसद भी नाराज बताए जा रहे हैं।

सुप्रियो के बयानों से घोष नाराज
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि पार्टी को लेकर की गई टिप्पणियों से अनुशासन टूटने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि मैंने बाबुल सुप्रियो को उनके कई ऐसे बयानों से अवगत कराया है, जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से दिए हैं। सच बात तो यह है कि उन्होंने बिना सोचे समझे कई बार उल्टे सीधे सार्वजनिक बयान दिए। कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने वाले ऐसे बयानों पर रोक लगाई जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने बाबुल के भावी सियासी कदमों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

सुप्रियो ने अभी तक नहीं खोले पत्ते

सियासी जानकारों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुप्रियो ने अभी तक अपने भावी कदमों को लेकर कोई इशारा नहीं किया है मगर हाल के दिनों में उनके रवैये को देखते हुए साफ है कि वे भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहा हैं। इसी बीच उनके ट्विटर पर मुकुल रॉय और टीएमसी को फॉलो करने से भी बड़ा संकेत मिलता है।
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं में मची भगदड़ के बीच यदि बाबुल सुप्रियो भी टीएमसी का दामन थामते हैं तो इसमें किसी को अचरज नहीं होना चाहिए। खुद को लेकर चल रही सियासी अटकलों को लेकर अभी तक बाबुल सुप्रियो ने कोई टिप्पणी नहीं की है। अब हर किसी की नजर उनकी भावी सियासत पर लगी हुई है।
Shivani

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