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Bengal Corona Case: त्योहारी सीजन में बंगाल में तेजी से बढ़ रहा कोरोना का ग्राफ
Bengal Corona Case: पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव समाप्त होने के बाद कोरोना संक्रमण के सैकड़ों केस सामने आये हैं।
Bengal Corona Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोरोना की बहुत तेज वापसी दिखाई दे रही है। दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) समाप्त होने के बाद कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के सैकड़ों केस सामने आये हैं। एक्सपर्ट्स को आशंका है कि आने वाले दिनों में और ज्यादा संख्या देखने को मिलने वाली है।
दुर्जा पूजा पर्व समाप्त होने के बाद बीते चार दिनों में लगातार कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार 24 अक्टूबर को 989 नए मामले सामने आये जबकि एक दिन पूर्व 23 अक्टूबर को इनकी संख्या 974 थी। 22 अक्टूबर को पॉजिटिव मामले 846 मिले थे। 24 अक्टूबर को राज्य में कोरोना से दस मौतें दर्ज की गयी हैं। अब मृतकों की कुल तादाद 19055 हो गयी है जबकि कुल केस 15 लाख 86 हजार 455 हो गए हैं। राज्य में सबसे बुरी स्थिति कोलकाता की है जहाँ 24 अक्टूबर को पॉजिटिव मामलों की संख्या 273 थी। इसके बाद नार्थ 24 परगना है जहाँ 146 पॉजिटिव केस हैं। राज्य में पॉजिटिव केस 2.32 फीसदी हैं जबकि 23 अक्टूबर को ये 2.26 फीसदी थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने लोगों से कोरोना एहतियात बहुत सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है। ममता ने कहा है कि कृपया मास्क ठीक तरीके से लगायें। दुर्गा पूजा के बाद कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। आगामी काली पूजा, दीपावली, छठ पूजा और जगधात्री पूजा के अलोक में बहुत ही ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
भीड़ पर कंट्रोल नहीं
कोलकाता में पूजा पंडालों में इस बार खूब भीड़ उमड़ी। बहुत से लोगों का कहना था कि आखिर कब तक घर में बैठे रहेंगे। बहुत से लोग ऐसे थे जो कहते थे कि उन्होंने वैक्सीन ले ली है सो अब कोई डर नहीं है। यह मौका साल में एक बार ही आता है. हम इसे कैसे छोड़ सकते हैं?
इन्हीं हालातों में कोलकाता समेत राज्य के तमाम इलाकों के पूजा पंडालों में हर दिन भीड़ का नया रिकॉर्ड बना। इससे सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता पहले ही कई गुना बढ़ गई थी। विशेषज्ञों ने अंदेशा जताया है कि हरिद्वार के कुंभ की तरह इस बार दुर्गा पूजा भी सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती है। क्योंकि बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के उमड़ने वाली भीड़ को संक्रमण की कोई चिंता ही नहीं थी।
कोरोना की पाबंदियां
राज्य सरकार और कलकत्ता हाईकोर्ट ने हालांकि बीते साल की तरह इस साल भी आयोजकों को कोरोना से संबंधित पाबंदियों का पालन करने का निर्देश दिया था लेकिन एकाध पंडाल के अलावा तमाम जगहों पर कोरोना प्रोटोकॉल देखने को नहीं मिला। नियम यह था कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले को ही पंडाल के भीतर प्रवेश की अनुमति दी जाए लेकिन इतनी भीड़ में सर्टिफिकेट देखना असंभव था। सेल्फी खींचने में जुटे लोग मास्क की भी परवाह नहीं कर रहे थे।
पश्चिम बंगाल सरकार ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह देते हुए कहा था कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए एहतियाती कदम उठाने और घर में ही त्योहार मनाने का आग्रह किया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोलकाता में फिर से कोविड का ग्राफ बढ़ने लगा है और लोगों को सावधान रहना चाहिए। लोगों का डर खत्म हो गया है जिससे संक्रमण की एक नई लहर पैदा हो सकती है। इस साल सरकार ने 10 से 20 अक्बर तक रात के कर्फ्यू में ढील दे दी थी नतीजतन पूरी रात सड़कों और पंडालों में लोगों का ज्वार उमड़ता रहा।
एक विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर दुर्गा पूजा सुपर स्प्रेडर साबित हुई तो संक्रमितों की तादाद तो तेजी से बढ़ेगी ही, नया वेरिएंट भी पैदा हो सकता है। बंगाल में अब तक 1.81 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लगी है। पहले कोविड के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रोजाना औसतन एक हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाया जा रहा था वहीं अब यह तादाद घट कर पांच सौ से भी नीचे आ गई है।