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Bengal Politics: ममता को लेकर टीएमसी का टेंशन बढ़ा, सीएम की कुर्सी बचाने के लिए चुनाव आयोग से मुलाकात
Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अभी तक विधायक न बन पाने के कारण तृणमूल कांग्रेस की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। अब उनके लिए सिर्फ 90 दिनों का वक्त ही बचा है।
Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के अभी तक विधायक (MLA) न बन पाने के कारण तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। अब उनके लिए सिर्फ 90 दिनों का वक्त ही बचा है। यदि इस अवधि के दौरान वे विधायक (Vidhayak) नहीं बन सकीं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Resign from The CM Post) देना पड़ेगा। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को विधायक बनवाने के लिए तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भागदौड़ तेज कर दी है।
राज्य में विधानसभा की सात सीटों पर जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर तृणमूल के मंत्रियों के दल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब से शुक्रवार को मुलाकात की। तृणमूल के नेताओं ने आफताब से अपील की कि राज्य की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। जानकारों का कहना है कि जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए तृणमूल नेताओं (TMC Neta) ने आयोग (Election Commission) पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।
हार के बाद भी मुख्यमंत्री बनी थीं ममता
राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा (BJP) की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद ममता बनर्जी अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 200 से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब हुई थीं। ममता की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की घेरेबंदी को नाकाम बनाते हुए इतनी बड़ी जीत हासिल की थी।
ममता अपनी पार्टी को तो जीत दिलाने में कामयाब रहीं मगर नंदीग्राम विधानसभा सीट पर उन्हें भाजपा प्रत्याशी सुवेन्दु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। ममता की हार के बावजूद उन्हें तृणमूल विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अब उन्हें 5 नवंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना है और यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
उपचुनाव की तारीखों के जल्द एलान की मांग
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ( Partha Chatterjee) ने बताया कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आफताब से पार्टी नेताओं ने अनुरोध किया है कि राज्य में विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का जल्द से जल्द एलान किया जाए। तृणमूल नेताओं ने तर्क दिया कि मौजूदा समय में कोरोना महामारी पर भी काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है और इसलिए चुनाव कराने की स्थितियां बन गई हैं।
यदि चुनाव पर टाला गया तो आने वाले दिनों में महामारी का कहर बढ़ने के बाद चुनाव कराने में दिक्कत पैदा हो सकती है। चटर्जी ने कहा कि हमने चुनाव अधिकारी से मांग की है कि राज्य की दो सीटों पर चुनाव और पांच सीटों पर उपचुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएं। इसमें किसी भी प्रकार की देरी नहीं की जानी चाहिए।
आयोग ने तैयारियां शुरू होने की जानकारी दी
तृणमूल नेता ने कहा कि सीईओ ने कहा कि इस संबंध में तैयारी की जा रही है। सीईओ से मुलाकात के बाद चटर्जी ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हुए तीन महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। ऐसे में हमने आयोग से इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की कि आयोग की ओर से क्या तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से हमें तैयारियां जारी रहने की जानकारी दी गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने वाले दल में चटर्जी के अलावा सुब्रत मुखर्जी, शशि पांजा और चंद्रिमा भट्टाचार्य शामिल थे।
भवानीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं ममता
तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नंदीग्राम में चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर अपने पुराने चुनाव क्षेत्र भवानीपुर से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भवानीपुर सीट से शोभन देव चट्टोपाध्याय ने जीत हासिल की थी मगर बाद में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि उन्होंने ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने के लिए ही यह सीट खाली की है। भवानीपुर सीट से ही ममता ने पिछले दो विधानसभा चुनाव जीते थे।
चट्टोपाध्याय के अब खररदान विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। टीएमसी की काजल सिन्हा के कोरोना महामारी से हुए निधन के बाद यह सीट खाली है और यहां पर भी उपचुनाव होने वाला है।