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Bhawanipur Bypolls: ममता की किस्मत का फैसला आज, भवानीपुर में कड़ी सुरक्षा, भाजपा ने लगाया गड़बड़ी का आरोप
Bhawanipur Bypolls: पश्चिम बंगाल में आज तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। इन तीन सीटों में भवानीपुर की वह विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं।
Bhawanipur Bypolls: पश्चिम बंगाल में आज तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। इन तीन सीटों में भवानीपुर की वह विधानसभा सीट (Bhawanipur Vidhan Sabha Seat) भी शामिल है, जहां से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं। भवानीपुर में हाल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) पर किए गए हमले के बाद चुनाव आयोग ने कड़ा तेवर अपनाया है। सिर्फ भवानीपुर उपचुनाव के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की 20 से अधिक कंपनियां तैनात की गई हैं।
उधर भाजपा ने आरोप लगाया है कि टीएमसी ने भवानीपुर में काफी संख्या में गुंडों को जुटा रखा है, जिनकी मदद से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी। उधर मतदान शुरू होते ही भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल (Priyanka Tibrewal) ने टीएमसी विधायक मदन मित्रा (Madan Mitra) पर जबरदस्ती वोटिंग मशीन बंद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बूथ कैपचरिंग (Booth Capturing) की कोशिश की जा रही है।
भवानीपुर का उपचुनाव ममता बनर्जी की भावी सियासत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी है नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छिन जाएगी। ममता के लिए नवंबर के पहले हफ्ते तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। यही कारण है कि ममता ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
भाजपा नेता घोष के साथ हुई थी हिंसा
भवानीपुर में हाल ही में भाजपा नेता दिलीप घोष के साथ धक्का-मुक्की की गई थी। उनके सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला था। इस हमले के बाद घोष ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए चुनाव स्थगित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि जब मतदाता क्षेत्र में सुरक्षित माहौल में मतदान नहीं कर सकता तो ऐसे चुनाव का कोई मतलब नहीं है।
बाद में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग से भी मुलाकात की थी। भाजपा प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि यदि भवानीपुर में उपचुनाव स्थगित नहीं किया जाता है तो वहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाने चाहिए। भाजपा नेताओं ने भवानीपुर में गुंडागर्दी और बूथ लूटने की आशंका भी जताई थी।
भवानीपुर में कड़े सुरक्षा प्रबंध
भवानीपुर में हिंसा की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग की ओर से कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बलों की बीस से अधिक कंपनियों की तैनाती की गई है। इनमें सीआरपीएफ की सात और सीआईएसएफ और आईटीबीपी की पांच कंपनियां शामिल हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को होने वाले मतदान के लिए स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। हिंसा की घटनाओं पर आयोग की ओर से कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
भाजपा को निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं
दूसरी और भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी के राज में कभी निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस पर ममता सरकार का नियंत्रण है। पूर्व में हुई हिंसा की घटनाओं के दौरान पुलिस पूरी तरह मूकदर्शक बनी रही। गुरुवार को मतदान के दौरान भी स्थानीय पुलिस टीएमसी कार्यकर्ताओं की ही मददगार बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती होने पर ही लोग घरों से मतदान के लिए बाहर निकल सकते हैं।
उन्होंने टीएमसी पर अपराधियों को भवानीपुर में इकट्ठा करने का आरोप भी लगाया। भाजपा सांसद ने कहा कि हम विभिन्न होटलों की तलाशी लेने में जुटे हुए हैं क्योंकि वहां पर टीएमसी की ओर से गुंडों को जुटाए जाने की आशंका है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों के संबंध में पुलिस को सूचना दी जाएगी। हालांकि हमें पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई किए जाने का भरोसा नहीं है।
ममता के लिए उपचुनाव काफी अहम
भवानीपुर विधानसभा सीट पर ममता बनर्जी का भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल से मुकाबला है। भवानीपुर विधानसभा सीट ममता बनर्जी का पुराना गढ़ रही है। ममता ने 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से जीत हासिल की थी। गत विधानसभा चुनाव में भी पहले ममता के इसी सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी मगर बाद में उन्होंने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को सबक सिखाने के लिए नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया।
नंदीग्राम के चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने ममता को कड़े मुकाबले में करीब 19 मतों से पराजित किया था। हार के बावजूद टीएमसी विधायकों ने ममता को ही विधायक दल का नेता चुना था। ममता ने गत 5 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ऐसे में उनके लिए नवंबर के पहले हफ्ते तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। ऐसा न होने पर उनकी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छिन जाएगी। इसी कारण टीएमसी ने भवानीपुर उपचुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
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