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त्रिशंकु विधानसभा! बढ़ेगा टीएमसी में टूट का खतरा, क्या करेंगी ममता
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस स्पष्ट बहुमत पाती नजर आ रही है। और भाजपा सौ सीटों के आंकड़े तक पहुंचने की लडाई में है।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में कांटे की लड़ाई चल रही है। हालांकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस स्पष्ट बहुमत पाती नजर आ रही है। और भाजपा सौ सीटों के आंकड़े तक पहुंचने की लडाई में है। इन हालात में एक बार फिर से अटकलें शुरू हो गई हैं जिनमें कहा जा रहा है कि भाजपा प.बंगाल में सौ से अधिक सीटें जीतेगी और सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। कैसे यह पूछने पर सूत्रों का कहना है आप खेल देखिये। सरकार भाजपा की ही बननी है।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि क्या बहुजन समाज पार्टी का विभाजन भूल गए और फिर तृणमूल कांग्रेस में विभाजन क्यों नहीं हो सकता। लेकिन ये बात उस समय लागू होगी जब स्पष्ट बहुमत हासिल करने से तृणमूल कांग्रेस पिछड़ जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे तमाम प्रत्याशी भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं। यह प्रत्याशी भाजपा की सरकार बनने की संभावनाओं के नजर अपनी गोट फिट करने के प्रयासों में लगे हैं।
ममता के लिए ये बड़ी चुनौती
ऐसे में कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि यदि ममता की पार्टी स्पष्ट बहुमत से थोड़ा भी पीछे रह जाती है तो उसके लिए सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में उसके जो नेता इस समय पार्टी नहीं छोड़े हैं उनमें से एक बड़ा वर्ग इस संभावना की तलाश में जुटा है कि कैसे दो तिहाई लोगों का विभाजन कराकर टीएमसी को तोड़ दिया जाए।
गौरतलब है कि पार्टी में टूट की ऐसी ही आशंका के मद्देनजर कांग्रेस ने असम में चुनाव लड़ रहे अपने तमाम प्रत्याशियों को राजस्थान में ठहराया हुआ है। अब ऐसे में अगर टीएमसी में टूट की संभावना होती है तो ममता बनर्जी के लिए अपने कुनबे को संजो पाना एक बड़ी चुनौती होगी।
साथ ही सबको संतुष्ट कर पाना भी संभव नहीं होगा। इन हालात में परिस्थितियां क्या मोड़ लेंगी ये आज नतीजों के स्पष्ट होने के बाद ही तय होगा। हालांकि भगवा पार्टी के तमाम नेता आश्वस्त हैं कि बहुमत से दूर रहने पर भी सरकार तो भाजपा की ही बनेगी।