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Birbhum Violence: दिल्ली से गए बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने रोका, सभी रास्तों को किया गया ब्लॉक

Birbhum Violence: बीजेपी ने पांच सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज बीरभूम जिले के उस हिंसाग्रस्त गांव के दौरे को लेकर बंगाल पहुंची। लेकिन बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को घटनास्थल पर जाने के क्रम में सत्ताधारी टीएमसी के कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 24 March 2022 5:26 PM IST
Birbhum Violence
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Birbhum Violence

Birbhum Violence: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले (Birbhum District) के एक गांव बोगटूई में हुए वीभत्स राजनीतिक हिंसा को लेकर सियासत गरमाई हुई है। घटना को लेकर ममता सरकार (Mamata Government) की तीखी आलोचना हो रही है। वहीं विपक्षी बीजेपी ने सत्ताधारी टीएमसी (TMC) के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक मोर्चा खोल दिया है। बंगाल में हुई इस हिंसक वारदात का जायजा लेने के लिए बीजेपी ने पांच सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जो आज बीरभूम जिले (Birbhum District) के उस हिंसाग्रस्त गांव के दौरे को लेकर बंगाल पहुंची। लेकिन बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को घटनास्थल पर जाने के क्रम में सत्ताधारी टीएमसी के कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा।

तृणमुल के कार्यकर्ताओं ने रोका रास्ता

बीरभूम जिले (Birbhum District) के बोगटूई गांव स्थित घटनास्थल पर जाने के लिए निकली बीजेपी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के काफिले को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने रास्ते में ही रोक दिया। जगह-जगह सड़कों पर अवरोध लगाने के बाद बीजेपी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल के लिए पैदल ही निकल पड़ा। इस दौरान भाजपा (BJP) नेताओं के आगे सत्ताधारी तृणमुल के कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करने लगे और उनका मार्ग अवरुद्ध कर दिया। टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा रास्ता रोके जाने के बाद बीजेपी सांसदों की टीम सैंथिया थाने में बैठ गई। इस दौरान बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नारेबाजी होती रही।

बीजेपी सांसदों के इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व आईपीएस अधिकारी सत्यपाल सिंह, बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार और केसी रामामूर्ति समेत अन्य दो भाजपा सांसद शामिल हैं। बीजेपी की ये केंद्रीय टीम बीरभूम हिंसा पर एक रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेगी।

बंगाल में राष्ट्रपति शासन की जरूरत

बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence) को लेकर जांच करने पहुंची बीजेपी (BJP) की केंद्रीय टीम ने टीएमसी समर्थकों द्वारा रास्ता बंद किए जाने पर बंगाल पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यहां कहीं भी बंगाल पुलिस नहीं दिखाई पड़ रही है। राज्य की विधि व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बंगाल पुलिस (Bengal Police) का टीएमसी के गुंडों के साथ गठजोड़ खुलेआम दिख रहा है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JB Nadda) के कारण सीआईएसएफ की सुरक्षा मिली है, अन्यथा टीएमसी के गुंडे हमला भी कर सकते है। पहले हमारी गाड़ियों को रोका गया, फिर ट्रकों को सड़क पर खड़ा करके ड्राइवर भगा दिए गए। इस राज्य में असल में जंगलराज है। पश्चिम बंगाल को राष्ट्रपति शासन लगा कर ही बचाया जा सकता है।

इससे पहले बंगाल विधानसभा (Bengal Assembly) में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) और बैरकपुर से बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह (Arjun Singh) को भी प्रभावित स्थल पर जाने से रोक दिया गया था। बता दें कि बीरभूम जिले (Birbhum District) में हुई इस राजनीतिक हिंसा में बच्चे और महिलाएं समेत आठ लोग जिंदा जलकर मारे गए थे।

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Deepak Kumar

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