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मुस्लिम मतों का बंटवारा रोकने की कोशिश, ममता का गंभीर आरोप

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा सियासी दांव...

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 4 April 2021 2:19 PM IST (Updated on: 4 April 2021 5:43 PM IST)
मुस्लिम मतों का बंटवारा रोकने की कोशिश, ममता का गंभीर आरोप
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फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा सियासी दांव खेला है। उन्होंने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और फुरफुरा शरीफ के इमाम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के बहाने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमानों में फूट पैदा करने के लिए भाजपा की ओर से इन दोनों को पैसा दिया गया है। उन्होंने मतदाताओं को सतर्क करते हुए कहा कि उनके लिए वोट देने का मतलब भाजपा को वोट देना होगा।

सियासी जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी रोकने की कोशिश में जुट गई हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएस ने वामदलों और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रखा है और यही कारण है कि ममता बनर्जी ने ओवैसी के साथ सिद्दीकी पर भी बड़ा हमला बोला है।

ओवैसी और सिद्दीकी को भाजपा ने दिए पैसे

मुस्लिम मतों के बंटवारे की आशंका से डरी ममता ने मुस्लिम बहुल रायदिघी इलाके की रैली में बड़ा सियासी कार्ड चला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की ओर से ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी को हिंदू और मुस्लिमों को बांटने के लिए पैसे दिए गए हैं।

उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से कहा कि अगर आप एनआरसी और बंटवारा नहीं चाहते हैं तो ओवैसी और अब्बास को वोट नहीं देना चाहिए। इन दोनों को वोट देने का मतलब होगा भाजपा को वोट देना। इसलिए आपको मतदान सोच समझकर करना होगा।

मुस्लिम वोट बैंक सहेजने में जुटीं ममता

रायदिघी में मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी आबादी है और यहां छह अप्रैल को तीसरे चरण में मतदान होना है। बंगाल में कड़े सियासी मुकाबले और भाजपा की ओर से जमकर हिंदुत्व कार्ड खेले जाने के बाद ममता बनर्जी अब अपने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने के प्रति सतर्क हो गई हैं।पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा सियासी दांव खेला है। उन्होंने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी और फुरफुरा शरीफ के इमाम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के बहाने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमानों में फूट पैदा करने के लिए भाजपा की ओर से इन दोनों को पैसा दिया गया है।


यही कारण है कि उन्होंने ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें भाजपा का एजेंट बताने की कोशिश की है। जानकारों का मानना है कि इसके जरिए ममता बनर्जी अपने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी रोकने की कोशिश कर रही हैं।

अशांति से भाजपा को होगा फायदा

रायदिघी की रैली में ममता ने कहा कि हमारी यह संस्कृति रही है कि हिंदू और मुस्लिम एक साथ चाय पीते हैं और एक साथ दुर्गा पूजा और काली पूजा का त्योहार मनाते हैं। बंगाल के गांवों में अशांति पैदा होने पर भाजपा को काफी फायदा होगा और वह सत्ता में आ जाएगी।

उन्होंने कहा कि मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं। दलितों के घर भोजन खाने पर भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि मैं एक ब्राह्मण महिला होने के बावजूद एक अनुसूचित जाति की महिला का पकाया हुआ भोजन रोज करती हूं। मुझे इसका प्रचार करने की कोई जरूरत नहीं है।

ममता की परेशानी का कारण

फुरफुरा शरीफ के इमाम पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का मुस्लिमों में काफी प्रभाव है और वह पूर्व के चुनाव में ममता बनर्जी का समर्थन करते रहे हैं मगर इस बार सियासी स्थितियां बदली हुई हैं। उन्होंने नई पार्टी बनाकर कांग्रेस और वाममोर्चा के साथ गठबंधन कर लिया है।

दूसरी ओर ओवैसी भी चुनाव मैदान में ताल ठोकने में जुटे हुए हैं। इन दोनों की वजह से मुस्लिम मतों के बंटवारे की आशंका पैदा हो गई है जिसे लेकर ममता बनर्जी खासी परेशान हैं। यही कारण है कि उन्होंने अब्बास सिद्दीकी और ओवैसी पर बड़ा हमला बोला है। इसे मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी रोकने की ममता बनर्जी की बड़ी कोशिश माना जा रहा है।



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Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

Political Editor

न्यूजट्रैक ग्रुप की कोर टीम के सदस्य हूँ। मीडिया में 35 वर्षों से अधिक का करियर है। प्रमुख हिंदी अखबारों में वरिष्ठ पदों पर काम किया है। देश के प्रतिष्ठित संस्थान Indian Institute of Mass Communication से शिक्षा लेने के बाद दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी में हिंदुस्तान, अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा और दैनिक जागरण जैसे विभिन्न प्रमुख समाचार पत्रों में काम किया।

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