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बंगाल में मतदाताओं को रिझाने की होड़, TMC-BJP के बीच जुबानी जंग और तेज
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख नजदीक आने के साथ ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच अंतिम...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली:पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख नजदीक आने के साथ ही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच अंतिम क्षणों में मतदाताओं को प्रभावित करने की होड़ तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांथी में आयोजित बड़ी रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दीदी दुआरे सरकार की बात कर रही हैं मगर पश्चिम बंगाल दो मई को उन्हें दरवाजा दिखाने को तैयार है।
दूसरी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतदान तक बाहरी के मुद्दे को गरम रखना चाहती हैं। बाहरी के मुद्दे पर पीएम के आरोपों पर पलटवार करते हुए ममता ने आरोप लगाया है कि बंगाल में चुनाव जीतने के लिए यूपी से तिलकधारी और भगवाधारी गुंडों को बुलाया गया है।
इस बीच पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने विवादित बयान देते हुए ममता बनर्जी को अपनी चोट दिखाने के लिए बरमूडा पहनने तक की सलाह दे डाली है। सियासी जानकारों का मानना है कि मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तीखा हो गया है।
कड़ी सियासी जंग के संकेत
बंगाल में मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही विभिन्न एजेंसियों की ओर से कराए गए चुनाव पूर्व सर्वे भी राज्य में कड़ी सियासी जंग का संकेत दे रहे हैं। सर्वे से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी सियासी जंग दिख रही है जबकि वामदलों और कांग्रेस का गठबंधन काफी पिछड़ गया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस की कमजोर स्थिति को देखते हुए ही राहुल और प्रियंका दोनों पश्चिम बंगाल से ज्यादा असम और दक्षिणी राज्यों के चुनाव में दिलचस्पी ले रहे हैं। इन दोनों नेताओं ने अभी तक पश्चिम बंगाल में एक भी चुनावी दौरा नहीं किया है जबकि अन्य चुनावी राज्यों वे लगातार सक्रिय बने हुए हैं।
मोदी का ममता पर सीधा निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल के कई दौरे किए हैं और अपनी चुनावी सभाओं में उन्होंने लगातार तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी पर सीधा हमला किया है। पीएम मोदी बुधवार को भी पश्चिम बंगाल में चुनावी रैली करने के लिए पहुंचे थे। अधिकारी परिवार का गढ़ माने जाने वाले कांथी की चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल ने पूरे भारत को वंदेमातरम की भावना से बांधा है और अब उसी बंगाल में ममता बनर्जी बाहरी होने का मुद्दा उठा रही हैं।
डबल इंजन वाली सरकार की वकालत
उन्होंने ममता पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब बंगाल को बम और बंदूकों से मुक्ति दिलाने का समय आ गया है। बंगाल को शांति और स्थिरता चाहिए। पश्चिम बंगाल की सरकार ने बंगाल को सिर्फ अंधकार देने का काम किया है। भाजपा की सरकार बनने पर डबल इंजन की सरकार राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाने में कामयाब होगी।
उन्होंने पश्चिम बंगाल को एक बार फिर सोनार बांग्ला बनाने का वादा दोहराया। अपनी चुनावी सभा में मोदी ने युवाओं, किसानों, महिलाओं और गरीब मतदाताओं पर डोरे डालने की पूरी कोशिश की।
यूपी से गुंडे बुलाने का ममता का आरोप
दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पीएम मोदी और भाजपा को तीखा जवाब देने में जुटी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में चुनाव जीतने के लिए यूपी से तिलकधारी और भगवाधारी गुंडे बुलाए जा रहे हैं। पीएम मोदी को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री आज तक नहीं देखा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा की प्रताड़ना के कारण यूपी में आईपीएस अफसर नौकरी छोड़ने के लिए भी विवश हैं। ममता ने कहा कि भाजपा की ओर से बुलाए गए बाहरी गुंडे बंगाल की संस्कृति को नष्ट करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने किसान आंदोलन का भी मुद्दा उठाया और कहा कि किसान सड़कों पर धरना देने के लिए विवश हैं मगर पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
दिलीप घोष के बयान पर विवाद
इस बीच पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के एक बयान पर विवाद पैदा हो गया है। दिलीप घोष ने एक रैली में ममता बनर्जी को घेरते हुए कहा कि अगर वे अपना पैर दिखाना चाहती हैं तो उन्हें साड़ी के बजाय बरमूडा पहन लेना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि लोग ममता का चेहरा नहीं देखना चाहते हैं। इसलिए वे अपना टूटा हुआ पैर दिखा रही हैं। उन्होंने ममता बनर्जी का प्लास्टर करने वाले डॉक्टरों पर भी सवाल करते हुए कहा कि पता नहीं कैसे डॉक्टर थे जिन्होंने उनके बाएं पैर में प्लास्टर लगा दिया जबकि चोट उनके दाहिने पैर में लगी थी।
और तीखी हुई जुबानी जंग
सियासी जानकारों का मानना है कि मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही भाजपा और टीएमसी के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो गई है। भाजपा की ओर से जहां सोनार बांग्ला का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है वहीं ममता बनर्जी भाजपा को बाहरी बताते हुए एक बार फिर बंगाल के लोगों के हाथ में ही सत्ता सौंपने की बात पर जोर दे रही हैं।
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं और पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। यही कारण है कि दोनों पक्षों के बीच जंग और तीखी हो गई है और अंतिम क्षणों में मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।