ममता की टिप्पणी पर कांग्रेस का तीखा जवाब, भाजपा से हाथ मिलाने और राजग सरकार में मंत्री बनने की याद दिलाई

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 1 Nov 2021 7:16 AM GMT
ममता की टिप्पणी पर कांग्रेस का तीखा जवाब, भाजपा से हाथ मिलाने और राजग सरकार में मंत्री बनने की याद दिलाई
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ममता बनर्जी- अधीर रंजन चौधरी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Congress Ka Mamata Banerjee Par Hamla: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal Ke Mukhyamantri) और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की ओर से लगाए गए आरोपों का कांग्रेस (Congress) ने तीखा जवाब दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने ममता पर पलटवार करते हुए कहा कि वे उस पार्टी का विरोध करने में जुटी हुई हैं जिसने उन्हें हमेशा समर्थन दिया है। उन्होंने ममता को याद दिलाया कि भाजपा के साथ गठबंधन (BJP Se Gathbandhan) करके वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार में मंत्री (NDA Sarkar Mein Mantri) भी बनी थीं।

उन्होंने कहा की भाजपा और पीएम मोदी (PM Narendra Modi) का मुकाबले का दावा करने वाली ममता को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने भाजपा के साथ क्यों गठबंधन किया था। ममता बनर्जी ने अपनी गोवा यात्रा (Mamata Banerjee Ka Goa Daura) के दौरान कांग्रेस पर बड़ा हमला (Congress Par Hamla) बोला था और उसे पीएम मोदी की मजबूती के लिए जिम्मेदार ठहराया था। अब कांग्रेस भी ममता को जवाब देने में जुट गई है।

ममता बनर्जी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ममता ने गोवा में की थी तीखी टिप्पणी

गोवा में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए ममता ने हाल में तीन दिवसीय दौरा किया था। इस यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में ममता ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा था कि कांग्रेस के राजनीति के प्रति गंभीर न होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ताकतवर बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी बड़े मुद्दों पर कोई फैसला नहीं ले पा रही है। ममता ने सवाल किया था कि यदि कोई पार्टी अनिर्णय की स्थिति में रहती है तो उसकी सजा देश को क्यों भुगतनी चाहिए?

उन्होंने कहा कि टीएमसी (TMC) का मानना है कि चुनाव में क्षेत्रीय दलों के लिए भी सीटें छोड़ी जानी चाहिए। ममता ने कहा कि हम भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं और हम कभी भाजपा के आगे सिर नहीं झुकाएंगे। कांग्रेस को अपना फैसला करने दें। ममता से पहले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी कांग्रेस को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी।

अधीर रंजन चौधरी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कांग्रेस बोली- ममता अपना इतिहास न भूलें

अब कांग्रेस ने ममता की टिप्पणी का तीखा जवाब दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अपना राजनीतिक इतिहास नहीं भूलना चाहिए। कांग्रेस पर हमला करने से पहले उन्हें अपने अतीत के कदमों का जवाब देना होगा। चौधरी ने सवाल किया कि ममता इस बात का जवाब दें कि उन्होंने पूर्व में भाजपा के साथ क्यों हाथ मिलाया था? आज भले ही ममता विपक्षी एकता की वकालत करने में जुटी हुई हैं मगर वे राजग सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं।

बहरामपुर से कांग्रेस के सांसद चौधरी ने ममता पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्हें भाजपा का एजेंट तक बता दिया। उन्होंने कहा कि ममता की कारगुजारी इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वे भाजपा का एजेंट बन चुकी हैं। वे अब कांग्रेस की आलोचना करने में जुटी हुई हैं जबकि कांग्रेस ने हमेशा उन्हें समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस भाजपा का मुकाबला करने में जुटी हुई है। कांग्रेस भाजपा और पीएम मोदी की ओर से उठाए जाने वाले हर गलत काम का जवाब दे रही है।

चौधरी ने ममता से पूछा सवाल

चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से समर्थन दिए जाने के बावजूद ममता पार्टी से संतुष्ट नहीं हैं। जैसा व्यवहार ममता कांग्रेस के साथ कर रही हैं क्या वैसा ही व्यवहार वे पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ भी करेंगी? पश्चिम बंगाल के लोगों ने लगातार तीन बार ममता बनर्जी को सत्ता में लाने का काम किया है मगर उनके व्यवहार का कोई अंदाजा नहीं है। उन्होंने ममता की ओर से कांग्रेस पर लगाए जा रहे आरोपों को अनुचित और गलत करार दिया।

कांग्रेस और वामदलों का गठबंधन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कांग्रेस ने किया था वामदलों से गठबंधन

पश्चिम बंगाल के गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन किया था। ममता बनर्जी ने अपने दम पर चुनाव लड़ते हुए अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को लगातार तीसरी बार जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की थी। भाजपा ने चुनाव में ममता को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत लगाई थी मगर भाजपा को कामयाबी नहीं मिल सकी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा सिर्फ 77 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। इनमें से करीब आधा दर्जन विधायक अभी तक पार्टी से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। अभी भी कई और विधायकों के पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने की संभावना जताई जा रही है।

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