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Crackers Ban: SC ने कलकत्ता हाईकोर्ट के संपूर्ण पटाखा बैन के आदेश को रद्द किया, फोड़े जा सकेंगे ग्रीन पटाखे
Crackers Ban: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिवाली पर लोग ग्रीन पटाखे फोड़ सकते हैं।
Crackers Ban: दिवाली (Diwali 2021) को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में लगे पटाखों पर बैन (patako per ban) को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court Bengal) ने यह फैसला सुनाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के संपूर्ण पटाखा बैन के आदेश को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिवाली पर लोग ग्रीन पटाखे फोड़ सकते हैं। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इस साल काली पूजा, दिवाली और कुछ अन्य त्योहारों के दौरान राज्य में पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर बैन रहेगा। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है।
पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश (patako per supreme court ka adesh)
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई के चलते फैसला सुनाया है कि राज्य में पूर्ण रूप से पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा तथा राज्य में दीवाली और अन्य त्योहारों के उपलक्ष्य पर ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकते हैं।
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी की स्पेशल बेंच ने उच्च न्यायालय द्वारा 29 अक्टूबर को पारित आदेश की पश्चिम बंगाल के भीतर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा के जवाब में अपना फैसला सुनाकर पूर्ण रूप से पटाखों पर लगे बैन को हटा दिया है तथा सिर्फ ग्रीन पटाख़ों के उपयोग पर सहमति दी है।
यहां पटाखों बैन हटा (patako per ban)
पश्चिम बंगाल स्थित पटाखा संघ के अध्यक्ष और अन्य संघ कार्यकर्ताओं में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी कि उच्च न्यायालय इस बात को ध्यान रखने में विफल रहा है कि कम से कम सामान्य पटाखों की अपेक्षा 30 प्रतिशत कम उत्सर्जन वाल ग्रीन पटाखे स्थानीय बाजार में पेश किए गए हैं तथा इसको ध्यान में रखते हुए पूर्ण रूप से पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध ना लगाया जाए।
इसके अतिरिक्त याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा था कि ईस व्यापार से लगभग सात लाख परिवारों की आय जुड़ी हुई है जो पटाखों के निर्माण और बिक्री की प्रक्रिया में पूर्ण रूप से शामिल हैं। त्योहारों के मौसम में यदि पश्चिम बंगाल राज्य में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है, तो विक्रेताओं और निर्माताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा जिससे यह पटाखा उद्योग पूरी तरह से बंद भी हो सकता है।
अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा था कि अभिव्यक्ति "पटाखे" सभी प्रकार के स्पार्कलर के साथ-साथ अन्य समान सामग्रियों को कवर करेगी, चाहे उनके फटने या जलाने में कोई ध्वनि या प्रकाश उत्पन्न हो या न हो। उच्च न्यायालय ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के अपने निर्णय के चलते पुलिस को निर्देश किया गया था कि पटाखों की बिक्री या खरीद न होने पाए और आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। पटाखे फोड़ने के चलते नागरिकों के जीवन के अधिकार को गंभीर खतरा होगा तथा वायु प्रदूषण की समस्या को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। इसके विपरीत वर्तमान में कोरोना महामारी की समस्या को भी ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है