Delhi : कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जजों के बीच की तकरार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची; आज होगी सुनवाई, मामले की जद में है ममता सरकार

Delhi : बेंच के बीच कुछ असहमत आदेशों के कारण से एक विवाद उत्पन्न हो गया हैं। शीर्ष अदालत ने स्वयं इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। आज सुप्रीम कोर्ट सुबह साढ़े 10 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी।

Aakanksha Dixit
Written By Aakanksha Dixit
Published on: 27 Jan 2024 7:07 AM GMT
India News
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supreme court  source : social media 

Delhi : कलकत्ता उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश पीठ और डिवीजन बेंच के बीच कुछ असहमत आदेशों के कारण से एक विवाद उत्पन्न हो गया हैं। शीर्ष अदालत ने स्वयं इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ, आज यानी 27 जनवरी को विशेष बैठक में इस मामले की सुनवाई करेगी। पूरा मामला पश्चिम बंगाल के फर्जी जाति प्रमाणपत्र के संबंध में है।

दो जजों के बीच का विवाद

वास्तविकता में, यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ और डिवीजन बेंच के बीच एक दूसरे से असहमत होकर पारित हुए कुछ आदेशों से उत्पन्न हुआ है। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की अध्यक्षता वाली सिंगल बेंच ने डबल बेंच के आदेश की अनदेखी करते हुए डबल बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस सौमेन सेन पर राज्य में एक राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया है। अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस शामिल होंगे। आज सुप्रीम कोर्ट सुबह साढ़े 10 बजे इस मामले की सुनवाई करेगी।

यह है पूरा मामला

कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका से उत्पन्न होने वाले मामले में आरोप था कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश को आसान बनाने के लिए कई व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। इसके बाद, बंगाल सरकार ने मामले को लेकर न्यायमूर्ति सेन और उदय कुमार की खंडपीठ की तरफ रुख किया, जिन्होंने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी। गंगोपाध्याय ने 25 जनवरी को मामले की फिर से सुनवाई की और न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ कुछ टिप्पणियां पारित कीं। उनके आदेश में खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति सौमेन सेन पर पश्चिम बंगाल राज्य में एक राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया गया। गंगोपाध्याय ने कलकत्ता एचसी की खंडपीठ के आदेश को नजरअंदाज करने का निर्देश दिया था और सीबीआई को फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में अपनी जांच शुरू करने के लिए कहा था। गंगोपाध्याय ने कहा कि न्यायमूर्ति सेन ने सत्ता में कुछ राजनीतिक दल को बचाने के लिए ऐसा कृत्य किया है और उनका ये कदम स्पष्ट रूप से कदाचार के समान हैं। फिलहाल अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और इस मामले पर सुनवाई की जा रही है।

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नमस्कार मेरा नाम आकांक्षा दीक्षित है। मैं हिंदी कंटेंट राइटर हूं। लेखन की इस दुनिया में मैने वर्ष २०२० में कदम रखा था। लेखन के साथ मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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