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गवर्नर के नंदीग्राम दौरे पर गरमाई सियासत, असम में बंगाल के लोगों से मिलकर ममता पर बिफरे
राज्यपाल सड़क मार्ग से यात्रा करके कूचबिहार से असम के रनपगली पहुंचे थे। गुरुवार को उन्होंने सीतलकुची का दौरा किया था।
नई दिल्ली: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित पूर्वी मेदिनीपुर ज़िले के नंदीग्राम गांव का दौरा किया। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध को दरकिनार कर हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने में जुटे राज्यपाल जगदीप धनखड़ शनिवार को नंदीग्राम पहुंचे। नंदीग्राम के संग्राम में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पराजित कर दिया था और उसके बाद इलाके में हिंसा की घटनाएं हुई थीं। माना जा रहा है कि नंदीग्राम के दौरे से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव और बढ़ेगा।
राज्यपाल धनखड़ ने शुक्रवार को असम के रनपगली में उस शिविर का दौरा किया था जहां खुद को भाजपा समर्थक बताने वाले कई परिवारों ने शरण ले रखी है। शिविर में रहने वाले लोगों ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के हमले के डर से पलायन की बात कही है। दौरे के बाद राज्यपाल ने कहा कि मैंने लोगों को अपने घरों पर लौटने के लिए प्रोत्साहित किया है और मैं अपने सीने पर गोली खाने के लिए तैयार हूं।
नंदीग्राम के दौरे से बढ़ेगा टकराव
हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम को सबसे हाई प्रोफाइल सीट माना जा रहा था क्योंकि इस सीट पर शुभेंदु अधिकारी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कड़ा मुकाबला था। शुभेंदु अधिकारी की जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी दिखी और इसका असर कुछ इलाकों में हिंसा की घटनाओं के रूप में सामने आया।
चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर भी हमला किया गया था। अब राज्यपाल शनिवार को यहां का दौरा करके हिंसा की घटनाओं का आकलन करेंगे। जानकारों का कहना है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में राज्यपाल के दौरे से नाराज चल रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम के दौरे के बाद और खफा हो सकती हैं।
असम में सुना बंगाल के लोगों का दर्द
राज्यपाल ने अपने दौरे की शुरुआत गुरुवार को की थी और शुक्रवार को उन्होंने असम के रनपगली में उन लोगों से मुलाकात की थी जो पश्चिम बंगाल से पलायन करके असम पहुंचे हैं। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिविर में रह रहे लोगों ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया। राज्यपाल ने लोगों को सांत्वना देते हुए उनसे अपने घरों पर लौटने की अपील की।
पुलिस भी टीएमसी कार्यकर्ताओं से भयभीत
दौरे के बाद राज्यपाल ने कहा कि राज्य के लोग पुलिस के पास शिकायत करने से डर रहे हैं। हालत यह हो गई है कि सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं की गुंडई से पुलिस भी भयभीत दिख रही है। उन्होंने कहा कि मैं दौरे के बाद सकारात्मक दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करूंगा। उन्हें चुनाव में जनादेश मिला है और इस कारण उन्हें टकराव का रास्ता छोड़ देना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि जब पूरा राज्य जल रहा था तो क्या उन्हें हिंसा की घटनाएं नहीं दिखीं?
सीतलकुची में राज्यपाल के दौरे का विरोध
राज्यपाल सड़क मार्ग से यात्रा करके कूचबिहार से असम के रनपगली पहुंचे थे। गुरुवार को उन्होंने सीतलकुची का दौरा किया था जहां चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। सीतलकुची में उनके दौरे के दौरान तृणमूल समर्थकों ने विरोध भी जताया और वापस जाओ के नारे बुलंद किए। राज्यपाल ने अपनी गाड़ी से उतरकर इन लोगों से बातचीत भी की थी।
दौरा रद्द करने का अनुरोध ठुकराया
हिंसाग्रस्त इलाकों में राज्यपाल के दौरे से पूर्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें पत्र भी लिखा था और उनके दौरे को प्रोटोकाल के खिलाफ बताया था। उनका कहना था कि राज्यपाल का दौरा सरकार की सहमति से तय होता है मगर इस मामले में राज्यपाल अपनी मनमानी पर उतर आए हैं।
उन्होंने राज्यपाल से दौरा रद्द करने की अपील भी की थी मगर राज्यपाल ने उनके अनुरोध को ठुकरा दिया। अब राज्यपाल शनिवार को नंदीग्राम का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।