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Bengal: एक हफ्ते तक उत्तर बंगाल के दौरे पर गवर्नर, ममता सरकार से तनातनी और बढ़ने की आशंका
Governor Jagdeep Dhankhar : गवर्नर जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के रिश्ते पहले ही काफी तल्ख चल रहे हैं। उन्होंने ममता सरकार की अपील को ठुकराते हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा से ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था।
Governor Jagdeep Dhankhar: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (West Bengal Governor) जगदीप धनखड़ की एक घोषणा पर राजभवन और ममता सरकार (Mamata Sarkar) के बीच तनातनी और बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Rajyapal Jagdeep Dhankhar) ने सोमवार से उत्तर बंगाल का एक सप्ताह का दौरा शुरू करने की घोषणा की है। राज्यपाल ने खुद ट्वीट करके उत्तर बंगाल के दौरे पर निकलने की जानकारी दी है। उनका कहना है कि वे सोमवार को दोपहर में उत्तर बंगाल के दौरे पर निकलेंगे। उन्होंने इस दौरान मीडिया से बातचीत करने की भी घोषणा की है। हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में दौरे के कारणों का खुलासा नहीं किया है।
गवर्नर जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के रिश्ते पहले ही काफी तल्ख चल रहे हैं। उन्होंने ममता सरकार की अपील को ठुकराते हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा से ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था। अब वे एक बार फिर उत्तरी बंगाल के दौरे पर निकल रहे हैं और माना जा रहा है कि इसे लेकर पश्चिम बंगाल में नई सियासी जंग छिड़ सकती है।
कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं गवर्नर
जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल का दार्जिलिंग जाने का भी कार्यक्रम है। यदि उनका यह दौरा कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए होता है तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस दौरे को लेकर एक बार फिर हमलावर हो जाएगी। गवर्नर जगदीप धनखड़ की ओर से राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।
उनका आरोप है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह फेल साबित हुई है और लोगों की जान-माल की कोई सुरक्षा नहीं की जा रही है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से उन्हें लगातार भाजपा की कठपुतली बताया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि वे संवैधानिक पद पर होने के बावजूद भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने फिर की गवर्नर से मुलाकात
इस बीच राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को एक बार फिर राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात की। शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव के बाद जारी हिंसा के मुद्दे पर गवर्नर से बातचीत की है। अधिकारी से मुलाकात के बाद गवर्नर ने अपने ट्वीट में बताया कि शुभेंदु ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही हिंसा की घटनाओं में दखल देने की अपील की है।
गवर्नर ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि राज्य में स्टेट मशीनरी लोगों की सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है और उसका बेजा इस्तेमाल लोगों को डराने-धमकाने में किया जा रहा है। शुभेंदु ने राज्य में मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है।
हमलों की नहीं हो रही जांच
गवर्नर ने कहा कि विपक्ष के नेता ने मुझे जानकारी दी है कि राज्य में भाजपा के पक्ष में वोट देने वाले लोगों पर बर्बर हमले किए जा रहे हैं और इन हमलों की कोई जांच भी नहीं की जा रही है। हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
हाल के दिनों में शुभेंदु अधिकारी की गवर्नर से यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले उन्होंने भाजपा के 50 विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ गवर्नर से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान भी उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल करने की मांग की थी।
गवर्नर के दिल्ली दौरे पर बिफरी टीएमसी
राज्यपाल जगदीप धनखर धनखड़ दिल्ली के चार दिवसीय दौरे के बाद हाल में ही कोलकाता लौटे हैं। दिल्ली में उन्होंने कई मंत्रियों से मुलाकात की थी। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी थी। राज्यपाल के दिल्ली दौरे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है।
घोष का आरोप है कि भाजपा गवर्नर के साथ मिलकर यह साजिश रचने में जुटी हुई है। घोष ने कहा कि राज्यपाल भाजपा के सदस्य के रूप में काम कर रहे हैं और उनका एकमात्र मकसद ममता सरकार को परेशान करना है। वे भाजपा की ओर से रची गई साजिश का हिस्सा बन गए हैं और किसी भी सूरत में जनमत का फैसला स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
ममता सरकार से फिर बढ़ेगी तनातनी
जानकारों का कहना है कि राज्यपाल की ओर से उत्तर बंगाल के दौरे की इस घोषणा के बाद ममता सरकार और राजभवन के बीच सियासी जंग और तीखी होने के आसार हैं।
हाल के दिनों में तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यपाल पर राजभवन में अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति का भी आरोप लगाया गया था। राज्यपाल की उत्तरी बंगाल की एक सप्ताह लंबी यात्रा ममता सरकार और राजभवन के बीच रिश्ते और तल्ख होने का बड़ा कारण बनेगी।